जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कुछ बड़े कूटनीतिक कदम उठाए हैं, इनमें से एक है पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए सभी अल्पकालिक वीजा रद्द करना. अब भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़कर पाकिस्तान जाना पड़ रहा है. इसी कड़ी में 69 साल के एक शख्स को भी वापस लौटना था लेकिन अपने मुल्क जाने के पहले ही बुधवार उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई. अधिकारियों ने ये जानकारी दी है.
अब्दुल वहीद को जम्मू-कश्मीर पुलिस पाकिस्तान वापस भेजने के लिए श्रीनगर से लाई थी. उन्होंने बताया कि वह पिछले 17 सालों से भारत में रह रहा था और पुलिस को उसका वीजा एक्सपायर्ड मिला. अब उन्हें डिपोर्ट किए जाने की तैयारी थी. इससे पहले ही उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई.
इधर, कुल 224 भारतीय नागरिक और पाकिस्तानी नागरिक, जिनके पास नो ऑब्लिगेशन टू रिटर्न टू इंडिया (NORI) वीजा था, अटारी सीमा पर इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (ICP) के माध्यम से भारत में प्रवेश कर गए. वहीं कुल 139 पाकिस्तानी नागरिक दूसरी तरफ चले गए.
35 साल की मोनिका रजानी, जो एक पाकिस्तानी पासपोर्ट धारक हैं और जिनके पास NORI और लॉन्ग टर्म वीजा (LTV) है, अपनी पांच साल की भारत में जन्मी बेटी सैमारा के साथ भारत आई हैं. उन्होंने कहा,'मैं इस डर से पाकिस्तान से भारत आई हूं कि ICP कभी भी बंद हो सकता है. मैं एक हिंदू परिवार से हूं और करीब नौ साल पहले विजयवाड़ा में मैंने एक हिंदू व्यक्ति से शादी की थी. विजयवाड़ा से मेरे ससुराल वाले और पति मुझे लेने के लिए यहां इंतजार कर रहे थे.'
उन्होंने कहा, 'मैं दोपहर 3 बजे भारत आई, जहां कस्टम और इमिग्रेशन क्लीयरेंस में करीब तीन घंटे लग गए. चिलचिलाती गर्मी के कारण अपनी मां के साथ यात्रा कर रहे बच्चों के लिए सभी जरूरी क्लीयरेंस का इंतजार करना मुश्किल था.' उन्होंने कहा कि विजयवाड़ा के लिए रवाना होने से पहले मैं और मेरे परिवार के सदस्य स्वर्ण मंदिर जाएंगे.
पिछले सप्ताह पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद, केंद्र ने कई फैसले लिए, जिनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना, इस्लामाबाद के साथ राजनयिक संबंधों को कम करना, तथा अल्पकालिक वीजा पर आए सभी पाकिस्तानियों को भारत छोड़ने या कार्रवाई के लिए तैयार रहने का आदेश देना शामिल है.