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लड़ाकों की ट्रेनिंग से लेकर हाईजैकिंग तक... BLA ने जारी किया जाफर एक्सप्रेस ट्रेन हाईजैक का Video

बलूचिस्तान में दो महीने पहले जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने हाईजैक किया था. अब बीएलए ने एक 35 मिनट का वीडियो जारी किया है, जिसमें उन्होंने इस ऑपरेशन की पूरी योजना, प्रशिक्षण और मकसद का खुलासा किया है. वीडियो में जान-माल की सुरक्षा की कोशिश और पाकिस्तानी सेना के दावों के उलट असल घटनाक्रम भी दिखाया गया है.

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जाफर एक्स्प्रेस ट्रेन हाईजैकिंग का लेटेस्ट वीडियो
जाफर एक्स्प्रेस ट्रेन हाईजैकिंग का लेटेस्ट वीडियो

बलूचिस्तान में दो महीने पहले पाकिस्तान की जाफर एक्स्प्रेस ट्रेन को बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के लड़ाकों ने हाईजैक कर लिया था. अब लिबरेशन आर्मी की तरफ से एक करीब 35 मिनट का वीडियो रिलीज किया गया है, जिसमें उनकी पूरी योजना, लड़ाकों की ट्रेनिंग और हाईजैकिंग के मकसद को विस्तार से दिखाया गया है.

वीडियो में दिखाया गया है कि बलूच विद्रोहियों ने कैसे इस ऑपरेशन की योजना बनाई, लड़ाकों को सैन्य ब्रीफिंग दी गई और अधिकांश फिदायीन यूनिट को एक्शन के लिए तैयार किया गया. ट्रेन की पटरी को बम से उड़ाने के बाद उन्होंने ट्रेन को कब्जे में लेकर लगभग 200 पाकिस्तानी अधिकारियों को दो दिन तक बंधक बनाए रखा था.

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पाकिस्तानी सेना के दावे को बताया गलत

बीएलए द्वारा जारी वीडियो में देखा जा सकता है कि महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग हाईजैक स्थल से सुरक्षित तरीके से दूर ले जाए गए, जो पाकिस्तान की सेना द्वारा बिताई गई "निष्पक्ष और क्रूर" कार्रवाई की कहानियों से अलग है. यह दर्शाता है कि इस हमले में जान-माल की हानि को रोकने की कोशिश की गई.

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वीडियो की शुरुआत में एक BLA लड़ाके का बयान है, जिसमें जिसमें उसे कहते सुना जा सकता है, "हमारी लड़ाई और युद्ध अब ऐसे निर्णय लेने पर मजबूर हैं. हमारे युवा यह जानते हैं कि हथियार के बिना जवाब देना संभव नहीं." उन्होंने बलूच युवाओं की हिम्मत की भी तारीफ करते हुए कहा कि पिता और पुत्र दोनों अपने देश के लिए अपने जीवन की आहुति देने को तैयार हैं.

बीएलए ने क्यों किया था जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक?

ऑपरेशन का मकसद "कब्जा किए गए पाकिस्तानी राज्य को सबसे बड़ा झटका देना" और "यह साफ संदेश देना था कि राज्य के अधिकारी बलूचिस्तान में लंबे समय तक सुरक्षित नहीं रहेंगे." वीडियो में फिदायीन यूनिट के सदस्यों के नाम, तस्वीरें और आखिरी संदेश भी दिखाए गए हैं, जिसमें ऑपरेशन की सफलता और कम हताहतों की जानकारी दी गई है.

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पाकिस्तानी सेना ने इस घटना के बाद कहा था कि 30 घंटे की कार्रवाई में 33 विद्रोही मारे गए, जबकि सेना के 23 जवान, तीन रेलवे कर्मी और पांच यात्री घायल या मृत बताए गए थे. हालांकि, बलूच लिबरेशन आर्मी का दावा है कि उन्होंने 214 पाकिस्तानी सैन्य बंधकों की हत्या के साथ बड़े पैमाने पर कार्रवाई की थी.

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