अमेरिका का कहना है कि खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू (Gurpatwant Singh Pannun) की हत्या की कथित साजिश में शामिल होने के दावे पर भारत ने हैरानी और चिंता जताई है.
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता एड्रियन वॉटसन ने कहा कि भारत का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई उनकी पॉलिसी नहीं है. वॉटसन ने कहा कि हम समझते हैं कि भारत सरकार इस मामले की जांच कर रही है और आगामी दिनों में वह इस पर बहुत कुछ कहेंगे. हमने उन्हें बता दिया है कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा.
व्हाइट हाउस प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिकी सरकार ने यह मामला भारत सरकार के समक्ष उठाया है और इसे गंभीरता से लिया जा रहा है.
बता दें कि इस मामले पर भारत सरकार ने कहा था कि वह सुरक्षा मामलों पर अमेरिका से मिलने वाली सूचनाओं को गंभीरता से लेता है, क्योंकि वे हमारी अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं पर भी असर डालते हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ब्रिटिश रिपोर्ट में किए गए इन दावों के जवाब में कहा था कि भारत-अमेरिका सुरक्षा सहयोग पर हालिया चर्चा के दौरान अमेरिकी ने संगठित अपराधियों, बंदूक चलाने वालों, आतंकवादियों और अन्य लोगों के बीच सांठगांठ से संबंधित कुछ इनपुट साझा किए गए थे.
क्या है मामला?
ब्रिटेन के अखबार फाइनेंशियल टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि अमेरिका में पन्नू की हत्या की साजिश रची गई थी, जिसे अमेरिका ने नाकाम कर दिया था.
रिपोर्ट में दावा किया गया था कि अमेरिकी सरकार ने पन्नू की हत्या की साजिश का मामला भारत सरकार के समक्ष उठाया था. इस मामले से वाकिफ लोगों का कहना है कि इस साजिश में निशाने पर 'सिख फॉर जस्टिस' का चीफ और अमेरिकी एवं कनाडाई नागरिक पन्नू था. भारत सरकार ने सिख फॉर जस्टिस को आतंकी संगठन घोषित कर रखा है.
पीएम मोदी के यूएस दौरे के बाद भारत के सामने उठाया था मुद्दा
रिपोर्ट में कहा गया कि अमेरिका ने कनाडाई सिख हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद अपने कुछ सहयोगी देशों को पन्नू की हत्या की साजिश के बारे में बताया था. बता दें कि इस साल सितंबर में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूुडो ने निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने का आरोप लगाया था.
इस मामले से जुड़े एक शख्स ने पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जून में हुए अमेरिकी दौरे के बाद अमेरिका ने इस मामले को भारत के समक्ष उठाया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को दी गई राजनयिक चेतावनी के अलावा अमेरिकी फेडरल प्रॉसिक्यूटर्स ने न्यूयॉर्क जिला अदालत में एक शख्स के खिलाफ गोपनीय तरीके से मुकदमा दायर किया था.
पन्नू ने साध रखी है चुप्पी
इस मामले पर पन्नू ने भी कुछ कहने से इनकार कर दिया है. यह पूछे जाने पर कि क्या इस साजिश को लेकर अमेरिकी प्रशासन ने उन्हें चेतावनी दी थी या नहीं? इस पर पन्नू ने कहा कि वह चाहता है कि अमेरिकी सरजमीं पर मेरी जान के खतरे के मामले पर अमेरिकी सरकार प्रतिक्रिया दे.
पन्नू ने कहा कि अमेरिकी नागरिक और अमेरिकी जमीं पर खतरा अमेरिका की संप्रभुता के लिए चुनौती है. मेरा विश्वास है कि बाइडेन सरकार इस तरह की किसी भी चुनौती से निपटने में सक्षम है.