जगदीश टाइटलर को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी में स्थायी सदस्य मनोनित किए जाने को लेकर सियासी घमासान छिड़ गया है. दिल्ली से लेकर पंजाब तक बवाल मच गया है. विरोधी दलों ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. वहीं, पार्टी के अंदर भी सवाल उठने लगे हैं. पंजाबी की विपक्षी पार्टी शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कांग्रेस के खिलाफ आक्रामक तेवर अपना लिए हैं.
साल 1984 के सिख विरोधी दंगों के आरोपी जगदीश टाइटलर को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी में स्थायी सदस्य मनोनित किए जाने को एसएडी और बीजेपी ने सिखों के जख्म पर नमक छिड़कने जैसा बताया है. खुद पंजाब कांग्रेस के नेताओं ने भी जगदीश टाइटलर के मनोनयन पर सवाल खड़े किए हैं. पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ भी इसे लेकर सवाल खड़े करने वाले नेताओं में शामिल हैं.
सुनील जाखड़ ने कहा है कि जगदीश टाइटलर के मनोनयन से पहले पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी से मशविरा जरूर लिया जाना चाहिए था. जगदीश टाइटलर की नियुक्ति एक संवेदनशील विषय है जो पंजाब की राजनीति को प्रभावित कर सकता है. टाइटलर की नियुक्ति ऐसे समय में की गई है जब पंजाब के मुख्यमंत्री दिल्ली में हैं और अंबिका सोनी के साथ ही राहुल गांधी के साथ भी लंबी बैठक कर चुके हैं. उधर सुनील जाखड़ के बयान का समर्थन करते हुए अकाली दल ने उनकी तारीफ की है.
अकाली दल ने साथ ही ये भी कहा है कि 1984 के दंगों में सुनील जाखड़ के परिवार की भूमिका भी संदेहास्पद रही है. अकाली दल के वरिष्ठ नेता डॉक्टर दलजीत चीमा ने कहा कि कांग्रेस को जवाब देना चाहिए कि 1984 के दंगों के आरोपी जगदीश टाइटलर को बड़ी भूमिका देते हुए सिखों के जख्मों पर क्यों नमक छिड़का जा रहा है.
सीएम चन्नी स्पष्ट करें अपना रुख
अकाली दल ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और अंबिका सोनी से भी अपना रुख स्पष्ट करने की मांग की है. बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव तरुण चुग ने भी जगदीश टाइटलर के मनोनयन को सिखों के जख्म पर नमक छिड़कने वाला कदम करार दिया है. उन्होंने कहा कि सिखों पर जुल्म ढाने वालों को कांग्रेस ने हमेशा सम्मानित किया है. इससे कांग्रेस के दोहरे चरित्र का पता चलता है.
उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने सिखों के गले में जलते टायर पहनाए, गुरुद्वारे जलाए हरमंदिर साहिब में टैंक से हमला किया. आज कांग्रेस उनको ओहदे बांट रही है. पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिद्धू को इस पर जवाब देना चाहिए. गौरतलब है कि जगदीश टाइटलर पर सिख विरोधी दंगे भड़काने का आरोप है. उनके अलावा सज्जन कुमार पर भी यह आरोप लगे थे. सज्जन कुमार को कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी. हालांकि, टाइटलर के मामले में सीबीआई ने 2007, 2009 और 2014 में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी थी लेकिन सिख विरोधी दंगों में अपना पति खोने वाली लखविंदर कौर की याचिका पर दिल्ली की कड़कड़डूमा अदालत ने सभी क्लोजर रिपोर्ट खारिज कर दिया था. जगदीश टाइटलर सभी आरोप नकारते रहे हैं.