इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के बगल में स्थित शाही ईदगाह परिसर के सर्वेक्षण के तौर-तरीकों पर सुनवाई 17 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी है. 14 दिसंबर को, अदालत ने शाही ईदगाह के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और कहा था कि सर्वेक्षण के तौर-तरीकों पर अगली सुनवाई में चर्चा की जाएगी. कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामले में हिंदू पक्ष ने सर्वेक्षण के लिए एक आयोग गठित करने की अपील की थी, जिसमें दावा किया गया था कि मस्जिद में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि यह एक बार हिंदू मंदिर था.
न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन ने यह सूचित किए जाने के बाद सुनवाई स्थगित कर दी कि यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, लखनऊ के वकील अदालत में उपस्थित नहीं हो पाएंगे क्योंकि उनके पिता का निधन हो गया है. "यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, लखनऊ के वकील पुनित कुमार गुप्ता ने इस आधार पर एक आवेदन दायर किया है कि उनके पिता की मृत्यु हो गई है और वह अदालत में उपस्थित होने में सक्षम नहीं हैं. गुप्ता को संरचना और तौर-तरीकों पर भी सुना जाना है.
मुस्लिम पक्ष ने ये भी दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट में 16 जनवरी को मामले की सुनवाई होनी है. इसलिए मुस्लिम पक्ष ने मामले की सुनवाई टालने का अनुरोध किया. हालांकि कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसला रिजर्व कर लिया है. जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच में मामले की सुनवाई हुई है.
हिंदू पक्ष के वकीलों ने दलील दी कि कोर्ट कमिश्नर जल्द नियुक्त किया जाना चाहिए. क्योंकि विवादित परिसर में हिंदुओं के प्रतीक चिह्न को नष्ट करने का प्रयास हो रहा है. कोर्ट कमिश्नर की कार्यवाही में विवादित परिसर का फोटोग्राफी और वीडियो ग्राफी करने की मांग की गई है. सर्वे के बाद पूरा रिकॉर्ड कोर्ट में पेश किया जाए. हिंदू पक्ष ने मुस्लिम पक्ष द्वारा बार-बार सुनवाई टालने का विरोध किया.