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राष्ट्रमंडल खेलों में भ्रष्टाचार के जिम्मेदार पीएम: भाजपा

बीजेपी अध्‍यक्ष नितिन गडकरी ने कॉमनवेल्‍थ गेम्‍स के आयोजन में बड़े पैमाने पर घोटाले का आरोप लगाया है.

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राष्ट्रमंडल खेलों में कथित रूप से बड़े पैमाने पर हुए भ्रष्टाचार के लिए भाजपा ने मंगलवार को प्रधानमंत्री को निशाना बनाते हुए उनसे सवाल किया कि क्या वह इस सब के लिए सीधे जिम्मेदार नहीं हैं ? उन्‍होंने मांग की कि संयुक्त संसदीय समिति गठित करके इस बात की जांच की जानी चाहिए कि मनमोहन सिंह ने खेलों से संबंधित धन जारी करने वाले जिन कागजात पर हस्ताक्षर किए, क्या उनकी पुष्टि की थी.

भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने नई दिल्‍ली में इस विषय पर आयोजित विशेष संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया, ‘प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का पूरा मंत्रिमंडल राष्ट्रमंडल खेलों के भ्रष्टाचार और अराजकता का जिम्मेदार है.’ उन्होंने कहा कि इन खेलों पर प्रारंभिक लागत का अनुमान 1899 करोड़ रूपए था जो अंत में 70 हजार करोड़ रुपए पंहुच गया.

उन्होंने प्रधानमंत्री से सवाल किया कि खेलों के लिए धन जारी करने वाले जिन कागजात पर वह हस्ताक्षर करते गए, क्या उन्होंने उनकी वास्तविकता की पुष्टि की थी. गडकरी ने मांग की कि संयुक्त संसदीय समिति का गठन करके राष्ट्रमंडल खेलों के भ्रष्टाचार में लिप्त राजनीतिक नेतृत्व की भूमिका की जांच की जाए. इस जांच में सभी संबंधित मंत्रियों और राजनीतिकों की जांच होनी चाहिए. {mospagebreak}

यह पूछे जाने पर कि क्या इस समिति के जांच के दायरे में प्रधानमंत्री कार्यालय भी आएगा, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने जब खेलों से संबंधित धन जारी करने के कागजात पर हस्ताक्षर किए हैं तो स्वाभाविक रूप से उनसे भी पूछा जाएगा कि क्या उन्होंने धन की मंजूरी देने से पहले उसकी पुष्टि की थी.

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गडकरी ने राष्ट्रमंडल खेलों में भ्रष्टाचार के लिए प्रधानमंत्री को घेरते हुए उनसे ही सीधा सवाल किया, ‘क्या आप इस सब गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार नहीं हैं? ..आपने खर्च और अनुमानों की उचित जांच किए बिना अतिरिक्त बजट को मंजूरी दी. आप ऐसा नहीं करते तो भ्रष्टाचार पर रोक लग जाती.’ उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि अब आपके मंत्री, कांग्रेस के नेता और दिल्ली की मुख्यमंत्री भ्रष्ट अधिकारियों की बात कर रहे हैं, लेकिन भ्रष्ट मंत्रियों के बारे में क्या ख्याल है ?

भाजपा अध्यक्ष ने चेतावनी दी कि राष्ट्रमंडल खेलों के भ्रष्टाचार में लिप्त राजनीतिक नेतृत्व की जांच के लिए अगर संयुक्त संसदीय समिति का गठन नहीं किया गया तो उनकी पार्टी नौ नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में भारी हंगामा करेगी. {mospagebreak}

गडकरी हालांकि, बार-बार किए गए इस सवाल को टाल गए कि इन खेलों के भ्रष्टाचार में अगर सुधांशू मित्तल और विजय कुमार मल्होत्रा जैसे भाजपा के लोगों को दोषी पाया गया तो पार्टी क्या उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी. इन सवालों पर उन्होंने बस इतना कहा कि कार्रवाई पार्टी नहीं सरकार को करनी है.

उन्होंने प्रधानमंत्री से सवाल किया कि क्या उन्हें नहीं मालूम कि राष्ट्रमंडल खेलों से संबंधित कई बेनामी लेन देन मॉरिशस के रास्ते से हुआ और पहचान छिपाने के लिए स्विटजरलैंड जैसे देशों के बैंको में पैसे जमा किए गए. उन्होंने कहा, ‘बरसों से यह होता रहा और आप (सिंह) कह रहे हैं कि आप इस सबसे अनजान हैं.’

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भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि राजनीतिक नेतृत्व की भूमिका की जांच संसदीय समिति से कराने के साथ ही राष्ट्रमंडल खेलों से जुड़े भ्रष्टाचार के सभी मामलों की जांच के लिए सीबीआई और सीवीसी सहित अन्य एजेंसियां की कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में एक समन्वय समिति बनाई जाए. {mospagebreak}

उन्होंने यह मांग भी की कि जांच शुरू होने तक राष्ट्रमंडल खेलों से जुड़े सभी कार्यो, परियोजनाओं और एजेंसियों की फाइलों, कागजात और टिप्पणियों (नोट्स) को ज़ब्त कर लेना चाहिए. गडकरी ने यह मांग भी की कि उक्त कार्यो से संबंधित सभी मंत्रियों, अधिकारियों और खेल आयोजन समितियों के सदस्यों को राष्ट्रमंडल खेलों के कार्यो से तुरंत हटा देना चाहिए और उन्हें आदेश दिया जाए कि वे इन खेलों से जुड़ी सभी फाइलों से दूर रहें.

भाजपा नेता ने कांग्रेस के युवा नेतृत्व की विश्वस्नीयता को भी संदेह के घेरे में लाने का प्रयास करते हुए टिप्पणी की, ‘राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति के 35 सदस्यों में राहुल गांधी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, अजय माकन, जितिन प्रसाद, संदीप दीक्षित और कपिल सिब्बल भी शामिल हैं.’

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