पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने जहां समंदर की लहरों से जिंदगी का मतलब समझा वहीं अब उनका अंतिम संस्कार होगा. संघर्ष में हौसला रखने का जज्बा सिखाने वाले कलाम की आखिरी ख्वाहिश भी इसी समंदर से जुड़ी है.