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बांग्लादेश में Cyclone Hamoon का कहर, 3 लोगों की मौत, अब मिजोरम में असर! देखें लोकेशन

बंगाल की खाड़ी में 130 से 145 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं से भरा अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान अब कमजोर पड़ गया है. इस चक्रवाती तूफान का कहर बांग्लादेश में देखने को मिला है. वहीं, इसके असर से भारत के मिजोरम, तमिलनाडु और तटीय इलाकों का मौसम बदला है.

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Cyclone Hamoon (Photo-IMD)
Cyclone Hamoon (Photo-IMD)

बांग्लादेश के समुद्री तट से टकराए हमून तूफान ने कई इलाकों में कहर बरपाया है. इससे तीन लोगों की मौत हो गई है और सैकड़ों घर क्षतिग्रस्त हुए हैं. तूफान के खतरनाक असर के चलते लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया जा रहा है. हालांकि, अब चक्रवात हमून कमजोर हो गया है और भारत के मिजोरम के दक्षिण में एक दबाव के रूप में मौजूद है. मिजोरम में इस चक्रवाती तूफान के असर से तेज हवाएं और बारिश देखने को मिल रही है. 

बांग्लादेश तट से टकराया

मौसम विभाग (IMD) के रात के 9 बजे के अपडेट के मुताबिक, डिप्रेशन (बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान हमून के अवशेष) उत्तरी मिजोरम और उससे सटे मणिपुर और म्यांमार पर एक अच्छी तरह से चिह्नित निम्न दबाव क्षेत्र में कमजोर हो गया है. इसके उत्तर-उत्तरपूर्व की ओर बढ़ने और अगले 12 घंटों के दौरान और कमजोर होने की संभावना है.

बंगाल की खाड़ी में पनपा तूफान

बता दें कि पिछले दिनों बंगाल की खाड़ी में 130 से 145 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं से भरा हुआ अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान पनपा. हालांकि, जमीन तक आते-आते ये कमजोर होकर एक चक्रवाती तूफान में बदल गया और हवा की गति 75 किमी प्रति घंटे से 85 किमी प्रति घंटे के बीच बढ़कर 95 किमी प्रति घंटे तक रही.

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अब भारत के इन राज्यों पर असर

चक्रवात हमून का असर भारत के भी कुछ राज्यों पर देखने को मिला. तमिलनाडु और ओडिशा में हल्की से मध्यम बारिश की गतिविधियां देखी गईं और प्रायद्वीप में सबसे अधिक 52 मिमी बारिश दर्ज की गई. हालांकि, भारत के पूर्वी तट पर कोई खास नुकसान नहीं देखा गया. अब पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों, विशेष रूप से त्रिपुरा और मिजोरम में इस प्रणाली के कारण बारिश की गतिविधियां देखने को मिलेंगी क्योंकि अभी मिजोरम के ऊपर एक दबाव बना हुआ है, जो आने वाले समय में और कमजोर हो जाएगा.

बता दें कि चक्रवाती तूफान को 'हमून' नाम ईरान ने दिया है. विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से उष्णकटिबंधीय तूफानों की तीव्रता बढ़ गई है, ज्यादा बारिश और तेज हवाओं के कारण अचानक बाढ़ की समस्या और तटीय क्षति हुई है. बता दें कि 2007 में चक्रवात सिद्र में 3,000 से ज्यादा लोगों की जान गई थी और अरबों डॉलर की क्षति हुई थी.

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