पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को गुरुवार 30 जुलाई 2015 को रामेश्वरम में सुपुर्द-ए-खाक किया गया. इस दौरान उनके अंतिम दर्शन के लिए शव यात्रा में जन सैलाब उमड़ पड़ा.
डॉ. कलाम के पैतृक गांव में पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार हुआ. डेढ़ एकड़ के प्लॉट में कलाम की समाधि बनाई जाएगी. तमिलनाडु सरकार ने इसके लिए जमीन का आवंटन कर दिया है.
पूर्व राष्ट्रपति को अंतिम प्रणाम करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी दिल्ली से रामेश्वरम पहुंचे. उनके अलावा शोक की इस बेला में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी समेत तमाम गणमान्य लोग मौजूद थे.
स्वास्थ्य कारणों के चलते तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता रामेश्वरम नहीं जा सकीं. लेकिन कई मंत्री इस दौरान मौजूद रहे.
बुधवार 29 जुलाई को पूर्व राष्ट्रपति का पार्थिव शरीर लेकर एक विशेष विमान नई दिल्ली के पालम एयरपोर्ट से रामेश्वरम पहुंचा था.
रामेश्वरम में स्थित उनके पैतृक आवास पर बुधवार को लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा है. शाम आठ बजे तक लोगों ने उन्हें अंतिम विदाई दी.
कलाम के बड़े भाई के पोते एपीजेएमके शेख सलीम ने बताया, 'बड़ी संख्या में लोग कलाम के अंतिम दर्शन के लिए उनके आवास पर पहुंचे. हमारे सभी रिश्तेदार भी उनकी अंत्येष्टि में शामिल होने के लिए आए.'
सलीम ने कहा कि कलाम का पार्थिव शरीर बस स्टैंड के करीब एक स्थान पर रखा गया, जहां लोगों ने उनका अंतिम दर्शन किया और श्रद्धांजलि दी.
बाद में उनका पार्थिव शरीर मस्जिद वाली गली में स्थित उनके आवास 'हाउस ऑफ कलाम' ले जाया जाएगा.
पूर्व राष्ट्रपति और मशहूर वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम का 27 जुलाई को शिलॉन्ग में निधन हो गया है.
डॉ. कलाम का निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ. वह आईआईएम के कार्यक्रम में 'पृथ्वी' पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे.
83 वर्ष के अब्दुल कलाम अपनी शानदार वाक कला के लिए भी मशहूर थे. वह खुद को एक शिक्षक के रूप में देखना पसंद करते थे और आईआईएम में लेक्चर के दौरान ही काल ने उन्हें अपना ग्रास बना लिया.
डॉक्टरों के मुताबिक, डॉ. कलाम की मौत शाम 07:45 बजे हुआ. अस्पताल पहुंचने तक उनके दिल की धड़कन रूक चुकी थी.
28 जुलाई को उनका पार्थिव शरीर दिल्ली लाया गया, जहां सभी आम-ओ-खास ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. पालम हवाईअड्डे पर पार्थिव शरीर लेने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पहुंचे.
देश भर में शोक लहर के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को सात दिनों के लिए राजकीय शोक की घोषणा की.