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पायलट के समर्थन में गुर्जर होंगे लामबंद, बिरादरी के MLA गहलोत के साथ

राजस्थान की सियासी जंग के बीच गुर्जर समाज सचिन पायलट के समर्थन में उतर आया है और 26 जुलाई को महापंचायत बुलाई गई है. जबकि गुर्जर समुदाय से आने वाले ज्यादातर विधायक अपना नेता सचिन पायलट को नहीं बल्कि अशोक गहलोत को मानते हैं. यही वजह है कि राजस्थान के आठ गुर्जर विधायकों में से पांच गहलोत के साथ खड़े हैं.

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अशोक गहलोत और सचिन पायलट
अशोक गहलोत और सचिन पायलट

  • राजस्थान में 8 गुर्जर विधायकों में से 5 गहलोत के साथ
  • सचिन पायलट को गुर्जर विधायकों का नहीं मिला साथ

राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच शह-मात का खेल जारी है. ऐसे में गुर्जर समाज पायलट के समर्थन में उतर आया है और महापंचायत बुलाई गई है. इसके बावजूद राजस्थान में गुर्जर समुदाय से आने वाले ज्यादातर विधायक अपना नेता सचिन पायलट को नहीं बल्कि अशोक गहलोत को मानते हैं. यही वजह है कि राजस्थान के कुल आठ गुर्जर समुदाय के विधायकों में से पांच गहलोत के समर्थक में मजबूती के साथ खड़े हैं.

राजस्थान में सचिन पायलट को गुर्जर समुदाय का बड़ा नेता माना जाता है. प्रदेश में करीब 6 फीसदी गुर्जर समुदाय की आबादी है और 2018 में आठ विधायक गुर्जर समुदाय से चुनकर आए थे. इनमें सात कांग्रेस और एक बसपा से जीत दर्ज की थी जबकि बीजेपी से कोई भी नहीं जीत सका था. हालांकि, बसपा से जीत दर्ज करने वाले जोगिंदर आवाना बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए. ऐसे में सचिन पायलट ने 18 विधायकों के साथ गहलोत सरकार के खिलाफ बागवत का बिगुल फूंका तो महज दो गुर्जर समुदाय के विधायक ही साथ आए हैं बाकी ने उन पर भरोसा नहीं जाताया है.

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सचिन पायलट खेमे में विधायक इंद्राज गुर्जर और जीआर खटाना ही गुर्जर समुदाय से हैं. इसके अलावा सचिन पायलट खुद भी गुर्जर समुदाय से हैं. वहीं, डॉ. जितेंद्र सिंह, शकुंतला रावत, मंत्री अशोक चांदना गुर्जर, रामवीर सिंह बिधूड़ी और जोगिंदर आवाना जैसे गुर्जर विधायक गहलोत के साथ मजबूती के साथ खड़े हैं. इस तरह से गहलोत ने गुर्जर समुदाय के पांच विधायक को अपने साथ रखकर ये दिखा दिया है कि गुर्जर समुदाय के नेताओं के बीच आज भी उनकी ही पकड़ है.

सीएम अशोक गहलोत अगर पायलट की बगावत के बाद अपनी सरकार को बचाने में कामयाब रहते हैं तो ऐसे में पालयट के विकल्प के तौर पर दूसरे गुर्जर नेता को आगे बढ़ाने की रणनीति पर कदम बढ़ा सकते हैं. हालांकि, जोगिंदर आवाना को वाई श्रेणी की सुरक्षा दे दी है. इसके आलावा युवा नेता और खेल मंत्री अशोक चांदाना को पहले ही कैबिनेट में जगह दे रखी है.

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अशोक चांदाना खुलकर गहलोत के साथ हैं. उन्होंने कहा कि यह गुर्जर समाज के खिलाफ लड़ाई नहीं है बल्कि यह लड़ाई भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच है. ऐसे में वो कांग्रेस के मजबूत सिपाही होने के नाते अपनी पार्टी के साथ खड़े हैं. इसके अलावा जोगिंदर आवाना ने भी साफ कर दिया है कि वो किसी भी सूरत में कांग्रेस छोड़कर नहीं जाएंगे.

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वहीं, हरियाणा के गुरुग्राम के रीठौज गांव में गुर्जर समुदाय पंचायत 26 जुलाई को आयोजित की जाएगी. इसमें हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के गुर्जर समाज के लोग शामिल होंगे, जिसमें सचिन पायलट के समर्थन की बात की जाएगी. लेकिन विधायक का समर्थक गहलोत के साथ है. इस तरह से पालयट के पक्ष में भले ही गुर्जर समुदाय पंचायत कर रहा है, लेकिन उनके ही समुदाय के विधायकों का समर्थन गहलोत के पक्ष में है.

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