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किसानों की आय दोगुनी होने का टारगेट अब भी काफी पीछे, 4 राज्यों में तो घटी आमदनी

फरवरी 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था. अब ये डेडलाइन खत्म हो रही है. इसी बीच संसदीय समिति की रिपोर्ट आई है, जिसमें बताया गया है कि किसानों की आय दोगुनी करने का सरकार का टारगेट काफी पीछे है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • किसानों की महीने की कमाई 10,218 रुपये
  • 4,226 रुपये कृषि लागत में खर्च हो जाते हैं

'2022 में किसानों की आय डबल करनी चाहिए या नहीं करनी चाहिए?' 28 फरवरी 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक रैली में जब ये सवाल किया तो भीड़ ने एक सुर में कहा, 'हां होनी चाहिए...' उस रैली में पीएम मोदी ने कहा कि 2022 में जब भारत की आजादी के 75 साल पूरे होंगे तो उस समय तक हम किसानों की आय को दोगुना कर सकते हैं. 

पीएम मोदी के ऐलान के बाद सरकार ने मार्च 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का टारगेट रखा था. डेडलाइन तो खत्म होने को आ गई है, लेकिन किसानों की आय दोगुनी होने का टारगेट अब भी काफी पीछे है.

एग्रीकल्चर पर बनी संसदीय समिति ने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट पेश की. इस संसदीय समिति के अध्यक्ष बीजेपी सांसद पीसी गद्दीगौदर हैं. इस समिति की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार अपने टारगेट से अभी काफी दूर है. हालांकि, समिति ने किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदमों की तारीफ भी की है.

समिति ने अपनी रिपोर्ट में दो सर्वे के आंकड़े बताए हैं. ये सर्वे 2015-16 और 2018-19 के हैं. इन सर्वे के हवाले से समिति ने बताया है कि 2015-16 में देश के किसानों की महीने की औसत आमदनी 8 हजार 59 रुपये थी, जो 2018-19 तक बढ़कर 10 हजार 218 रुपये हो गई. यानी 4 साल में महज 2 हजार 159 रुपये की बढ़ोतरी हुई है. 

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सबसे ज्यादा कमाई मेघालय के किसानों की है. यहां के किसान की हर महीने की आमदनी 29 हजार 348 रुपये है. दूसरे नंबर पर पंजाब है, जहां के किसान 26 हजार 701 रुपये एक महीने में कमाते हैं. वहीं, तीसरे नंबर पर 22 हजार 841 रुपये की कमाई के साथ हरियाणा के किसान हैं. 

 

 

4 राज्यों में घटी किसानों की कमाई

- देश में चार राज्य ऐसे हैं जहां किसानों की आमदनी कम हो गई है. इनमें हैं- झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा और नागालैंड. 

- झारखंड के किसानों की हर महीने की कमाई 2 हजार 173 रुपये कम हो गई है. वहीं, नागालैंड के किसानों की आमदनी 1 हजार 551रुपये कम हो गई. मध्य प्रदेश के किसानों की आमदनी 1400 रुपये तो ओडिशा के किसानों की आमदनी 162 रुपये घट गई है.

- कमेटी ने सुझाव दिया है कि सरकार को एक स्पेशल टीम बनानी चाहिए जो इन राज्यों में किसानों की घटती आमदनी के कारणों का पता लगाए. साथ ही इन राज्यों में सही कदम उठाने का सुझाव भी दिया है.

कमाई तो ठीक लेकिन खर्च भी बढ़ रहा

- किसानों की आमदनी अगर बढ़ी है तो खर्च भी बढ़ रहा है. पिछले साल नवंबर में सरकार ने बताया था कि हर महीने 10,218 रुपये कमाते हैं तो 4,226 रुपये खर्च हो जाते हैं. किसान हर महीने 2 हजार 959 रुपये बुआई और उत्पादन पर तो 1 हजार 267 रुपये पशुपालन पर खर्च करता है. यानी, किसानों के पास हाथ में 6 हजार रुपये भी पूरे नहीं आते. 

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- इतनी कम कमाई के चलते ही किसान कर्ज लेने को मजबूर हो जाता है. पिछले साल जुलाई में वित्त मंत्रालय ने बताया था कि 31 मार्च 2021 तक किसानों पर 16.80 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज बकाया है. उस समय वित्त मंत्रालय ने ये भी साफ कर दिया था कि किसानों की कर्ज माफी करने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है. 

किसानों की कमाई दोगुनी करने के लिए सरकार क्या कर रही?

बजट सत्र के दूसरे चरण में कांग्रेस सांसद सैयद नासिर हुसैन ने किसानों की आय दोगुनी करने के वादे पर सवाल किया तो कृषि कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बताया कि पीएम की घोषणा के बाद एक कमेटी का गठन किया गया था. उन्होंने बताया कि कमेटी के गठन के बाद लगातार प्रयास करते हुए कई पिलर तैयार किए गए. उन पिलर के अंतर्गत आय दोगुनी करने के लिए लागत को कैसे कम किया जाए, इस पर काम किया गया. 
 

 

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