भारत-पाक तनाव के बीच बुधवार को अटारी बॉर्डर पर होने वाली रिट्रीट सेरेमनी को रद्द कर दिया गया. यह फैसला उस वक्त लिया गया जब भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया और बॉर्डर पर तनाव बढ़ा.
रिट्रीट सेरेमनी के लिए पहुंचे सैलानियों को वापस भेज दिया गया. गुजरात और महाराष्ट्र से आए पर्यटकों ने कहा कि हमें भारतीय सेना और प्रधानमंत्री मोदी पर गर्व है. उन्होंने कहा कि पहलगाम का बदला लिया गया है.
रिट्रीट सेरेमनी को रद्द कर दिया गया
बता दें, अटारी बॉर्डर की रिट्रीट सेरेमनी एकमात्र ऐसा कार्यक्रम है जो भारत की बीएसएफ और पाकिस्तान रेंजर्स के बीच तालमेल से होता है. इसे देखने देशभर से लोग आते हैं. वहीं, बॉर्डर के गांवों में माहौल शांत है. लोगों ने सेना की कार्रवाई का समर्थन किया और कहा कि वो डर में नहीं हैं.
नेशता गांव के रहने वाले काबुल सिंह ने कहा कि सेना ने बहुत अच्छा काम किया है. पाकिस्तानी आतंकियों के ठिकानों को खत्म कर दिया गया. हमें कोई तनाव नहीं है. अगर जरूरत पड़ी तो हम सेना के साथ खड़े होंगे. पहलगाम हमले के बाद से ही पर्यटकों की संख्या में कमी आई थी. एयर स्ट्राइक के बाद बीएसएफ ने सुरक्षा कारणों से यह कदम उठाया है.
सेना का सहयोग करने के लिए तैयार ग्रामीण
इसके अलावा नेशता गांव के सरपंच मंजींदर सिंह ने कहा कि गांव वाले बिल्कुल भी नहीं डरें हैं. हमें पाकिस्तान के खिलाफ की गई कार्रवाई पर गर्व है. हम अपनी जमीन नहीं छोड़ेंगे और सेना को पूरा सहयोग देंगे. बीएसएफ की ओर से रिट्रीट सेरेमनी बंद करने का पोस्टर भी आईसीपी के बाहर लगाया गया है.