हरियाणा की सभी 90 सीटों के लिए एक ही चरण में मतदान हुआ. पहले यहां 1 अक्टूबर को मतदान और 4 अक्टूबर को मतगणना होनी थी, लेकिन बाद में मतदान की तारीख 5 अक्टूबर जबकि काउंटिंग की डेट 8 अक्टूबर कर दी गई (Haryana Assembly Election 2024 Voting Result Date). मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने चुनाव कार्यक्रम का ऐलान किया था.
हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर 2024 को समाप्त होने वाला है. पिछला विधानसभा चुनाव अक्टूबर 2019 में हुआ था. चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी के गठबंधन ने राज्य सरकार बनाई और मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री बने (Haryana Assembly Election 2024).
राहुल गांधी ने 5 नवंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया था कि हरियाणा में जब चुनाव हुए थे उस वक्त 25 लाख फर्जी मतदाता थे. उन्होंने एक ब्राजीलियन मॉडल की फोटो का हवाला देते हुए कहा था कि इस तस्वीर को 22 बार अलग अलग नामों से इस्तेमाल किया गया है.
इंडिया से हजारों किलोमीटर दूर रहने वाली इस महिला का नाम लरिसा है. लरिसा का कहना है कि उसका भारत की राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है. उसकी फोटो को किसी ने स्टॉक इमेज से खरीदा है. और इस फोटो का गलत यूज किया गया है. लरिसा पहले मॉडलिंग किया करती थी लेकिन अब वो इस पेशे से दूर हैं.
बीजेपी को 2024 लोकसभा चुनाव में अपने दम पर पूर्ण बहुमत नहीं मिल पाया था. लेकिन, ऑपरेशन सिंदूर, वक्फ संशोधन कानून और राज्यों में सत्ता वापसी जैसे कई उदाहरण हैं जो बताते हैं कि केंद्र सरकार में बहुमत जैसा आत्मविश्वास आ चुका है - और विपक्ष फिर से बिखरता जा रहा है.
हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने दलितों के प्रभाव वाली सीटों पर जीत हासिल की, और इसका एक बड़ा कारण कांग्रेस नेता कुमारी सैलजा की नाराजगी मानी जा रही है। सैलजा को टिकट न मिलने और कांग्रेस कार्यकर्ताओं की टिप्पणियों के बाद, दलित समुदाय ने कांग्रेस को नकारते हुए बीजेपी का समर्थन किया। इस वीडियो में जानें कैसे बीजेपी को दलित वोटों का फायदा मिला और कुमारी सैलजा की नाराजगी ने चुनाव परिणामों को प्रभावित किया।
हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी गोपाल कांडा के खिलाफ सिरसा सीट पर उम्मीदवार नहीं उतारेगी। जानें बीजेपी का प्लान और गोपाल कांडा के साथ अनौपचारिक सहमति का पूरा मामला। इस वीडियो में फरीदाबाद NIT, महेंद्रगढ़ और सिरसा सीटों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है।
हरियाणा की राजनीति में डेरों की भूमिका पर एक नजर, जिसमें सिर्फ राम रहीम ही नहीं, बल्कि अन्य डेरों का भी अहम प्रभाव है। चुनावी मौसम में राम रहीम की पैरोल और डेरा सच्चा सौदा के 'नाम चर्चा' ने इस मुद्दे को और उछाल दिया है। जानिए क्यों हरियाणा में डेरों का राजनीतिक दलों पर गहरा असर है और कैसे ये राजनीतिक दलों की मजबूरी बन चुके हैं।
कांग्रेस में एक नई एक्सपर्ट कमेटी बनाई गई है, जिसकी 5 फरवरी को होने जा रहे दिल्ली चुनाव पर खास नजर होगी. ये कमेटी राहुल गांधी को रिपोर्ट करेगी - और देश भर में होने वाले चुनावों पर कांग्रेस के लिए खास तौर पर नजर रखेगी.
क्यों न देश में ऐसा कानून बना दिया जाए कि एक डाक्युमेंट पेश करने पर जिससे यह साबित हो सके कि इस व्यक्ति को देश में चुनाव लड़ना या लड़वाना है उसे जेल से बाहर आने की छूट मिल सके. आखिर कोर्ट भी यह मान चुका है कि चुनाव लड़ना या लड़वाना कैदी का अधिकार है इसके लिए उसे पैरोल पर बाहर भेजा जाना चाहिए.
रेवाड़ी के गांव सुलखा की बेटी जिया ने एनडीए क्वालिफाई कर लेफ्टिनेंट बनकर जिले का नाम रोशन किया. जिया ने सरकारी स्कूल से पढ़ाई की और परिवार के सपोर्ट से यह मुकाम हासिल किया. जिया के पिता एक ऑटो चालक हैं और बेटी की कामयाबी से बेहद खुश हैं.
योगी आदित्यनाथ के दिल्ली में दस्तक देने के पहले से ही 'बंटेंगे तो कटेंगे' का नारा गूंजने लगा है. देखना है योगी आदित्यनाथ का अगला कैंपेन बीजेपी के लिए हरियाणा-महाराष्ट्र जैसे रिजल्ट लाता है, या झारखंड की तरह फिर से हार का मुंह देखना पड़ता है.
दिल्ली में मौजूदा विधायकों के टिकट काटे जाने से पूरी तरह साफ हो गया है कि आम आदमी पार्टी अपनी सरकार के खिलाफ जबरदस्त सत्ता विरोधी लहर महसूस कर रही है - हरियाणा और महाराष्ट्र में तो बीजेपी ने अपने मनमाफिक परिस्थतियां बना ली थी, अरविंद केजरीवाल के साथ क्या होगा?
राहुल गांधी अभी लोकसभा में विपक्ष के नेता हैं, और ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री. दोनो नेताओं की अहमियत अलग अलग लेवल की है - INDIA ब्लॉक के नेतृत्व में भी दोनो की अपनी अपनी तयशुदा हदें भी हैं, जाहिर है, प्रभाव भी.
राहुल गांधी के सामने INDIA ब्लॉक में ही चुनौतियां खड़ी हो गई हैं. जिन वजहों से वो लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बने हैं, संभाल पाना मुश्किल हो रहा है. हाथों में संविधान लिए जो विपक्षी एकता सड़क से संसद तक नजर आ रही थी, धीरे धीरे कमजोर पड़ने लगी है.
किसान आंदोलन शुरू से ही बीजेपी की केंद्र सरकार के लिए मुसीबत का सबब रहा है, कृषि कानूनों का वापस लिया जाना सबूत है - लेकिन भरी महफिल में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का शिवराज सिंह चौहान को कठघरे में खड़ा करना यूं ही तो नहीं लगता.
महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के लिए जिम्मेदार नेताओं पर गाज गिरने वाली है. मल्लिकार्जुन खड़गे ने ऐसा बोला है, और राहुल गांधी ने उस पर मुहर लगाई है - लेकिन बड़ा सवाल ये है कि हार के लिए असली जिम्मेदार कौन है?
बीजेपी का अगला टार्गेट दिल्ली विधानसभा के चुनाव हैं. महाराष्ट्र और हरियाणा में मिली कामयाबी से बीजेपी नेताओं का जोश हाई है, लेकिन झारखंड की हार से मन में एक टीस तो होगी ही - बड़ सवाल है, क्या बीजेपी का हालिया प्रदर्शन अरविंद केजरीवाल के खिलाफ भी जारी रह सकेगा?
हरियाणा विधानसभा चुनाव में गड़बड़ी पर कांग्रेस के आरोपों को चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया है..EC ने इन आरोपों को निराधार बताया है.
हरियाणा चुनाव में अनियमितताओं के बारे में कांग्रेस के आरोपों को चुनाव आयोग ने निराधार बताते हुए खारिज कर दिया. चुनाव आयोग ने मंगलवार को बयान जारी कर कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दलों को मतदान और मतगणना के दिनों जैसे संवेदनशील समय पर निराधार और सनसनीखेज शिकायतों के प्रति आगाह किया.
चुनाव आयोग ने हरियाणा चुनाव को लेकर कांग्रेस के सभी आरोपों को खारिज कर दिया है. कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि ईवीएम में गड़बड़ी हुई है और चुनावी परिणाम सही नहीं हैं. लेकिन चुनाव आयोग ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है. आयोग ने कहा कि ये सभी आरोप बसेलेस हैं और इनकी जांच की गई है. देखें...
चुनाव आयोग ने कांग्रेस से चुनाव दर चुनाव निराधार आरोप लगाने से बचने का आह्वान किया और अप्रत्याशित चुनावी नतीजों का सामना करने पर आरोप लगाने के लिए पार्टी को आड़े हाथों लिया. आयोग ने कांग्रेस से दृढ़ और ठोस कदम उठाने और इस तरह की शिकायतों की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने का आग्रह किया.
विनेश फोगाट ने कांग्रेस के टिकट पर हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ा था. उन्हें जुलाना सीट से 65,080 वोट मिले थे. वहीं उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी योगेश कुमार को 59,065 वोट मिले थे, इस तरह विनेश को 6015 वोटों से जीत मिली थी.