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ग्राहम स्टेन्स हत्याकांड: हत्यारे दारा सिंह की सजामाफी याचिका पर SC ने ओडिशा सरकार से मांगा जवाब

ग्राहम स्टेन्स हत्याकांड के दोषी दारा सिंह ने कहा है कि वो दो दशक से अधिक समय पहले किए गए अपराधों को स्वीकार करता है और गहरा खेद व्यक्त करता है.

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A three-judge bench of the Supreme Court heard the matter on Wednesday. (PTI)
A three-judge bench of the Supreme Court heard the matter on Wednesday. (PTI)

आस्ट्रेलियाई मिशनरी ग्राहम स्टेंस और उसके दो नाबालिग बेटों की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे रविन्द्र पाल उर्फ दारा सिंह की सजा कम करने की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा सरकार से जवाब मांगा है. इस मामले में दोषी करार दिया गया दारा सिंह 24 सालों से ओडिशा की एक जेल में बंद है. 

दारा सिंह ने समय पूर्व अपनी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार से अधिक उदार नीति की मांग की है. इस मामले में वरिष्ठ वकील विष्णुशंकर जैन दारा सिंह की पैरवी कर रहे हैं.  

बता दें कि ग्राहम स्टेंस हत्याकांड एक भीषण और दिल दहला देने वाला मामला है. इस मामले दोषी दारा सिंह पर सुप्रीम कोर्ट में हाल में हुई सुनवाई चर्चा में है.

ग्राहम स्टेंस एक ऑस्ट्रेलियाई मिशनरी थे जो ओडिशा में आदिवासी क्षेत्रों में सेवा कार्यों में जुटे थे. ग्राहम स्टेंस और उनके बेटों को 22-23 जनवरी, 1999 की रात को ओड़िशा के क्योंझर जिले के मनोहरपुर नाम के आदिवासी गांव में एक झोपड़ी के सामने खड़ी अपनी गाड़ी में सोते समय जलाकर मार दिया गया था. इस घटना में ग्राहम स्टेंस और उनके दो बेटे, फिलिप (10 वर्ष) और टिमोथी (6 वर्ष), जीवित जला दिए गए थे. इस मामले में दारा सिंह को दोषी पाया गया था और कोर्ट ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. ग्राहम स्टेंस 30 सालों से ओडिशा में कुष्ठ रोगियों के बीच काम कर रहे थे. 

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मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में तीन सदस्यों की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की. इस दौरान मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड ने दारा सिंह की सजा कम करने की अपील पर ओडिशा सरकार को नोटिस जारी करते हुए 2 सप्ताह में जवाब मांगा. हालांकि चीफ जस्टिस ने यह भी टिप्पणी की कि ये अपराध बेहद ही गंभीर था. 

इससे पहले 9 जुलाई को इस मामले की सुनवाई के दौरान दारा सिंह ने राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई का हवाला देते हुए कहा कि दो दशक पहले किए अपराध को वो कबूल करता है. उसे अपने कृत्य पर खेद है. क्योंकि ग्राहम स्टेंस से उसकी कोई निजी दुश्मनी नहीं थी.

अपनी सजा माफ करने के लिए दी गई याचिका में दारा सिंह ने कहा है कि वो लगभग 61 साल का है और वो 24 साल से ज्यादा अवधि से जेल में है. उसे कभी पैरोल पर रिहा नहीं किया गया. उसकी मां का निधन हुआ तो वह उनका अंतिम संस्कार भी नहीं कर सका. वो दो दशक से अधिक समय पहले किए गए अपराधों को स्वीकार करता है और गहरा खेद व्यक्त करता है. भारत के क्रूर इतिहास पर युवाओं की भावनाओं से प्रेरित होकर उसका मानस क्षण भर के लिए संयम खो बैठा था.

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दारा सिंह ने कहा है कि न्यायालय के लिए यह आवश्यक है कि वह केवल कार्रवाई की ही नहीं बल्कि अंतर्निहित इरादे की भी जांच करे.

बता दें कि इस मामले में जनवरी 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने दारा सिंह की आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा था साथ ही दारा सिंह को मृत्युदंड देने की सीबीआई की मांग को खारिज कर दिया था. 
 

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