एथलीट मिल्खा सिंह और कई दूसरे लोगों की चंडीगढ़ में जमीन पर सरकार काबिज होना चाहती थी. वजह बताई गई थी टेक्नॉलजी पार्क का निर्माण. मामला कोर्ट कचहरी में पहुंचा. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला मिल्खा सिंह और दूसरे लोगों के पक्ष में दिया और चंडीगढ़ प्रशासन के उस नोटिफिकेशन को खारिज कर दिया, जिसमें जमीन के अधिग्रहण की बात कही गई थी. जस्टिस जीएस सिंघवी और जस्टिस वी गोपाला गौड़ा की बेंच ने कहा कि जमीन अधिग्रहण कानून का इस मामले में ठीक ढंग से पालन नहीं किया गया.
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जमीन का ये मामला 11 बरस पुराना है. साल 2002 के अक्टूबर महीने में चंडीगढ़ यूटी के प्रशासन ने एक नोटिफिकेशन जारी किया. इसमें चंडीगढ़ टेक्नॉलजी पार्क और ऐसे ही दूसरे प्रोजेक्ट्स के लिए 71.96 एकड़ जमीन अधिग्रहीत करने की बात कही गई थी. इस जमीन के मालिकों में एक एथलीट मिल्खा सिंह भी थे. उन्होंने अधिग्रहण एक्ट की धाराओं के तहत इस फैसले के खिलाफ आपत्तियां दर्ज करवाई थीं. इसके बाद भी अधिग्रहण के लिए जिम्मेदार अधिकारियों ने जमीन लिए जाने की संस्तुति कर दी. इसके बाद मामला कोर्ट में चला गया था.