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केरल: चाय पत्ती पाउडर से साढ़े पांच घंटे में बनाए 15 प्रधानमंत्रियों के पोट्रेट, बना नया रिकॉर्ड

रिसवाना की इस उपलब्धि को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और एशियन बुक ऑफ रिकार्ड्स में मान्यता दी गई. ड्राइंग की तरफ रिसवाना का झुकाव बचपन से ही था. रिसवाना ने कई प्रयोगों के बाद Tea Dust से तस्वीरें बनाना शुरू किया.

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24 साल की रिसवाना की बेहतरीन कला ( फोटो- Faisal S Rayz)
24 साल की रिसवाना की बेहतरीन कला ( फोटो- Faisal S Rayz)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • चाय पत्ती पाउडर से चित्र बनाने की कला
  • इंडिया और एशिया बुक्स ऑफ रिकॉर्ड्स में जगह

केरल के कोझीकोड जिले में रहने वाली एक युवती की कला बेजोड़ है. ये Tea dust (चाय पत्ती पाउडर) से तस्वीरें बनाती है. 24 साल की रिसवाना ने महज साढ़े पांच घंटे में देश के 15 प्रधानमंत्रियों (14 प्रधानमंत्री और एक कार्यवाहक प्रधानमंत्री) की तस्वीरें बनाकर रिकॉर्ड कायम किया. रिसवाना की इस उपलब्धि को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और एशियन बुक ऑफ रिकार्ड्स में मान्यता दी गई. 

रिसवाना ने जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, मोरारजी देसाई, चौधरी चरण सिंह, राजीव गांधी, वी पी सिंह, चंद्रशेखर, पी वी नरसिम्हा राव, एच डी देवेगौड़ा, इंद्र कुमार गुजराल, अटल बिहारी वाजपेयी, डॉ मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी के चित्र बनाए. 14 प्रधानमंत्रियों के अलावा देश के दो बार कार्यवाहक प्रधानमंत्री रहे गुलजारी लाल नंदा का भी रिसवाना ने चित्र बनाया. 

चाय पत्ती पाउडर से चित्र बनाने की कला

ड्राइंग की तरफ रिसवाना का झुकाव बचपन से ही था. रिसवाना ने कई प्रयोगों के बाद Tea Dust से तस्वीरें बनाना शुरू किया. ऐसी तस्वीरें बनाने के लिए रिसवाना A-3 पेपर का इस्तेमाल करती है. इसके लिए पहले कागज पर रिसवाना गोंद (GLUE) फैलाती है. फिर उसके ऊपर पोट्रेट बनाने के लिए चाय पत्ती पाउडर छिड़का जाता है. ऐसा करते हुए बहुत सतर्कता बरतने की जरूरत होती है.  

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रिसवाना चाय पत्ती पाउडर के साथ ड्राइंग के अपने प्रयोगों को आगे भी जारी रखना चाहती है. उसका लक्ष्य लिमका बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी जगह पाने का है. रिसवाना की ख्वाहिश है कि वो अपने आर्टवर्क को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट करे. जहां तक पढ़ाई का सवाल है तो रिसवाना चार्टेर्ड अकाउंटेंसी की छात्रा हैं. रिसवाना की शादी कोलाथारा निवासी सैनुल आबिद के साथ हुई है. आबिद के अलावा रिसवाना के माता पिता- अब्दुल लतीफ और सुमाया- भी इस कला के लिए बहुत प्रोत्साहन देते हैं. जिस तरह चाय का प्याला सुबह ताजगी का अहसास देता है, यही बात रिसवाना के आर्ट वर्क के लिए कही जा सकती है. 
 

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