भारत के उत्तर में स्थित जम्मू-कश्मीर न केवल प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि सामरिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण क्षेत्र है. यहां की सीमाएं पाकिस्तान से सटी हुई हैं और इन्हीं सीमाओं की रक्षा के लिए विभिन्न स्थानों पर सीमा चौकियां या "अटारी" (Attari Border Posts) बनाई गई हैं. ये अटारी भारतीय सेना और बीएसएफ (Border Security Force) द्वारा संचालित होती हैं, जो देश की अखंडता और सुरक्षा सुनिश्चित करती हैं.
भारत-पाकिस्तान की सीमा पर स्थित अटारी बॉर्डर देशभक्ति, गर्व और राष्ट्रीय एकता की अद्भुत मिसाल है. पंजाब के अमृतसर जिले से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित यह सीमा न सिर्फ भौगोलिक दूरी को दर्शाती है, बल्कि दो देशों के बीच ऐतिहासिक रिश्तों का भी साक्षी है.
22 अप्रेल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद अटारी-वाघा बॉर्डर यात्रियों के लिए बंद कर दिया गया. तो वहीं, पाकिस्तान ने अफगान ट्रकों के लिए रूट बंद करने के बाद इस बॉर्डर के जरिए होने वाला भारत-अफगान व्यापार भी बंद हो गया.
बता दें कि यहां हर दिन शाम के समय 'बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी' आयोजित की जाती रही है. भारतीय सीमा सुरक्षा बल (BSF) और पाकिस्तान रेंजर्स के जवानों द्वारा आयोजित यह समारोह, ऊर्जा, समन्वय और अनुशासन का प्रतीक रहा है. समारोह के दौरान दोनों देशों के जवान जोश के साथ परेड करते हैं, गगनभेदी नारे लगते हैं, और अंत में राष्ट्रीय ध्वज को गरिमापूर्ण ढंग से उतारा जाता है.इस आयोजन को देखने के लिए भारत और विदेशों से हजारों पर्यटक आते रहे हैं.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान सीमा पर, खासकर पंजाब के अटारी-वाघा बॉर्डर पर, हालात बदल गए हैं. सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने पाकिस्तान के नापाक इरादों का मुंहतोड़ जवाब दिया. अब अटारी-वाघा रिट्रीट सेरेमनी में पाकिस्तान के साथ गेट नहीं खुलते और न ही हाथ मिलाए जाते हैं.
भारत-पाकिस्तान के बीच 10 मई को हुए सीजफायर के बाद सीमा तनाव में कमी आई है. इसके तहत पंजाब के अमृतसर स्थित अटारी बॉर्डर पर दो सप्ताह से बंद बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी फिर शुरू होगी, लेकिन इसमें भारत की ओर से दरवाजे खोलने और पाकिस्तान की सेना से हाथ मिलाने की प्रक्रिया समाप्त कर दी गई है.
सीजफायर के चलते ऑपरेशन सिंदूर रुका हुआ जरूर है, लेकिन बीएसएफ जवान को छोड़ा जाना भी उसी के असर के तौर पर देखा जा रहा है. पाकिस्तान से तीन हफ्ते बाद रिहा किये गये बीएसएफ जवान की पत्नी का तो यही मानना है कि उनका सुहाग भी वैसे ही वापस मिला है, जैसे पहलगाम अटैक का बदला लिया गया.
बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार, जो 23 अप्रैल को अनजाने में फिरोजपुर बॉर्डर से पाकिस्तान की सीमा में चले गए थे, 21 दिन बाद भारत लौट आए हैं. पाकिस्तानी रेंजर्स ने आज सुबह साढ़े दस बजे पूर्णण को बीएसएफ को सौंपा. वीडियो कॉल पर बात करने के बाद उनकी पत्नी ने कहा, 'उन्होंने कहा टेंशन मत लो, मैं ठीक हूं.'
BSF Constable PK Shaw को Pakistan ने लौटाया, 20 दिन बाद अटारी बॉर्डर पर भारतीय अफसरों को हैंडओवर किया
बीएसएफ कांस्टेबल पी के साहू, जो करीब 20 दिन पहले 23 अप्रैल को फिरोजपुर क्षेत्र से अनजाने में सीमा पार कर पाकिस्तान चले गए थे, अब अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्ते सकुशल भारत लौट आए हैं. भारत के निरंतर कूटनीतिक दबाव, "ऑपरेशन्स सिंदूर" की सफलता से बनी सीजफायर सहमति और डीजीएमओ स्तर की वार्ता के बाद जवान की सुरक्षित वापसी संभव हुई है.
BSF soldier Purnam Kumar Shaw returns: बीएसएफ जवान पुर्नम कुमार, जो 23 अप्रैल से पाकिस्तानी रेंजरों की हिरासत में थे, अब भारत लौट आए हैं. बीएसएफ ने आधिकारिक तौर पर बताया है कि कांस्टेबल पुर्नम कुमार को सुबह लगभग साढ़े दस बजे अटारी-वाघा बॉर्डर पर भारत को सौंपा गया और उनकी डीब्रीफिंग प्रक्रिया जारी है.
पहलगाम में आतंकी हमले के 20 दिन के अंदर, भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर निर्णायक कार्रवाई की. हाफिज सईद, मसूद अजहर और सलाहुद्दीन के ठिकानों को निशाना बनाया गया. इस कार्रवाई के कारण अटारी बॉर्डर पर बीटिंग रिट्रीट समारोह रद्द कर दिया गया.
भारत द्वारा पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई के बाद अटारी बॉर्डर पर होने वाली रिट्रीट सेरेमनी रद्द कर दी गई. वहीं बॉर्डर के गांवों में शांति बनी हुई है. गांव वालों का कहना है कि उन्हें कोई डर नहीं है. जरूरत पड़ी तो सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होंगे.
पाकिस्तान से तनाव बढ़ने के बाद अटारी बॉर्डर के पास खेती करने वाले किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. इस दौरान, उन्हें किन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पाकिस्तानी सीमा पर खेती करते वक्त उन्हें क्या दिक्कतें आती हैं. पंजाब आजतक में देखें.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चेतावनी दी है कि आतंक की बची खुची जमीन को मिट्टी में मिला देंगे और पहलगाम हमले के साजिशकर्ताओं को कीमत चुकानी पड़ेगी. पहलगाम हमले के बाद, भारत ने सिंधु जल संधि स्थगित करने, अटारी बॉर्डर बंद करने और पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने का अल्टीमेटम देने जैसे कूटनीतिक कदम उठाए हैं.
पहलगाम अटैक के बाद से मोदी सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने का आदेश दिया था..इसी कड़ी में पाकिस्तानी नागरिकों को वापस उनके वतन भेजा जा रहा है... पाकिस्तान ने आज फिर से अटारी बॉर्डर का गेट खोल दिया है..दरअसल, 1 मई को पाकिस्तान ने वाघा बॉर्डर के गेट बंद कर दिए थे,
भारत सरकार ने दशकों से यहां रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया है, जिससे 40 साल से रह रही परवीन अख्तर जैसी कई जिंदगियां प्रभावित हुई हैं. उन्हें वापस भेजा जा रहा है. एक प्रभावित महिला ने कहा कि वो खता उन्होंने की सजा हम भुगत रहे हैं.
अटारी बॉर्डर पर पाकिस्तानी पासपोर्ट धारकों को जाने दिया जा रहा है, लेकिन कुछ परिवारों को मुश्किल आ रही है. एक परिवार में पाकिस्तानी मां को जाने की अनुमति है, पर उनके भारतीय पासपोर्ट वाले एक साल के बेटे को कथित तौर पर रोका जा रहा है, जबकि बच्चे का दूतावास द्वारा जारी वीज़ा मौजूद है.
पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने का नोटिस दिया, जिससे अटारी-वाघा सीमा पर कई परिवार फंस गए हैं. सीमा बंद होने से भारतीय और पाकिस्तानी नागरिकों से विवाहित महिलाएं अपने बच्चों के साथ अलग-थलग पड़ गईं. देखें वीडियो.
वाघा बॉर्डर पर पाकिस्तान की तरफ से गेट बंद हैं, जिससे कई पाकिस्तानी नागरिक भारत में फंसे हुए हैं. ये सभी नागरिक अटारी बॉर्डर के ज़रिए अपने वतन लौटने के लिए पहुंचे थे,
टेरर अटैक के बाद भारत द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों को वापस जाने के लिए दी गई समय सीमा बढ़ा दी गई है. इसके बावजूद, अटारी बॉर्डर पर कई पाकिस्तानी नागरिक फंसे हुए हैं क्योंकि कथित तौर पर पाकिस्तान की तरफ से गेट नहीं खोले गए हैं. एक फंसे हुए नागरिक ने कहा, 'जिन्होंने जुर्म किया उन्हें पकड़े, आवाम को क्यों तंग कर रहे हैं?'.
कश्मीर में करीब 40 साल से रह रही परवीन का कहना है कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कीमत हमें चुकानी पड़ रही है. अब पुलिस जबरन हमें पाकिस्तान भेज रही है. लेकिन हम वहां जाना नहीं चाहते. परवीन ने बताया कि उनकी दो जवान बेटियां हैं, ऐसे में उन्हें लेकर कहां जाएंगे.
गृह मंत्रालय ने पाकिस्तानी नागरिकों के भारत से लौटने की समय सीमा अगले आदेश तक बढ़ा दी है, यह फैसला पहलागाम हमले के बाद वीज़ा रद्द करने के सरकारी आदेश के बाद आया है. अटारी बॉर्डर पर वापसी का इंतज़ार कर रहे कई नागरिक पाकिस्तान द्वारा कथित तौर पर गेट न खोले जाने के कारण फंसे हैं. देखिए रिपोर्ट.
गृह मंत्रालय के इस नए आदेश में पहले दिए गए उस निर्देश को संशोधित किया गया है, जिसमें कहा गया था कि यह सीमा 30 अप्रैल से बंद कर दी जाएगी. अब पाकिस्तानी नागरिक अगले आदेश तक भारत से वापसी कर सकेंगे.
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के चलते अटारी बॉर्डर बंद किया गया है. इसके कारण, इंदौर में रिश्तेदारों से मिलने और मा को हरिद्वार ले जाने आए पाकिस्तानी नागरिक सुरेश कुमार समेत कई लोग भारत में फंस गए हैं और उन्हें वापस लौटना पड़ रहा है. देखें उन्होंने क्या कुछ कहा.