उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में लगातार बारिश के चलते तबाही की तस्वीरें सामने आ रही हैं. हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में लगातार बारिश जानलेवा साबित होती जा रही है. इन दोनों ही राज्यों से लैंडस्लाइड और फ्लैश फ्लड की खबरें सामने आ रही हैं. लगातार बारिश के बीच, मौसम विभाग ने चिंता वाली खबर सामने रखी है. मौसम विभाग की मानें तो हिमाचल प्रदेश में अभी भारी बारिश का खतरा टला नहीं है.
हिमाचल प्रदेश में इस साल हुई बारिश से भारी तबाही देखने को मिली है. प्रदेश में 24 जून से लेकर अब तक 335 लोगों की मौत हो चुकी है. 38 लोग अभी भी लापता हैं. करीब 8014 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है. 7 से 10 जुलाई तक बारिश ने भारी कहर बरसाया. बता दें, हिमाचल के कुल्लू, मनाली, मंडी, शिमला, सिरमौर, सोलन में सबसे ज्यादा नुकसान देखने को मिला. ऐसे में मौसम विभाग द्वारा हिमाचल प्रदेश में अगले पांच दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी ने चिंता बढ़ा दी है.
पूरे राज्य को घोषित किया गया प्राकृतिक आपदा क्षेत्र
हिमाचल प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर हुई 113 लैंडस्लाइड की घटनाओं में 2,022 पूरी तरह तबाह हो गए. वहीं, 9,615 घर आंशिक तौर पर क्षतिग्रस्त हुए हैं. हिमाचल प्रदेश में लैंडस्लाइड, बादल फटने की घटनाओं को देखते हुए लोगों के बीच डर का माहौल है. बता दें, प्रदेश में हुए भारी नुकसान को देखते हुए सरकार ने प्रदेश को प्राकृतिक आपदा क्षेत्र घोषित कर दिया है.

हिमाचल प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट
मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश में अगले 24 घंटों के दौरान भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग की मानें तो कल यानी 22 अगस्त से 24 अगस्त तक हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश का दौर जारी रहेगा. भारी बारिश के अलर्ट के बीच कई इलाकों में बाढ़, लैंडस्लाइड और फ्लैश फ्लड का खतरा मंडरा रहा है. प्रदेश में इस बरसात में 7 से 10 जुलाई तक भारी बारिश का जो दौर रहा, उसमें मंडी कुल्लू सहित कई जिलों में भारी नुकसान देखने को मिला. इसके अलावा 13 अगस्त से 15 अगस्त तक भी भारी बारिश हुई. 13 अगस्त से लेकर अब तक 79 लोगों की जान जा चुकी है. शिमला शहर में 23 लोगों की मौत हुई है. शिमला के समरहिल में शिव मंदिर पर लैंडस्लाइड होने से अब तक 16 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं. जबकि फागली में 5 और कृष्णा नगर में दो की मौत हुई है.
उत्तराखंड के भी पांच जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
उत्तराखंड में भी लगातार भारी बारिश के चलते लैंडस्लाइड की खबरें सामने आ रही हैं. मौसम विभाग की मानें तो दून समेत पांच जिलों मे भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. देहरादून, पौड़ी, नैनीताल, चंपावत और बागेश्वर जिले में भारी बारिश की चेतावनी. मौसम विभाग ने आज यानी 21 और 22 अगस्त को इन जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. वहीं, अन्य जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है. (इनपुट: अंकित शर्मा)

मंडी-चंबा में फ्लैश फ्लड का खतरा
मौसम विभाग ने चंबा और मंडी जिलों के जलग्रहण क्षेत्रों (किसी नदी, बेसिन या जलाशय में गिरने वाले जलसंभरों से घिरा इलाका) में फ्लैश फ्लड के मध्यमखतरे की चेतावनी भी जारी की है. वहीं, मंडी और चंबा में मौसम विभाग के मुताबिक, 26 अगस्त तक बारिश का दौर जारी रहने वाला है. बता दें, राज्य में रेस्क्यू ऑपरेशन का काम लगातार जारी है. कांगड़ा में ही 2000 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया. मंडी में 700 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया था.
हिमाचल प्रदेश पर मंडरा रहा बड़ा खतरा?
हिमाचल प्रदेश से लगातार तबाही की तस्वीरें सामने आ रही हैं. ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि क्या हिमाचल प्रदेश में किसी बड़ी आपदा का खतरा मंडरा रहा है? दरअसल, जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के सर्वे की मानें तो हिमाचल प्रदेश में 17 हजार से ज्यादा जगहों पर लैंडस्लाइंड का खतरा बना हुआ है. केवल शिमला में ही 1357 जगहों पर भूस्खलन की आशंका है. स्पेस एप्लिकेशन सेंटर की मानें तो हिमाचल प्रदेश में 935 ग्लेशियर और झीलों के टूटने का खतरा मंडरा रहा है. वहीं, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की एक्सपर्ट कमेटी की मानें तो शिमला उच्च जोखिम वाले भूकंप क्षेत्र में आता है. अंदेशा पहले ही जताया गया है कि अगर तेज भूकंप आ जाए तो शिमला की 39 फीसदी इमारतें पूरी तरह ढह जाएंगी. वहीं, 20 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा सकती है.