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चंडीगढ़ मेयर चुनाव: 'दूर रखे गए पोलिंग एजेंट, बैलेट पेपर पर अधिकारी लगा रहा था स्याही...', राघव चड्ढा के गंभीर आरोप

आम चुनाव से ठीक पहले चंडीगढ़ में AAP और कांग्रेस गठबंधन पहली बार मेयर इलेक्शन में ताकत दिखाने उतरा था. हालांकि, विपक्षी गठबंधन के उम्मीदवार के 8 वोट अवैध घोषित होने की वजह से बीजेपी उम्मीदवार मनोज कुमार सोनकर ने जीत हासिल की है. उन्होंने AAP-कांग्रेस के संयुक्त उम्मीदवार कुलदीप सिंह को हराया.

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AAP के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा.
AAP के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा.

चंडीगढ़ मेयर चुनाव में AAP और कांग्रेस के गठबंधन को झटका लगा है. यहां बीजेपी उम्मीदवार मनोज कुमार सोनकर ने जीत हासिल की है. उन्होंने AAP-कांग्रेस के संयुक्त उम्मीदवार कुलदीप सिंह को हराया है. चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद AAP और कांग्रेस ने बीजेपी पर हमला बोल दिया है. AAP का कहना है कि मतदान में धांधली हुई है. वोटिंग के दौरान पोलिंग एजेंट को दूर रखा गया. जबकि एक अधिकारी बैलेट पेपर पर स्याही लगा रहा था.

बता दें कि आम चुनाव से ठीक पहले चंडीगढ़ में AAP और कांग्रेस गठबंधन पहली बार मेयर इलेक्शन में ताकत दिखाने उतरा था. हालांकि, विपक्षी गठबंधन के उम्मीदवार के 8 वोट अवैध घोषित होने की वजह से बीजेपी उम्मीदवार मनोज कुमार सोनकर ने जीत हासिल की है. उन्होंने AAP-कांग्रेस के संयुक्त उम्मीदवार कुलदीप सिंह को हराया. कुल 36 वोट पड़े. इनमें से मनोज सोनकर को 16 वोट मिले, जिसमें पदेन सदस्य किरण खेर का वोट भी शामिल था. जबकि 8 वोट अवैध घोषित होने के बाद इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार कुलदीप सिंह को 12 वोट मिले.

'देश को उत्तर कोरिया बनाना चाहते हैं?'

AAP के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा, इससे पता चलता है कि मेयर चुनाव के लिए बीजेपी सभी गैरकानूनी हथकंडे अपना सकती है, लोकसभा चुनाव में अपनी हार देखकर वे क्या करेंगे. क्या बीजेपी इस देश को उत्तर कोरिया बनाना चाहती है? चंडीगढ़ मेयर चुनाव में पहली बार 36 में से 8 वोट अवैध घोषित किए गए. कांग्रेस और आप गठबंधन को 20 वोट मिलने थे. हमें 12 वोट मिले और 8 वोट अवैध घोषित किए गए. भाजपा का एक भी वोट अवैध घोषित नहीं किया गया.

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'ऑपरेशन लोटस विफल हो गया तो...'

राघव चड्ढा का कहना था, चंडीगढ़ मेयर चुनाव के दौरान हमने जो कुछ भी देखा, वह न केवल असंवैधानिक है बल्कि देशद्रोह है. चंडीगढ़ मेयर चुनाव में हमने जो अवैधता देखी उसे देशद्रोह ही कहा जा सकता है. जब बीजेपी का ऑपरेशन लोटस विफल हो गया तो उन्होंने हताशा का सहारा लिया.

इस बीच, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें एक अधिकारी कुछ लिखते नजर आ रहे हैं और आरोप है कि उन्होंने वोटों को अमान्य कर दिया. गठबंधन के नेता अमान्य करने की साजिश के तौर पर सवाल उठा रहे हैं. गठबंधन का कहना है कि अधिकारी को स्याही लगाते और वोटों को अमान्य करते देखा जा सकता है. जब कोई अमान्यकरण किया जाता है, तो उसे अवैध घोषित करने से पहले मतदान एजेंटों को दिखाया जाता है. जब वे इतने छोटे चुनाव के लिए ऐसी चालें चल सकते हैं तो सोचिए लोकसभा के लिए वे क्या कर सकते हैं. वे देश को उत्तर कोरिया बना रहे हैं. अनिल मसीह को गिरफ्तार किया जाना चाहिए और उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए. उन्हें जेल भेजना चाहिए.

'नतीजे के बाद हो गया हंगामा'

इस बीच, सदन में हंगामा हो गया. आप-कांग्रेस ने 8 वोटों को अवैध घोषित करने के फैसले का विरोध किया. आम आदमी पार्टी (AAP) ने घोषणा की कि वे पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे.
चंडीगढ़ मेयर चुनाव को इंडिया ब्लॉक के लिए एक लिटमस टेस्ट माना जा रहा था. 

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कांग्रेस और AAP ने पिछले आठ वर्षों से मेयर पद पर बीजेपी के गढ़ को चुनौती देने के लिए गठबंधन बनाया था. AAP ने मेयर पद के लिए अपना उम्मीदवार खड़ा किया था, जबकि कांग्रेस के उम्मीदवारों ने वरिष्ठ डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए चुनाव लड़ा था.

पिछले चुनाव में बीजेपी ने 35 में से 14 सीटें जीती थीं और आप के 13 पार्षद थे. चंडीगढ़ नगर निगम में कांग्रेस के सात प्रतिनिधि और सिरोमणी अकालीदल का एक सदस्य था.
 

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