एनसीपी चीफ शरद पवार की बेटी और पार्टी सांसद सुप्रिया सुले ने असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के हमले पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा है कि उनका (सुप्रिया सुले) और हिमंता बिस्वा सरमा की डीएनए एक ही है. दोनों ही पहले कांग्रेस में रह चुके हैं. बता दें कि सरमा ने कहा था कि उन्हें लगता है कि शरद पवार सुप्रिया सुले को हमास की तरफ से गाजा में लड़ने के लिए भेजेंगे.
सुप्रिया ने गुरुवार को कहा कि वह हिमंता सरमा के बयान से आश्चर्यचकित हैं. क्योंकि हिमंता बिस्वा सरमा और वो (सुप्रिया) दोनों मूल रूप से कांग्रेस में रहे हैं. उन्होंने आगे कहा,'उन्हें इस बात की खुशी थी कि कांग्रेस से भाजपा में गया उनका कोई साथी बीजेपी में जाने के बाद मुख्यमंत्री बन गया है.' सुप्रिया ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा है कि बीजेपी में महिलाओं के प्रति अपमानजनक व्यवहार किया जाता है. बीजेपी आईटी सेल को यह समझने की जरूरत है कि शरद पवार ने आखिर कहा क्या है.
सीएम ने कही थी ये बात
इजरायल-फिलिस्तीन के मुद्दे पर महाराष्ट्र में शुरू हुई इस सियासी उठापटक में एक तरफ बीजेपी इजरायल के साथ खड़ी नजर आ रही है तो वहीं ज्यादातर गैर भाजपाई दल खुलकर फिलिस्तीन के समर्थन में बयान दे रहे हैं. शरद पवार पर भड़के असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने सुप्रिया सुले को लेकर टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था,'मुझे लगता है कि शरद पवार सुप्रिया मैडम को हमास के लिए गाजा लड़ने भेजेंगे.'
शरद पवार का ये था बयान
पवार ने कहा था, 'पूरी जमीन फिलिस्तीन की है और इजरायल ने उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया है. वह जगह, जमीन और घर, सब कुछ फिलिस्तीन का था और बाद में इजरायल ने उस पर कब्जा कर लिया. इजरायल एक बाहरी व्यक्ति है और जमीन मूल रूप से फिलिस्तीन की है." उन्होंने कहा था कि एनसीपी उन लोगों के साथ खड़ी है जो मूल रूप से इजरायल के रहने वाले हैं.
पीएम के स्टैंड को बताया दुर्भाग्यपूर्ण
शरद पवार ने आगे कहा था, 'इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, जवाहरलाल नेहरू, अटल बिहारी वाजपेयी सभी के विचार फिलिस्तीन के साथ खड़े होने के समान थे, यह हमेशा भारत सरकार का रुख था. भारत कभी किसी और के साथ खड़ा नहीं हुआ. भारत हमेशा उन लोगों के साथ खड़ा रहा जो मूल रूप से खड़े थे. वहां की जमीन और मकानों के मालिक हैं. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि पहली बार हमारे प्रधानमंत्री असली मुद्दे को छोड़कर इजरायल के साथ खड़े हैं. उन्होंने असली मुद्दे को नजरअंदाज कर दिया. हमें अपने रुख पर स्पष्ट होना चाहिए. एनसीपी का रुख स्पष्ट होना चाहिए और हम उस पर कायम हैं. जो लोग मूल रूप से उस भूमि के निवासी हैं. हम उनके समर्थन में हैं'