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'कुलदीप सेंगर कहीं भी पहुंच सकता...', उन्नाव रेप पीड़िता ने कांग्रेस शासित राज्य में पुनर्वास की मांग की

उन्नाव रेप केस की पीड़िता ने कांग्रेस शासित राज्य में पुनर्वास की मांग की है. पीड़िता का कहना है कि पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर कहीं भी पहुंचकर उसे मरवा सकता है. पीड़िता ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से भी मुलाक़ात की है.

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उन्नाव रेप पीड़िता ने सुरक्षा और पुनर्वास को लेकर दिल्ली में आवाज उठाई (Photo: PTI)
उन्नाव रेप पीड़िता ने सुरक्षा और पुनर्वास को लेकर दिल्ली में आवाज उठाई (Photo: PTI)

उन्नाव रेप केस मामले की पीड़िता ने अपने जीवन की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता जताई है और पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर से बचने के लिए कांग्रेस शासित राज्य में स्थानांतरण की मांग की है. उन्होंने कहा कि सेंगर "कहीं भी पहुंच सकता है" और उनका जीवन खतरे में है. इंडिया टुडे को दिए गए इंटरव्यू में पीड़िता ने उत्तर प्रदेश के मंत्री ओम प्रकाश राजभर को भी फटकार लगाई, जिन्होंने दिल्ली में उनके प्रदर्शन का मजाक उड़ाया था.

इस मामले ने फिर से सुर्खियां बटोर ली हैं जब दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाल ही में सेंगर की आजीवन कैद की सजा को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया. हालांकि, सेंगर जेल में ही रहेंगे क्योंकि उन्हें पीड़िता के पिता की गिरफ्तारी के दौरान हुई मौत के मामले में 10 साल की सजा भी मिली है.

बुधवार को पीड़िता और उनकी मां ने इंडिया गेट पर प्रदर्शन किया और कांग्रेस के सांसदों सोनिया गांधी और राहुल गांधी से भी मुलाकात की. पीड़िता ने बताया कि राहुल गांधी ने उनकी सुरक्षा की चिंता को गंभीरता से लिया और सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई के लिए एक वरिष्ठ वकील नियुक्त करने का आश्वासन दिया. साथ ही राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से मिलने को भी कहा.

पीड़िता ने कहा, "मैंने अपनी जान बचाने के लिए सब कुछ झेला - मुझे बलात्कार किया गया, मेरे पिता की हत्या कर दी गई, और 2019 में मेरे खिलाफ एक साजिश रची गई. मैं लगातार डर में जी रही हूं कि सेंगर कहीं भी पहुंच सकता है और मुझे मौत के घाट उतार सकता है."

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यह भी पढ़ें: उन्नाव रेप केस: कुलदीप सेंगर को राहत देने वाले कोर्ट के फैसले को SC में चुनौती देगी CBI

पीड़िता ने यह भी बताया कि उनके पति बेरोजगार हो गए हैं और उनके दो छोटे बच्चे हैं, जिनका पालन-पोषण करना मुश्किल हो गया है.

यह मामला पहली बार 2018 में उस समय सुर्खियों में आया था जब पीड़िता ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के बाहर आत्मदाह का प्रयास किया था. फिर भी न्याय पाने की उनकी लड़ाई जारी है, और परिवार को सुरक्षा की सख्त जरूरत है.

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