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Odisha Parcel Bomb Wedding Case: शादी के गिफ्ट में बम भेजकर दूल्हे और दादी की हत्या करवाई, लेक्चरर को उम्रकैद

Odisha Parcel Bomb Wedding Case: ओडिशा में 2018 में शादी के गिफ्ट में पार्सल बम भेजकर दूल्हे और उसकी दादी की हत्या करने वाले लेक्चरर पुंजीलाल मेहर को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. पेशेवर दुश्मनी के चलते उसने यह साजिश रची थी. दुल्हन गंभीर रूप से घायल हुई थी. कोर्ट ने 1.70 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

ओडिशा के बलांगीर जिले की एक अदालत ने 2018 में एक शादी में पार्सल बम भेजकर दूल्हे और उसकी दादी की हत्या करने वाले लेक्चरर को उम्रकैद की सजा सुनाई है. आरोपी लेक्चरर पुंजीलाल मेहर ने पेशेवर दुश्मनी के चलते यह खौफनाक साजिश रची थी.

बदला लेने के लिए बनाई प्लानिंग
पुंजीलाल मेहर भैंसा स्थित ज्योति विकास कॉलेज में अंग्रेजी के लेक्चरर थे. वहीं, दूल्हे सौम्य शेखर की मां संजुक्ता साहू उस कॉलेज की प्रिंसिपल थीं. पुलिस जांच में सामने आया कि पुंजीलाल को संजुक्ता से पेशेवर ईर्ष्या थी. इसी वजह से उन्होंने बदला लेने के लिए उनके बेटे को टारगेट किया और शादी के गिफ्ट के तौर पर बम भेजा.

कैसे हुआ हादसा?
घटना 23 फरवरी 2018 की है, जब शादी के कुछ दिन बाद सौम्य शेखर ने अपने घर पटनागढ़ में एक गिफ्ट खोला. गिफ्ट में छुपा बम फट गया, जिससे सौम्य और उनकी 85 वर्षीय दादी की मौके पर ही मौत हो गई. वहीं, दुल्हन सीमा साहू गंभीर रूप से घायल हो गई थीं.

जांच के बाद मिली सजा
इस भयावह वारदात की जांच की मांग पर तत्कालीन मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने क्राइम ब्रांच को जिम्मा सौंपा. जांच के बाद अप्रैल 2018 में पुंजीलाल मेहर को गिरफ्तार किया गया. अब पटनागढ़ के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (ADJ) की अदालत ने उन्हें IPC की धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास), 201 (साक्ष्य मिटाना) और विस्फोटक अधिनियम की धारा 3 व 4 के तहत दोषी ठहराया है.

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उन्हें दो धाराओं में उम्रकैद, दो में 10-10 साल और एक में 7 साल की सजा सुनाई गई है. सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी. कोर्ट ने 1.70 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. अब पुंजीलाल जीवनभर जेल में ही रहेंगे.

यह घटना बहुत ही दुखद, खौफनाक और समाज के लिए चिंताजनक है. एक शिक्षक, जो समाज के निर्माण में सबसे अहम भूमिका निभाता है, जब वही व्यक्ति अपनी ईर्ष्या और बदले की भावना में अंधा होकर इतनी क्रूरता पर उतर आए, तो यह केवल एक हत्या नहीं, बल्कि मानवता की हत्या है. यह मामला हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि समाज में मानवता, सहिष्णुता और संवेदनशीलता की कितनी जरूरत है.

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