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PM मोदी आज जाएंगे हिमाचल और पंजाब, बाढ़ग्रस्त इलाकों का करेंगे हवाई सर्वे, पीड़ितों से मिलेंगे

पंजाब इस समय दशकों में आई सबसे भीषण बाढ़ से जूझ रहा है, और अधिकारियों के अनुसार मरने वालों की संख्या बढ़कर 46 हो गई है. दूसरी ओर, हिमाचल प्रदेश में 20 जून से 8 सितंबर के बीच भारी बारिश, बादल फटने, फ्लैश फ्लड और लैंडस्लाइड की घटनाओं में 370 मौतें हुई हैं.

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प्रधानमंत्री मोदी बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए पंजाब और हिमाचल का दौरा करेंगे. (File Photo: PTI)
प्रधानमंत्री मोदी बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए पंजाब और हिमाचल का दौरा करेंगे. (File Photo: PTI)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज हिमाचल प्रदेश और पंजाब का दौरा करेंगे. वह इन दोनों राज्यों में बाढ़ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वे और चल रहे राहत एवं पुनर्वास प्रयासों की समीक्षा करेंगे. अधिकारियों के अनुसार, प्रधानमंत्री आज उप-राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोट डालने के बाद दोपहर में दिल्ली से रवाना होंगे और पठानकोट एयरबेस पहुंचेंगे, जहां से वह हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जाएंगे, जहां बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे.

हिमाचल प्रदेश में, प्रधानमंत्री मोदी राज्य के अधिकारियों के साथ एक उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करेंगे और आपदा से प्रभावित स्थानीय निवासियों से बातचीत करेंगे. वह राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और जमीनी स्तर पर कार्यरत आपदा मित्र टीमों के कर्मियों से भी मिलेंगे. हिमाचल प्रदेश में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा के बाद प्रधानमंत्री मोदी दोपहर करीब 3 बजे पंजाब में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे. 

यह भी पढ़ें: 'पंजाब के हौसले को सलाम', मनप्रीत सिंह ने बाढ़ पीड़ितों को समर्पित की भारत की हॉकी एशिया कप जीत

इसके बाद उनका 4.15 बजे के करीब गुरदासपुर के तिबरी आर्मी स्टेशन पर उतरने का कार्यक्रम है, जहां वह जमीनी स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए वरिष्ठ नागरिकों और सैन्य अधिकारियों से मिलेंगे. गुरदासपुर में पीएम बाढ़ प्रभावित लोगों से मिलेंगे तथा क्षेत्र में कार्यरत प्रतिक्रिया टीमों के साथ बातचीत करेंगे.

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दशकों की सबसे भीषण बाढ़ से जूझ रहा पंजाब

पंजाब इस समय दशकों में आई सबसे भीषण बाढ़ से जूझ रहा है, और अधिकारियों के अनुसार मरने वालों की संख्या बढ़कर 46 हो गई है. बाढ़ ने राज्य में कृषि को भी भारी नुकसान पहुंचाया है, लगभग 1.75 लाख हेक्टेयर भूमि पर लगी फसलें नष्ट हो गई हैं. पंजाब में बाढ़ की स्थिति सतलुज, ब्यास और रावी सहित उफनती नदियों के साथ-साथ छोटी मौसमी नदियों के कारण उत्पन्न हुई है, जो हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में अपने ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में भारी वर्षा के कारण उफान पर हैं. 

यह भी पढ़ें: डैम, सीवर और रिवर मैनेजमेंट... पंजाब-जम्मू समेत देश के 10 फीसदी हिस्सों में बाढ़ के क्या हैं सबक?

हिमाचल में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 370 मौतें

दूसरी ओर, हिमाचल प्रदेश में 20 जून से 8 सितंबर के बीच भारी बारिश, बादल फटने, फ्लैश फ्लड और लैंडस्लाइड के कारण 4,122 करोड़ रुपये का नुकसान होने की सूचना अधिकारियों ने सोमवार को दी. स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर (SEOC) के अनुसार, कुल 370 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें से 205 लोगों की मौत वर्षाजनित घटनाओं में हुई है, जिनमें 43 भूस्खलन, 17 बादल फटने और 9 लोग अचानक आई बाढ़ से मारे गए हैं. 

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इस पहाड़ी राज्य में अन्य 165 लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में हुई है. इसके अलावा, 41 लोग अब भी लापता हैं. हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण बुनियादी ढांचे को भी व्यापक नुकसान पहुंचा है, जिससे 6,344 घर, 461 दुकानें और कारखाने प्रभावित हुए हैं. मानसून की शुरुआत के बाद से, राज्य में 136 लैंडस्लाइड, 95 फ्लैश फ्लड और 45 बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गई हैं.

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