scorecardresearch
 

दिल्ली में जगदीश टाइटलर की नियुक्ति का पंजाब कांग्रेस में विरोध, कई वरिष्ठ नेता नाराज

पार्टी प्रोटोकॉल की वजह से ज्यादा कुछ तो खुलकर नहीं बोला गया है लेकिन सिद्धू की पत्नी ने इस ओर इशारा जरूर कर दिया है कि टाइटलर के सक्रिय होने से कई नेता नाराज हैं.

Advertisement
X
जगदीश टाइटलर की नियुक्ति पर सिद्धू की पत्नी नाराज
जगदीश टाइटलर की नियुक्ति पर सिद्धू की पत्नी नाराज
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जगदीश टाइटलर की नियुक्ति पर बवाल
  • बोलीं सिद्धू की पत्नी- पार्टी प्रोटोकॉल की वजह से चुप

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी में जगदीश टाइटलर को स्थायी सदस्य मनोनित किया गया है. लेकिन टाइटलर की इस नियुक्ति ने पार्टी के अंदर ही बवाल खड़ा कर दिया है. कई वरिष्ठ नेता खुलकर कांग्रेस के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं. कोई इसे पंजाब चुनाव के लिहाज से ब्लंडर बता रहा है तो कोई टाइटलर की सिख दंगों में भागीदारी को लेकर नाराज है.

जगदीश टाइटलर की नियुक्ति पर बवाल

पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने भी अपनी नाराजगी जाहिर कर दी है. पार्टी प्रोटोकॉल की वजह से ज्यादा कुछ तो खुलकर नहीं बोला गया है लेकिन सिद्धू की पत्नी ने इस ओर इशारा जरूर कर दिया है कि टाइटलर के सक्रिय होने से कई नेता नाराज हैं. वे कहती हैं कि मैं नाराज हूं. लेकिन ये पार्टी का फैसला है. मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकती हूं. हर कोई इस फैसले से दुखी है, लेकिन पार्टी प्रोटोकॉल की वजह से चुप बैठा है.

वैसे पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने भी इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बता दिया है. सुनील जाखड़ ने कहा है कि जगदीश टाइटलर के मनोनयन से पहले पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी से मशविरा जरूर लिया जाना चाहिए था. जगदीश टाइटलर की नियुक्ति एक संवेदनशील विषय है जो पंजाब की राजनीति को प्रभावित कर सकता है.

Advertisement

किसने किया फैसले का बचाव?

लेकिन कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल को टाइटलर की नियुक्ति में कुछ भी गलत नहीं लगता है. उन्होंने बीजेपी से तुलना करते हुए एक बड़ा बयान दे दिया है. कहा गया है कि बीजेपी ने सबसे ज्यादा अपराधियों को अपनी पार्टी में जगह दी है. हमारी तो कांग्रेस पार्टी का ये चलन है कि पूर्व सांसद और PCC में नियुक्त किया जाता है. वहीं किसी भी आरोपी को भी इस अहम पद की जिम्मेदारी नहीं मिलती है.

गोहिल की बात से सहमति जताते हुए खुद टाइटलर कह गए हैं कि उनके खिलाफ कोई आरोप नहीं है. उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ आखिर क्या आरोप है? जिसको जो बोलना है वो बोलता रहेगा. अगर कोई आरोप है ही नहीं, तो मैं कोई सफाई भी किस कारण से पेश करूं.

अब टाइटलर जरूर खुद को निर्दोष बता रहे हैं, वे कांग्रेस का भी बचाव करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अकाली और बीजेपी ने इसे बड़ा मद्दा बना लिया है. जोर देकर कहा जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी सिखों के जख्म पर नमक छिड़कने का काम कर रही है. 

जगदीश टाइटलर की बात करें तो उन पर 1983 के सिख दंगों को भड़काने का आरोप है. उनके अलावा सज्जन कुमार पर भी यह आरोप लगे थे. सज्जन कुमार को कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी. हालांकि, टाइटलर के मामले में सीबीआई ने 2007, 2009 और 2014 में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी थी लेकिन सिख विरोधी दंगों में अपना पति खोने वाली लखविंदर कौर की याचिका पर दिल्ली की कड़कड़डूमा अदालत ने सभी क्लोजर रिपोर्ट खारिज कर दिया था.

Advertisement

ये भी पढ़ें

Advertisement
Advertisement