कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के तबादले को लेकर खींचतान शुरू हो गई है. इस संबंध में डीके शिवकुमार ने राज्य के चीफ सेक्रेटरी को एक पत्र भी लिखा है और कहा कि उनकी मर्जी के बिना उनके विभाग में अधिकारियों का तबादला नहीं किया जा सकता. ये विवाद उस वक्त शुरू हुआ जब सीएम ने जल संसाधन मंत्रालय के मुख्य अभियंताओं (चीफ इंजीनियर्स) का ट्रांसफर बिना शिवकुमार की मंजूरी कर दिया था.
डीके शिवकुमार ने मुख्य सचिव (चीफ सेक्रेटरी) को लिखे एक पत्र में अपनी नाराजगी जाहिर की है. डिप्टी सीएम ने अपने पत्र में कहा, 'इस सरकार के कार्यकाल की शुरुआत में ही मैंने स्पष्ट रूप से निर्देश दिए थे कि मेरे अधिकार क्षेत्र वाले विभागों, जैसे जल संसाधन विभाग, में तबादले और नियुक्तियों से संबंधित कोई भी आदेश मुख्य प्रशासनिक सचिवालय शहरी अवसंरचना (C.A.S.U.I) द्वारा मेरी पूर्व स्वीकृति के बिना जारी नहीं किया जाना चाहिए.'
उन्होंने आगे लिखा, 'जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंताओं की सेवा-संबंधी कार्यों के तबादले के मामले में भी ये निर्देश दोहराया गया था कि ऐसे मामलों में मेरी स्वीकृति अनिवार्य है. लेकिन हाल ही में अधिसूचना संख्या CASUI 28 SE 2024, दिनांक 09.05.2025 के तहत कुछ मुख्य अभियंताओं का तबादला मेरी मंजूरी के बिना जल संसाधन विभाग में कर दिया गया. मैं इस आदेश के उल्लंघन पर कड़ा ऐतराज जताता हूं.'
डिप्टी सीएम ने इस आदेश को तुरंत वापस लेने का निर्देश दिया है और आने वाले वक्त में ऐसे मामलों से संबंधित कोई भी आदेश मेरी बिना मंजूरी लिए जारी नहीं किया चाहिए.