पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना में शुक्रवार की सुबह ईडी की टीम जनता का राशन लूटकर 700 करोड़ के भ्रष्टाचार के केस के आरोपी के घर छापा मारने पहुंची, लेकिन तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख के उकसावे पर भीड़ ने ईडी के अधिकारियों पर हमला बोल दिया. 800-1000 लोगों की भीड़ ने टीम को घेर लिया और ईडी अधिकारियों के साथ-साथ केंद्रीय सुरक्षा बलों की गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की है. ईडी के अधिकारियों की दो गाड़ियों को रोका गया था. इसमें कुल पांच अधिकारी जख्मी हुए. तीन को ज्यादा चोट आई हैं.
भीड़ ने ईडी के अधिकारी का सिर पत्थर से फोड़ दिया. लोगों के हाथ में लाठी, डंडे और पत्थर थे. ईडी अधिकारी राजकुमार राम के सिर में डॉक्टर को 7 टांके लगाने पड़े. सोमनाथ दत्त और अंकुर गुप्ता नाम के दो और अधिकारी बुरी तरह घायल हुए. देश में ईडी के अधिकारियों पर कभी यूं जानलेवा हमला नहीं हुआ. इस बार हुआ तो पश्चिम बंगाल में हुआ. ईडी के अधिकारी राजकुमार राम को सिर पर रूमाल बांधनी पड़ी, ताकि बहते खून को रोका जा सके. जबकि ईडी के दूसरे जांच अधिकारी के जैकेट की कॉलर के पास से खून बह रहा था. उनके सिर पर पीछे पत्थर से चोट लगी है. ईडी का दावा है कि कुल पांच जांच अधिकारियों को छापा मारने से रोकने के लिए इनकी गाड़ियों पर हमला हुआ है.
आरोप है कि ये सत्ता समर्थित गुंडों की वो फौज है. जिसका मकसद सिर्फ एक था. ईडी अधिकारियों पर हमला करना. हमला करके टीएमसी नेता शाहजहां शेख के घर छापेमारी रोकना. छापेमारी रोककर बंगाल के राशन घोटाले की जांच में बाधा पहुंचाना. जांच में बाधा पहुंचाकर गिरफ्तार खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को बचाना.
क्या है बंगाल का राशन घोटाला?
आरोप है कि पीडीएस यानी सार्वजनिक वितरण प्रणाली का 30 फीसदी राशन खुले बाजार में बेच दिया गया है. ईडी की पहली चार्जशीट में दावा हुआ कि पश्चिम बंगाल में 400 करोड़ रुपए का राशन घोटाला हुआ है. ईडी का दावा है कि 400 करोड़ तो बस शुरुआत है, ये घोटाल इससे कई गुना बड़ा हो सकता है. ईडी की जांच के मुताबिक आरोप है कि मिल से सरकारी वितरक को 20 से 40 फीसदी कम गेहूं का आटा पहुंचाया जाता रहा, लेकिन पेमेंट पूरा लिया गया. 20 से 40 फीसदी वही आटा फिर खुले बाजार में बेचा गया. आटे की चोरी से हुए मुनाफे को वितरक और मिल मालिक के बीच साझा किया गया. ईडी ने इसी राशन वितरण घोटाले में बंगाल के 10 साल खाद्य मंत्री रहे ज्योतिप्रिय मलिक और उनके करीबी चावल मिल मालिक बाकिबुर रहमान को गिरफ्तार किया था. ईडी को खबर मिली थी कि बंगाल के राशन घोटाले के अहम सुराग टीएमसी नेता शाहजहां शेख के पास मिल सकते हैं. जिसके घर शुक्रवार की सुबह ईडी की टीम छापा मारने पहुंची, लेकिन हमला होने के बाद छापा मारा ही नहीं जा सका.
ईडी ने शिकायत दर्ज कराई
शुक्रवार देर रात जारी एक आधिकारिक बयान में ED ने कहा कि उसने आरोपी के खिलाफ FIR दर्ज करने के लिए स्थानीय पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. ईडी की टीम पर उस समय हमला हुआ जब वे उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखली में तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता शेख शाहजहां के आवास की तलाशी लेने गए थे. ईडी ने कहा कि अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे ईडी अधिकारियों पर भीड़ ने (शेख शाहजहां और उनके सहयोगियों द्वारा उकसाए जाने का संदेह) हमला कर दिया. हमले में तीन अधिकारियों को गंभीर चोटें आई हैं, ईडी ने कहा कि घायल अधिकारियों का अस्पताल में इलाज किया जा रहा है. अन्य अधिकारियों को अपनी जान बचाने के लिए बिना तलाशी लिए ही वहां से भागना पड़ा. क्योंकि भीड़ "बहुत हिंसक" हो गई और यहां तक कि भीड़ ने अधिकारियों का पीछा भी किया ताकि उन्हें उनकी आधिकारिक ड्यूटी करने से रोका जा सके. ईडी ने कहा कि भीड़ ने अधिकारियों के मोबाइल फोन, लैपटॉप, नकदी, बटुए भी लूट लिए. एफआईआर दर्ज करने और दोषियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई के लिए पुलिस को शिकायत दी गई है.
घायल अधिकारियों से मिलने अस्पताल पहुंचे राज्यपाल
ईडी ने कहा कि भीड़ ने जांच एजेंसी और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इसके अलावा उन्होंने ईडी के वाहनों पर भी हमला किया जो बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं. अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते समय ईडी के अधिकारियों पर भीड़ द्वारा बुरी तरह हमला किया गया. 3 अधिकारियों को गंभीर चोटें आई हैं. अन्य अधिकारियों को अपनी जान बचाने के लिए बिना तलाशी लिए घटनास्थल से भागना पड़ा, क्योंकि भीड़ हिंसक हो गई थी. वहीं, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस ईडी के अधिकारियों से मिलने पहुंचे, जिन पर ड्यूटी के दौरान हमला हुआ था. गंभीर रूप से घायल होने पर उन्हें कोलकाता के अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
भीड़ पत्थर, लाठियां लेकर ईडी की टीम पर टूट पड़ी
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक जैसे ही ईडी की टीम शेख शाजहां के आवास पर पहुंची, तो दरवाजा अंदर से बंद था. उन्होंने दरवाजा खोलने से इनकार कर दिया. जांच एजेंसी ने कहा कि उसके अधिकारी सीआरपीएफ कर्मियों की मदद से संबंधित व्यक्ति से संपर्क कर दरवाजा खुलवाने की कोशिश कर रहे थे. उस समय उनके मोबाइल लोकेशन से संकेत मिला कि वह घर के अंदर थे. इसके बाद आधे घंटे के भीतर करीब 800-1000 लोगों की भीड़ हाथों में लाठियां लेकर उनकी ओर बढ़ने लगी. उन पर पत्थर, ईंटें आदि फेंकें और ईडी अधिकारियों और सीआरपीएफ कर्मियों का घेराव किया. अचानक उन्होंने ईडी अधिकारियों और सीआरपीएफ कर्मियों पर हमला करना शुरू कर दिया.
ईडी ने किया ये दावा
ईडी के अधिकारी ज्योतिप्रिय मलिक के करीबी शाहजहां शेख के घर पहुंची थी. ईडी के सूत्रों का कहना है कि शाहजहां शेख के घर के भीतर कुछ बेहद जरूरी सबूत या जानकारी थी. दावा है कि राशन घोटाले के अहम सबूतों को शाहजहां शेख हटाने का वक्त नहीं मिल पाया. आरोप है कि ईडी के अधिकारियों पर हमले का प्लानिंग की गई. जब तक पुलिस पहुंचती तब तक ईडी के अधिकारियों पर हमला हो चुका था.