संसद के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही जारी है. शुक्रवार को पांचवें दिन की चर्चा के दौरान शून्यकाल में संसद में हंगामा हो गया. हुआ यूं कि टीएमसी सांसद शताब्दी राय ने ओडिशा सरकार पर आरोप लगाया कि वहां बांग्ला बोलने वाले मजदूरों को बांग्लादेशी बताकर उनके साथ गलत बर्ताव किया जा रहा है. उन्हें हिरासत में लिया जा रहा है और उन्हें 'बांग्लादेश भेजा जाए' ऐसा कहा जा रहा है. सांसद शताब्दी राय ने सवाल उठाया कि ऐसे कैसे किसी को सिर्फ बांग्ला बोलने के आधार पर बांग्लादेशी बता दिया जाएगा और उन्हें घुसपैठिया बोलकर देश से निकाला जाएगा. उन्होंने कहा- मैं पश्चिम बंगाल से हूं और गर्व के साथ बांग्ला बोलती हूं.
जीरो ऑवर में हुआ हंगामा
अगर बांग्ला बोलने से बांग्लादेश चले जाना है तो हिंदी-उर्दू बोलने वाले पाकिस्तान चले जाएं. जीरो ऑवर के दौरान उन्होंने ओडिशा में एक व्यक्ति को डिपोर्ट करने का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि सिर्फ भाषा के आधार पर किसी को देश से नहीं निकाला जा सकता. जब समय खत्म होने पर उनका माइक बंद हुआ तो ड्रामा और बढ़ गया. शताब्दी रॉय और उनकी साथी सांसद महुआ मोइत्रा गुस्से में ट्रेजरी बेंच की तरफ दौड़ पड़ीं. वे बीजेपी सांसद जुगल किशोर की सीट पर जाकर उनके माइक में बोलने लगीं.
पीठासीन अधिकारी ने उन्हें अपनी सीट पर लौटने को कहा. बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने भी उन्हें समझाया. बाद में अपनी बात पूरी करते हुए शताब्दी रॉय ने विवादित बयान दे दिया. उन्होंने कहा कि अगर बांग्ला बोलने वालों को बांग्लादेश भेजा जा सकता है. तो हिंदी और उर्दू बोलने वाले बीजेपी के लोगों को पाकिस्तान भेज दिया जाना चाहिए. इस बयान के बाद सदन में फिर से शोर शराबा शुरू हो गया.
प्रवासी मजदूरों को हिरासत में लेने का मामला सामने आया था
बता दें कि, बीते दिनों ओडिशा में पश्चिम बंगाल के 16 प्रवासी मजदूरों को बांग्लादेशी बताकर हिरासत में लिया गया था. ये सभी मजदूर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के लालगोला, बोरजुमला, पंडितपुर और जांगिपुर इलाकों के रहने वाले हैं. मजदूरों को केंद्रपाड़ा पुलिस ने हिरासत में लिया था. इससे पहले ओडिशा के ही जजपुर में 11 प्रवासी मजदूरों को पकड़ा गया था और उन्हें टार्चर किए जाने की खबर आई थी.
ये सभी मजदूर मुर्शिदाबाद के हैं और काफी समय से ओडिशा में कंस्ट्रक्शन का काम कर रहे हैं. हिरासत में लिए गए लोगों के पास अपना आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड और दूसरे सभी कागज हैं, फिर भी उन्हें हिरासत में लिया गया था ऐसा आरोप में कहा गया था.
संबित पात्रा ने दिया जवाब
शताब्दी राय के इस सवाल और आरोप पर पुरी सांसद संबित पात्रा ने पलटवार करते हुए जवाब दिया. उन्होंने बिना नाम लिए कहा कि टीएमसी सांसद ने जो आरोप लगाए वह फैक्ट पर बिल्कुल नहीं हैं और गलत हैं. ओडिशा प्राचीन काल से अंगा,बंगा और कलिंगा (अंग के, बंगाल के और कलिंग के लोग) को साथ लेकर चलने वाल रहा है और सभी के ईष्ट भगवान जगन्नाथ ही हैं और हम उन्हें बहुत मानते हैं.
टीएमसी सांसद ने जो कहा वो बहुत गलत है. हम सबका साथ-सबका विकास की भावना को लेकर चलने वाले लोग हैं, लेकिन उन्होंने जिस तरीके से हिंदी-उर्दू बोलने वाले लोगों के लिए पाकिस्तान चले जाने की बात कही है वह बहुत गलत है.
बंगाली हमारे भाई हैं, ओडिशा अस्मिता हमारी पहचान है, मगर बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं का ओडिशा में कोई स्थान नहीं है.
संबित पात्रा के इस पलटवार पर पीठासीन कृष्णा प्रसाद तेन्नेटी ने कहा कि आपने जो कहा है उसका रिकॉर्ड चेक किया जाएगा.