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Macron India Visit: फ्रांस क्यों है भारत का सबसे भरोसेमंद दोस्त? मोदी और मैक्रों के जयपुर में रोड शो के पीछे है खास वजह

Macron India Visit: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों भारत के 75वें गणतंत्र दिवस पर बतौर चीफ गेस्ट भारत आए हैं. यह ना सिर्फ दोनों देशों के राजनयिक संबंधों के लिए मील का पत्थर है बल्कि 2018 के बाद से मैक्रों और मोदी के बीच पनपी दोस्ती का उदाहरण भी है. 

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राष्ट्रपति मैक्रों और पीएम मोदी
राष्ट्रपति मैक्रों और पीएम मोदी

Macron India Visit: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों (Emmanuel Macron) इस बार गणतंत्र दिवस पर चीफ गेस्ट हैं. वह भारत के दो दिवसीय राजकीय दौरे पर गुरुवार को राजस्थान की राजधानी जयपुर पहुंचे, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया. उन्होंने गुरुवार शाम को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जयपुर में रोड शो भी किया.

राष्ट्रपति मैक्रों के इस दौरे को बहुत अहम माना जा रहा है. भारत और फ्रांस की लगभग हर संभावित क्षेत्र में करीबी दोस्ती है. दोनों देशों का ये रिश्ता बहुत विशेष भी हैं. लेकिन क्या कारण है कि फ्रांस और मैक्रों भारत के करीबी मित्र हैं.

इस साल भारत और फ्रांस अपनी रणनीतिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. फ्रांस पश्चिमी दुनिया में भारत का पहला रणनीतिक साझेदार देश है. वहीं, भारत एक तरह से फ्रांस का पहला गैर यूरीपोय साझेदार देश है.

फ्रांस की बैस्टिल डे परेड में पीएम मोदी थे चीफ गेस्ट

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों की मेजबानी में पिछले साल 14वीं बैस्टिल डे की सैन्य परेड के मौके पर चीफ गेस्ट थे. यह दोनों देशों की दोस्ती की बड़ी मिसाल थी. इस परेड में दोनों नेताओं के करीबी संबंधों की झलक देखने को मिली थी. इस परेड में भारतीय सेना के 269 जवानों की एक टुकड़ी ने भी मार्च किया था. पीएम मोदी और मैक्रों 2023 में कम से कम दर्जनों बार मुलाकात कर चुके हैं.

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ये भी पढ़ें: जयपुर पहुंचे फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों, PM मोदी के साथ करेंगे रोड शो, रामबाग पैलेस में होगी मेहमाननवाजी

पीएम मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों की दोस्ती

मैक्रों 75वें गणतंत्र दिवस पर भारत के चीफ गेस्ट हैं. यह ना सिर्फ दोनों देशों के राजनयिक संबंधों के लिए मील का पत्थर है बल्कि 2018 के बाद से मैक्रों और मोदी के बीच पनपी दोस्ती का उदाहरण भी हैं. 

इस दोस्ती की शुरुआत 2017 में हुई थी, जब मैक्रों फ्रांस के राष्ट्रपति चुने गए थे. वह फ्रांस के इतिहास के अब तक के सबसे युवा राष्ट्रपति हैं. इसके अगले साल ही 2018 में मैक्रों भारत आए थे. इस दौरान पीएम मोदी और मैक्रों ने मिलकर इंटरनेशनल सोलर अलायंस (आईएस) शुरू किया था. इस योजना का उद्देश्य सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना था. ये वो पल था, जहां से दोनों नेताओं की दोस्ती की नींव पड़ गई थी. 

राफेल सौदे से और गहरी हुई दोस्ती

फिर आया साल 2019 जब मैक्रों को पहली बार गणतंत्र दिवस के मौके पर बतौर चीफ गेस्ट इनवायट किया गया. यह एक ऐतिहासिक पल था. वह फ्रांस के पहले राष्ट्रपति हैं जिन्हें दो बार गणतंत्र दिवस पर बतौर चीफ गेस्ट आमंत्रित किया गया है.

कर्तव्य पथ पर भारत की 75वीं गणतंत्र दिवस परेड पर फ्रांस फॉरेन लीजन (French Foreign Legion) के छह भारतीय जवान मार्च करेंगे. फ्रांस की सैन्य टुकड़ी के 95 सैनिक और एयरबस ए330 एयरक्राफ्ट भी परेड में हिस्सा ले रहा है. 

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दोनों देशों और दोनों नेताओं की बढ़ती दोस्ती की एक बड़ी वजह डिफेंस सेक्टर भी है. राफेल विमानों को लेकर भारत और फ्रांस के बीच 2016 में एक अहम समझौता हुआ था जो दोनों के बीच विश्वास और सहयोग को दर्शाता है.

फ्रांस ने राफेल विमानों को चलाने के लिए भारत के पायलट और टेक्नीशियंस को प्रशिक्षित भी किया था. पेरिस में 2023 में 5वीं एनुअल डिफेंस डायलॉग की मंत्रिस्तरीय बैठक में दोनों नेताओं ने डिफेंस क्षेत्र में सहयोग की प्रतिबद्धताएं दोहराई.

भारत के साथ हर बार खड़ा रहा है फ्रांस

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में हर जरूरी मामलों पर मैक्रों सरकार ने भारत के प्रति अपना समर्थन जताया है. इससे दोनों देशों के संबंध लगाातर मजबूत हुए हैं. आतंकवाद से निपटने, समुद्री सुरक्षा और क्लाइमेट चेंज जैसे मामलों पर फ्रांस ने भारत का हर बार समर्थन किया है. फ्रांस ने हर बार भारत के हितों की वकालत की है. डिफेंस से लेकर ट्रेड, निवेश, साइंस, टेक्नोलॉजी, एजुकेशन और कल्चर हर क्षेत्र में दोनों देश एक दूसरे की मदद कर रहे हैं. 

मोदी-मैक्रों की दोस्ती की वजह से दोनों देशों के आर्थिक संबंध भी नए मुकाम पर पहुंचे हैं. भारत में फ्रांस की 1000 से अधिक कंपनियां ऑपरेट हो रही हैं. 2022-2023 में दोनों देशों के बीच कारोबार 10.2 अरब डॉलर रहा. इसके साथ ही भारत-ईयू ट्रेड एग्रीमेंट पर चल रही चर्चा से इन संबंधों का और विस्तार होगा.

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दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी की यह 25वीं वर्षगांठ है. ऐसे में मैक्रों का भारत दौरा बस एक डिप्लोमैटिक कार्यक्रम नहीं है बल्कि दोनों नेताओं के बीच गहरी हुई दोस्ती का जश्न है.

नई दिल्ली के बजाए जयपुर में रोड शो क्यों?

राजस्थान के जयपुर में सबसे ज्यादा फ्रांस के पर्यटक आते हैं. यहां के विदेशी पर्यटकों में फ्रांस के पर्यटकों की 13.7 फीसदी हिस्सेदारी है. इसके बाद ब्रिटेन के 2.86 फीसदी पर्यटक जयपुर आते हैं.

1971 के युद्ध के बाद सबसे पहले फ्रांस के पर्यटक जयपुर पहुंचना शुरू हुए थे. कहा जाता है कि राजस्थान के कुलधरा गांव को बसे पहले फ्रांस के टूरिस्टों ने ही खोजा था.

गणतंत्र दिवस समारोह में होंगे मुख्य अतिथि

दिल्ली में मैक्रों कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे. फ्रांसीसी सेना की एक टुकड़ी इस साल के गणतंत्र दिवस परेड में भाग ले रही है. फ्रांस की वायु सेना के दो राफेल लड़ाकू विमान और एक एयरबस ए330 मल्टी-रोल टैंकर परिवहन विमान भी समारोह में शामिल होंगे.

मैक्रों गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेने वाले छठे फ्रांसीसी नेता (पांचवे राष्ट्रपति) हैं, उनसे पहले  2016 में तत्कालीन फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद, 2008 में निकोलस सरकोजी, 1998 में जैक्स शिराक, 1980 में वालेरी गिस्कार्ड डी'एस्टैंग और 1976 में प्रधान मंत्री जैक्स शिराक  भारत के गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि बन चुके हैं.

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