उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पहली बार वूमेन पावर लाइन 1090 ने अब सास बहू की लड़ाई के साथ-साथ इव टीजिंग और घरेलू हिंसा के मामलों का भी निपटान शुरू किया है. यूनिसेफ की मदद से स्पेशलिस्ट साइक्लोजिस्ट काउंसलर रख कर घरेलू हिंसा के लिए काउंसलिंग भी कराई जा रही है.
एडीजी 1090 नीरा रावत के मुताबिक, अभी तक 1090 में केवल लड़कियों की छेड़खानी से संबंधित कॉल ही सुनी जाती थी. पहली बार किसी राज्य में इस तरीके की शुरुआत की गई है. एक कदम आगे बढ़ते हुए महिला बाल सुरक्षा संगठन (डब्लूसीपीओ) के अंतर्गत घरेलू हिंसा, रेप, छेड़खानी, इव टीजिंग सहित महिलाओं से संबंधित सभी समस्याओं के लिए यूनिसेफ की मदद से प्रतिष्ठित साइकोलॉजिस्ट काउंसलर्स के द्वारा महिलाओं की काउंसलिंग की शुरुआत की गई है.
उन्होंने बताया कि इस क्रम में सबसे बड़ी बात है कि उनकी पहचान जाहिर नहीं की जाएगी और इस कार्य को इसलिए शुरू किया गया क्योंकि कई महिलाएं थाने नहीं जाना चाहती हैं. हालांकि जरूरत पड़ने पर परिवारिक परामर्श केंद्र पर परिवार को बुलाकर उनकी साइकोलॉजिस्ट के द्वारा काउंसलिंग की जाएगी. इसकी शुरुआत 17 अक्टूबर से की गई है. इसमें अभी तक 8 से 10 कॉल आई हैं जिन्हें हम लगातार काउंसलिंग करके डिस्पोजल ऑफ भी कर रहे हैं.
कई मामलों का निपटारा कियाः साइकोलॉजिस्ट
माननी श्रीवास्तव साइकोलॉजिस्ट 1090 के मुताबिक, हम लोग कई कॉल अटेंड कर रहे हैं और उनकी काउंसलिंग कर रहे हैं. हम लोगों की काउंसलिंग करते हैं. हमारे पास कॉल 1090 से ट्रांसफर होकर आती है, इसके बाद हम लोग काउंसलिंग करते हैं. यह काउंसलिंग दो से तीन चीज में चलती है. उनके रिकॉर्ड को मेंटेन किया जाता है. उनके परिवार से बात की जाती है क्योंकि बहुत से परिवार में साइक्लोजिकल प्रॉब्लम होती है तो उनको हम दूर करते हैं. ऐसे में हमें यूनिसेफ के द्वारा स्पेशल ट्रेनिंग भी दी गई हैं अभी तक के मामलों में हमने कई मामलों में निपटारा करा दिया है और आगे भी करते रहेंगे.
आफताब अहमद चाइल्ड प्रोटेक्शन ऑफिसर यूनिसेफ 1090 के मुताबिक, हम लोगों ने यहां पर साइक्लोजेस्ट काउंसलर नियुक्त किए हैं और उनके द्वारा लिसनिंग की जाती है क्योंकि यूनिसेफ चाइल्ड प्रोटेक्शन और वूमेन वेलफेयर के साथ काम करता है. हम महिलाओं की पहचान को सीक्रेट रखते हैं और अपने काउंसलर के द्वारा उनकी काउंसलिंग की जाती है.
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वुमेन पावर हेल्पलाइन में 17 से 25 अक्टूबर तक 7,829 शिकायतें पंजीकृत हुई हैं. मिशन शक्ति अभियान से पहले जहां हेल्पलाइन नंबर पर रोजाना 783 कॉल आती थी, वहीं अभियान के दौरान जागरूकता बढ़ने से अब महिलाएं उत्पीड़न सहने के बजाए अपनी आवाज को बुलंद कर रही हैं. अभियान के दौरान हेल्पलाइन नंबर पर रोजाना कॉल 869 कॉल आई हैं. इसके साथ ही तीन चरणों में आरोपियों की काउंसलिंग तेजी से की गई है. अभियान के पहले चरण के नौ दिनों में पहली काउंसलिंग 16,742, दूसरी काउंसलिंग में 3,548 और 117 एफएफआर काउंसलिंग की गई है.