नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहा किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) अब संसद के मॉनसून सत्र (Monsoon Session) पर भी असर डाल सकता है. दरअसल, प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कहा है कि वे लोग मॉनसून सत्र खत्म होने तक संसद के बाहर प्रदर्शन करेंगे. मॉनसून सत्र के दौरान किसान किस तरह प्रदर्शन करेंगे, इसका पूरा एक्शन प्लान तैयार कर लिया गया है. इसके साथ-साथ 8 जुलाई को तेल-गैस के बढ़ते दामों के खिलाफ भी किसान सड़कों पर होंगे.
बता दें कि 22 जुलाई से संसद का मॉनसून सत्र शुरू होगा. तब से ही किसान संसद के बाहर प्रदर्शन का प्लान बना रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, मॉनसून सत्र से पहले ही आंदोलनकारी किसानों के जत्थे दिल्ली कूच करेंगे. फिर 22 जुलाई से रोजोना 200 किसान संसद का घेराव करेंगे. किसान संगठनों ने कहा है कि जब तक तीनों कृषि कानून रद्द नहीं होंगे तबतक आंदोलन चलता रहेगा.
संसद के घेराव का एक्शन प्लान
गैस-तेल के दाम पर सरकार को घेरेंगे किसान
किसानों ने तेल, गैस के बढ़ते दामों पर भी केंद्र सरकार को घेरने का प्लान बनाया है. इसमें पेट्रोल, डीजल और एलपीजी के बढ़ते दामों के खिलाफ 8 जुलाई को पूरे देश में प्रदर्शन होगा. किसान नेताओं द्वारा कहा गया है कि वे लोग नेशनल हाईवे व स्टेट हाईवे पर खड़े होंगे, लेकिन उनको जाम नहीं करेंगे. यह प्रदर्शन 8 जुलाई को 10 से 12 बजे तक होगा.