इंडियन मुजाहिदीन के संस्थापक सदस्य यासीन भटकल को पाटियाला हाउस कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मां से बात और मुलाकात करने की इजाजत दी है. कोर्ट ने यासीन भटकल को निर्देश दिया कि वह वीडीओ कांफ्रेंस के ज़रिए अपनी मां से हिंदी में बात करेगा. कोर्ट ने जेल ऑथरिटी को यासीन भटकल और उसकी मां की बातचीत की रिकॉर्डिंग करने की भी छूट दी.
यासीन भटकल ने अपनी बीमार मां की देखभाल के लिए एक दिन परोल पर रिहा करने की भी गुहार लगाई थी. लेकिन कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ही मुलाकात की इजाजत दी है. दिल्ली पुलिस ने यासीन भटकल की कस्टडी परोल वाली याचिका का विरोध किया था. पुलिस ने सुनवाई योग्य न होने की वजह बताते हुए याचिका खारिज करने की गुहार लगाई थी. दिल्ली पुलिस ने दलील दी थी कि अगर यासीन भटकल को पैरोल दी जाती है तो वो भागने की कोशिश कर सकता है.
कौन है यासीन भटकल?
आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन का फाउंडर मेंबर यासीन भटकल का जन्म 1983 में कर्नाटक के तटीय शहर भटकल में हुआ था. यासीन को मोहम्मद अहमद सिद्धीबप्पा के नाम से भी जाना जाता है. उसकी पढ़ाई अंजुमन हामी-ए-मुस्लमीन मदरसे में हुई. 12 राज्यों की आतंक निरोधी एजेंसियों की चार्जशीट के मुताबिक भटकल देश भर में जर्मन बेकरी सहित कई आतंकी हमलों में शामिल रहा है. वह दिल्ली के बाजारों में हुए सीरियल ब्लास्ट का भी मास्टरमाइंड था.
यासीन भटकल इंडियन मुजाहिदीन का फाउंडर मेंबर है. आईएम के गठन से पहले वह सिमी का सक्रिय सदस्य था.इंटेलीजेंस के अधिकारियों के मुताबिक भटकल हमेशा अपने ठिकाने बदला रहता था. साथ ही वह भेष बदल कर खुद को छुपाने में, बम बनाने तथा स्लीपर सेल तैयार करने में माहिर है. एक बार उसे कोलकाता पुलिस ने जाली नोटों के केस में पकड़ा था. तब इसने अपना नाम पुलिस को शाहरुख बताया था. बाद में पुलिस को पता लगा कि यह तो यासीन भटकल था.