संसदीय पैनल ने इन्फॉर्मेशन फ्लो की निगरानी कर रहे दो प्रमुख मंत्रालयों से पहलगाम आतंकी हमले के बाद 'राष्ट्रीय हित के खिलाफ काम कर रहे नजर आने वाले" सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और प्रभावशाली लोगों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी मांगी है. सूत्रों ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद निशिकांत दुबे की अध्यक्षता वाली संचार और सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय स्थायी समिति ने पाया है कि देश में कुछ सोशल मीडिया प्रभावशाली लोग और प्लेटफॉर्म राष्ट्रीय हित के खिलाफ काम कर रहे हैं, जिससे हिंसा भड़कने की उम्मीद है.
कमेटी ने सूचना एवं प्रसारण और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालयों को भेजे पत्र में 'आईटी अधिनियम, 2000 तथा सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के तहत ऐसे प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाने की प्रस्तावित कार्रवाई' की जानकारी मांगी है.
बैन किए गए कई हैंडल्स
सूत्रों के मुताबिक, पत्र दोनों मंत्रालयों के सचिवों को भेजा गया है और उन्हें 8 मई तक विवरण प्रस्तुत करने को कहा गया है. राष्ट्रीय सुरक्षा हितों के खिलाफ कथित तौर पर कंटेंट पोस्ट करने के बाद कई सोशल मीडिया हैंडल को तमाम प्लेटफार्म्स पर बैन कर दिया गया है.
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22 अप्रैल को दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने 26 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिनमें से ज्यादातर पर्यटक थे. भारत ने इस घटना के लिए पाकिस्तान से जुड़े आतंकवादी समूहों को जिम्मेदार ठहराया है.
संसदीय पैनल के मेंबर तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि उन्हें ज्ञापन में जिक्र किए गए मुद्दे से संबंधित कोई संचार नहीं मिला है. उन्होंने दावा किया कि नियमों के मुताबिक, अध्यक्ष समिति की मंजूरी के बिना कोई बयान जारी नहीं कर सकते.
हालांकि, गोखले ने बाद में अपनी पोस्ट हटा दी.