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'हरियाणा में कमजोर नहीं हुई पार्टी, विधानसभा चुनाव में पहले से अच्छा प्रदर्शन': BSP का दावा

बीएसपी के मुताबिक, 2024 लोकसभा चुनाव में उसे 1.28 फीसदी वोट हासिल हुआ जबकि इस विधानसभा चुनाव में पार्टी को 1.82 फीसदी वोट मिला. पिछले दो चुनावों में बीएसपी को मिले वोट और प्रतिशत के आधार पर पार्टी ने दावा किया है कि उसका आधार पिछले चुनाव से ज्यादा बढ़ा है.

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बीएसपी सुप्रीमो मायावती (फाइल फोटो)
बीएसपी सुप्रीमो मायावती (फाइल फोटो)

बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने दावा किया है कि इस बार हरियाणा चुनाव में जिन 36 विधानसभा सीटों पर बीएसपी प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा, वहां बसपा को 252671 वोट मिले. यह इन सीटों पर डाले गए कुल वोट का 4.51 फीसदी है जबकि 2019 के विधानसभा चुनाव में बीएसपी को 4.14% वोट मिला था और तब पार्टी ने सभी 82 सीटों पर चुनाव लड़ा था. इसके अलावा पार्टी ने दावा किया है कि बीएसपी ने 2024 के लोकसभा चुनाव से भी बेहतर प्रदर्शन इस बार विधानसभा में किया है.

बीएसपी के मुताबिक, 2024 लोकसभा चुनाव में उसे 1.28 फीसदी वोट हासिल हुआ जबकि इस विधानसभा चुनाव में पार्टी को 1.82 फीसदी वोट मिला. पिछले दो चुनावों में बीएसपी को मिले वोट और प्रतिशत के आधार पर पार्टी ने दावा किया है कि उसका आधार पिछले चुनाव से ज्यादा बढ़ा है. यह सच है कि बसपा सीट नहीं जीत पाई लेकिन 1 सीट पर नंबर दो और 7 सीटों पर तीसरे नंबर पर रही है. ट

हालांकि, मायावती ने साफ तौर से कहा कि बीएसपी को इंडियन नेशनल लोकदल से हरियाणा में गठबंधन का कोई खास फायदा नहीं हुआ. मायावती ने तो यहां तक ऐलान कर दिया कि अब बीएसपी आगे से किसी भी क्षेत्रीय दल से गठबंधन नहीं करेगी. हरियाणा बीएसपी का दावा है कि पार्टी का प्रदर्शन काफी बेहतर रहा है और पिछले चुनाव की तुलना में वोट शेयर बढ़े हैं.

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मायावती का ऐलान

मायावती के द्वारा गठबंधन को लेकर किए गए ऐलान के पीछे की वजह यह भी है कि इस बार  दलितों का वोट INLD को तो मिला लेकिन जाटों का वोट बीएसपी को नहीं मिला. नतीजे के तुरंत बाद मायावती ने जाटों के वोट नहीं मिलने पर खूब खरी खोटी सुनाई है. बीएसपी के मुताबिक, पार्टी का अलग से 36 सीटों के वोट शेयर को देखा जाए तो वह पिछले चुनाव की तुलना में बेहतर रहा है और मायावती का तर्क है कि अगर बसपा अकेले लड़ती है तो वह क्षेत्रीय दलों से कहीं बेहतर है.

दरअसल, आकाश आनंद को हरियाणा चुनाव की जिम्मेदारी दी गई थी और सूबे में गठबंधन से लेकर चुनाव प्रचार, कैंडिडेट सिलेक्शन और चुनाव की रणनीति तक सब कुछ आकाश आनंद के हाथ में था. लेकिन बीएसपी इस बार एक सीट जीतते-जीतते हार गई. अटेली की सीट जहां काउंटिंग के आखिरी चरण में दिग्गज बीजेपी नेता राव इंद्रजीत सिंह की बेटी जीत गई.

वो सीट जहां बीएसपी दूसरे नंबर पर है...

1. अटेली - अट्टर लाल - 54274

वो सीटें जहां बीएसपी तीसरे नंबर पर है...

1. साधौरा - बृजपाल - 53496
2. नारायणगढ़ - हरविलास सिंह - 27440
3. रादौर - धर्मपाल तिगरा - 11182
4. शाहबाद - चंद्रभान चौहान - 1638
5. कैथल - अनिल तंवर - 3428
6. असंध - गोपाल सिंह - 27355
7. इंद्री - सुरेन्द्र उड़ाना - 6612
8. बड़कल - मनोज चौधरी  - 2493

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पार्टी पर खड़े होते सवाल

बीएसपी भले ही बेहतर परफॉर्मेंस का दावा कर रही हो लेकिन चुनाव दर चुनाव मिलने वाली हार पार्टी पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है. मायावती ने ऐलान कर दिया है कि अब बीएसपी किसी के साथ कोई गठबंधन नहीं करेगी और सभी चुनाव अकेले अपने दम पर लड़ेगी. अब देखना ये है कि अकेले बीएसपी कितनी बड़ी ताकत बनकर उभर पाती है.

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