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कोयला आवंटन पर CAG रिपोर्ट इसी सत्र में: चिदंबरम

कोयला खदान आबंटन और जीएमआर संचालित दिल्ली हवाईअड्डा पर बहुप्रतीक्षित कैग की रिपोर्ट संसद के चालू सत्र में पेश की जाएंगी. वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने यह जानकारी दी.

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पी चिदंबरम
पी चिदंबरम

कोयला खदान आबंटन और जीएमआर संचालित दिल्ली हवाईअड्डा पर बहुप्रतीक्षित कैग की रिपोर्ट संसद के चालू सत्र में पेश की जाएंगी. वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने यह जानकारी दी.

उन्होंने संवाददाताओं को बताया, ‘कैग की रपटें वित्त मंत्रालय में 11 मई को प्राप्त हुईं. 12 को शनिवार और 13 को रविवार था. इन्हें 14 मई को वित्त मंत्री के समक्ष रखा गया और इसे राष्ट्रपति के पास भेजने के लिये मंजूरी दी गई.’ चिदंबरम ने कहा, ‘रपटें 16 मई को भेजी गईं और 26 मई को दोपहर ढाई बजे राष्ट्रपति कार्यालय से वापस प्राप्त की गईं तब तक सदन स्थगित होने की प्रक्रिया में था. इसलिए, इसे पिछले सत्र के अंत तक सदन में पेश नहीं किया जा सका.’

यह पूछे जाने पर कि क्या इन रपटों को चालू सत्र में पेश किया जाएगा, उन्होंने इसका जवाब ‘हां’ में दिया. चिदंबरम ने कहा, ‘बुधवार सुबह हमने लोकसभा और राज्यसभा दोनों को नोटिस भेजकर स्पीकर और चेयरमैन को रपट सदन में पेश करने की तारीख तय करने का अनुरोध किया. एक बार तारीख मिल जाने पर हम सभी तीन रपटों को सदन में रखेंगे.’

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नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की इस रिपोर्ट में वर्ष 2004 से लेकर 2009 के बीच कोयला खदानों को बिना नीलामी के आवंटित किये जाने से निजी कंपनियों को पहुंचाये गये लाभ का मूल्य तय किये जाने की उम्मीद है. इससे पहले इस मामले में 1.8 लाख करोड़ रुपये से अधिक का अनुचित लाभ पहुंचाये जाने का अनुमान सामने आया था.

कोयला आबंटन से संबद्ध कैग की मसौदा रपट में इससे पहले यह आरोप लगाया गया कि रिलायंस पावर को उसकी दो अति वृहद बिजली परियोजनाओं के लिए अधिशेष कोयला आबंटन के जरिए कंपनी को 15,849 करोड़ रुपये का अनुचित लाभ पहुंचाया गया.

साथ ही कैग ने पाया कि दिल्ली हवाईअड्डे का परिचालन करने वाली दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) को रियायती दरों पर दी गई भूमि का उसकी क्षमता से कम इस्तेमाल किए जाने के चलते सरकार को भारी राजस्व नुकसान हो रहा है.

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