सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चंडीगढ़ मेयर चुनाव के नतीजे को पलट दिया और AAP-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को शहर का नया मेयर घोषित किया. साथ ही कोर्ट ने 30 जनवरी के चुनाव के संचालन में गंभीर खामियां पाए जाने के बाद, चुनाव के रिटर्निंग अधिकारी, अनिल मसीह, जो कि एक बीजेपी नेता हैं, पर कदाचार के लिए मुकदमा चलाने का भी आदेश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कुलदीप कुमार की जीत तो हो गई, लेकिन अब सवाल उठता है कि फ्लोर टेस्ट में क्या परिणाम होगा और क्या नवनिर्वाचित मेयर कुलदीप कुमार फ्लोर टेस्ट में पास हो पाएंगे? कारण, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब बीजेपी चंडीगढ़ मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए फ्लोर टेस्ट कराने की मांग करने जा रही है.
चंडीगढ़ नगर निगम में कुल 36 वोट
दरअसल, चंडीगढ़ नगर निगम में कुल 36 वोट हैं. इनमें से बीजेपी के पास 14 पार्षद हैं. सदन में अकाली दल का एक पार्षद है. इसके अलावा इस चुनाव में चंडीगढ़ के सांसद को भी वोट करने का अधिकार होता है. ये सांसद बीजेपी की किरण खेर हैं. अब बीजेपी के नंबर की बात करें तो बीजेपी के 14 पार्षद, एक सांसद और शिरोमणि अकाली दल के एक पार्षद को मिलाकर 16 वोट होते हैं. आम आदमी पार्टी के तीन पार्षद भी हाल ही में बीजेपी में शामिल हो गए थे. ऐसे में बीजेपी का कुल नंबर अब 19 होता है.
ये है AAP-कांग्रेस गठबंधन का नंबर
वहीं आम आदमी पार्टी के तीन पार्षद बीजेपी में जाने के बाद पार्टी के पास सिर्फ 10 पार्षद बचते हैं और कांग्रेस के पास सात पार्षद हैं. इन दोनों पार्टियों के गठबंधन के पास कुल 17 वोट होते हैं. ऐसे में अगर बीजेपी फ्लोर टेस्ट कराती है और उक्त नबंर में कोई बदलाव नहीं होता तो बीजेपी मेयर व डिप्टी मेयर उम्मीदवार के विजयी होने की संभावना प्रबल हो जाती है. हालांकि आम आमदी पार्टी का दावा है कि उनको जो पार्षद बीजेपी में चले गए हैं, वो लौट आएंगे.
ये लोकतंत्र की जीत: कुलदीप कुमार
चंडीगढ़ नगर निगम के विजेता और मेयर घोषित किए गए आप पार्षद कुलीप कुमार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लोकतंत्र और चंडीगढ़ निवासियों की जीत बताया. उन्होंने कहा कि कि अगर चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बीजेपी ने कथित तौर पर धांधली नहीं की होती तो वह पहले ही मेयर बन गए होते. हमें हमेशा से कोर्ट पर पूरा भरोसा था.