कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी मंगलवार को प्रतिष्ठित कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के एक वर्चुअल प्रोग्राम से जुड़े. इस प्रोग्राम में लोकतंत्र और विकास के विषयों पर सवाल-जवाब हुए. प्रोफेसर कौशिक बसु के साथ संवाद में राहुल गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल लगाए जाने के साथ मौजूदा राजनीतिक हालात पर अपनी बातें रखीं.
1975 में इंदिरा गांधी द्वारा लगाई गई इमरजेंसी के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि हां, वो गलती थी, लेकिन तब जो हुआ और आज जो हो रहा, उसमें फर्क है. अपनी गलती मान लेना साहस का काम होता है.
राहुल गांधी ने कहा कि हमें संसद में बोलने की अनुमति नहीं है, न्यायपालिका से उम्मीद नहीं है, आरएसएस-भाजपा के पास बेतहाशा आर्थिक ताकत है. व्यवसायों को विपक्ष के पक्ष में खड़े होने की इजाजत नहीं है. लोकतांत्रिक अवधारणा पर ये सोचा-समझा हमला है. मणिपुर में राज्यपाल BJP की मदद कर रहे हैं, पडुचेरी में उपराज्यपाल ने कई बिल को पास नहीं होने देना, क्योंकि वो RSS से जुड़ी थीं. कांग्रेस ने कभी भी संस्थानों का फायदा उठाने की कोशिश नहीं की. वर्तमान सरकार भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचा रही है.
LIVE: My interaction with Prof Kaushik Basu @Cornell University https://t.co/GfErZtSpW2
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 2, 2021
राहुल गांधी ने कहा कि मैं कांग्रेस पार्टी में अंदरुनी लोकतंत्र को बढ़ावा देने की बात कई सालों से कर रहा हूं. इसके लिए मेरी ही पार्टी के लोगों ने मेरी आलोचना की थी. मैंने अपनी पार्टी के लोगों से कहा कि पार्टी में अंदरुनी लोकतंत्र लाना निश्चित तौर पर जरूरी है. आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं इसलिए प्रभावी हैं, क्योंकि उनके पास स्वतंत्र संस्थाएं हैं. लेकिन, भारत में उस स्वतंत्रता पर हमला किया जा रहा है.
कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र का पक्षधर हूं
राहुल गांधी ने कहा कि मैं एक दशक से कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र का पक्षधर रहा हूं. मैंने युवा और छात्र संगठन में चुनाव को बढ़ावा दिया है. मैं पहला व्यक्ति हूं, जिसने पार्टी में लोकतांत्रिक चुनावों को महत्वपूर्ण माना है. हमारे लिए कांग्रेस का मतलब आजादी के लिए लड़ने वाली संस्था, जिसने भारत को संविधान दिया है. हमारे लिए लोकतंत्र और लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं बरकरार रखना महत्वपूर्ण है