विशाल जुलूस, गरीबों को दान और धार्मिक उपदेशों के साथ जैन धर्म में शांति के प्रतीक भगवान महावीर की जयंती देशभर में आज मनायी गयी.
लगभग 2500 वर्ष पहले अहिंसा और सहिष्णुता की शिक्षा देने वाले 24 तीर्थंकरों में अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर को श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए अनेक स्थानों पर कार्यक्रमों का आयोजन किया गया.
महावीर जयंती के मौके पर विभिन्न समुदायों के लोगों ने जुलूसों में भाग लिया। इस मौके पर जैन मंदिरों को विशेष तौर पर सजाया गया था.
जैन धर्मावलंबियों ने इस अवसर पर गरीबों को दूध, चावल, फल और जल का दान किया.
जैन मंदिरों में प्रात: काल भगवान महावीर की मूर्तियों का समारोहपूर्वक अभिषेक किया गया.
इस पवित्र अवसर पर देशभर के श्रद्धालुओं ने बिहार के पावापुरी और झारखंड स्थित पार्श्वनाथ मंदिर के दर्शन किये.
इस मौके पर दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने विवाह समारोहों में सादगी अपनाने और कन्या भ्रूण हत्या की बुराई का मुकाबला करने के लिए जैन समुदाय की प्रशंसा की.
इस अवसर पर राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जैन समुदाय को बधाई दी और कहा कि शांति और प्रसन्नता पाने के लिए भगवान महावीर की शिक्षा हमेशा प्रासंगिक रहेंगी.