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लोकपाल मुद्दे पर सतर्क रहने की जरूरत: किरण

लोकपाल को संवैधानिक दर्जा दिए जाने की सिफारिश पर मोटे तौर पर आम सहमति बन जाने के बीच टीम अन्ना की सदस्य किरण बेदी ने कहा कि यदि यह विधेयक पारित नहीं हुआ तो संप्रग सरकार इसका ठीकरा विपक्ष के सिर पर फोड़ने की कोशिश कर सकती है.

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लोकपाल को संवैधानिक दर्जा दिए जाने की सिफारिश पर मोटे तौर पर आम सहमति बन जाने के बीच टीम अन्ना की सदस्य किरण बेदी ने कहा कि यदि यह विधेयक पारित नहीं हुआ तो संप्रग सरकार इसका ठीकरा विपक्ष के सिर पर फोड़ने की कोशिश कर सकती है.

बेदी ने ट्वीट किया, ‘लोकपाल संवैधानिक इकाई होगा (और) संप्रग को (इसके लिए) विपक्ष के समर्थन की जरूरत होगी? यदि यह पारित नहीं हुआ तो क्या वह ठीकरा फोड़ेगी? (हमें) सतर्क रहने की जरूरत है.’ वह लोकपाल विधेयक का अध्ययन कर रही कार्मिक एवं कानून और न्याय पर संसद की स्थाई समिति के संबंध में जवाब दे रही थीं. समिति के भीतर लोकपाल को संवैधानिक दर्जा दिए जाने सहित अधिकतर मुद्दों पर ‘मौटे तौर पर आम सहमति पर पहुंचने के बाद’ विचार-विमर्श प्रक्रिया को पूरा किया.

हालांकि प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में लाने के विवादित मुद्दे पर आम सहमति नहीं बन पाई. किरण बेदी ने आगाह किया था कि यदि लोकपाल संसद के वर्तमान शीतकालीन सत्र में पारित नहीं हुआ तो राजनीतिज्ञों को कृषि मंत्री शरद पवार की तरह निशाना बनाया जा सकता है. उन्होंने कहा था, ‘प्रार्थना कीजिए कि लोकपाल विधेयक शीतकालीन सत्र में पारित हो जाए नहीं तो सड़कों पर गुस्सा फूट सकता है. राजनीतिज्ञों को निशाना बनाया जा सकता है.’

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हालांकि आज उन्होंने कहा, ‘बहुत गलत हुआ. किसी को ऐसे मारना ठीक नहीं है जी. अपमानजनक व्यवहार पूरी तरह अस्वीकार्य है. इससे सभ्‍य समाज की नींव को नुकसान पहुंचता है. हमें सोचना चाहिए कि यह क्यों हो रहा है?’

कल एक सार्वजनिक कार्यक्रम में एक युवक ने केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार को थप्पड़ मार दिया था. वह भ्रष्टाचार और मंहगाई को लेकर क्षुब्ध था.

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