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'ये तो फ्रॉड है', वोटर ID पर ब्राजील मॉडल की फोटो होने पर बोले विमला, सरोज और गुनिया के परिजन

राहुल गांधी ने 5 नवंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया था कि हरियाणा में जब चुनाव हुए थे उस वक्त 25 लाख फर्जी मतदाता थे. उन्होंने एक ब्राजीलियन मॉडल की फोटो का हवाला देते हुए कहा था कि इस तस्वीर को 22 बार अलग अलग नामों से इस्तेमाल किया गया है.

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गुनिया (बाएं) उन हरियाणा की महिलाओं में से एक थीं जिनके ID कार्ड पर कथित तौर पर एक ब्राज़ीलियन मॉडल की फोटो लगी हुई थी. (Photo- ITG)
गुनिया (बाएं) उन हरियाणा की महिलाओं में से एक थीं जिनके ID कार्ड पर कथित तौर पर एक ब्राज़ीलियन मॉडल की फोटो लगी हुई थी. (Photo- ITG)

बिहार में चुनावी माहौल के बीच सोशल मीडिया पर ब्राजीलियन मॉडल की तस्वीर वाले कथित वोटर आईडी कार्ड का विवाद गहरा गया था. इंडिया टुडे/आज तक ने उन तीनों मतदाताओं विमला, सरोज और गुनिया के परिवार को ट्रैक किया है, जिनके वोटर कार्ड पर ब्राजील की महिला की फोटो छपी हुई थी. लेकिन तीनों ही परिवारों ने इसे फ्रॉड बताया है. 

हरियाणा के राई विधानसभा क्षेत्र में ब्राजीलियन मॉडल की तस्वीर वाले कथित वोटर आईडी कार्ड पर विवाद बना हुआ है. इंडिया टुडे/आज तक ने विमला के परिवार से संपर्क किया. विमला के बेटे ने आज तक से बातचीत में पुष्टि की कि उनकी मां के नाम पर एक रहस्यमयी मतदाता पंजीकृत है, जिसका अलग ईपीआईसी नंबर है और वही घर का नंबर है.

विमला के बेटे ने कहा कि उनकी मां को लोकसभा और विधानसभा दोनों चुनावों में वोट डालने में कोई समस्या नहीं हुई. लेकिन उनके घर के नंबर पर पंजीकृत मतदाता सूची में दिख रहे आईडी को वह फर्जी बता रहे हैं. उन्होंने राहुल गांधी के दावे का समर्थन किया है और कहा कि इस धोखाधड़ी करने वलों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.

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सरोज के परिवार ने भी आपत्ति जताई

इसके अलावा राई विधानसभा क्षेत्र में ही वोटर आईडी कार्ड पर ब्राजीलियन महिला की फोटो के साथ सरोज का नाम नजर आ रहा है. लेकिन सरोज के परिवार का कहना है कि शादी के बाद सरोज का वोट भिवानी विधानसभा क्षेत्र में शिफ्ट कर दिया गया था. सरोज के परिवार का कहना है कि 2001 के बाद से सरोज ने यहां वोट नहीं डाला है. वह अचंभे में है कि सरोज का नाम अभी भी वोटर आईडी कार्ड में है और फोटो गलत नजर आ रही है.

सरोज की बहन का कहना है कि यह फ्रॉड है. उसका वोट जब भिवानी विधानसभा क्षेत्र में शिफ्ट हो गया है तो यहां वोटर लिस्ट में नहीं होना चाहिए. सरोज के परिवार ने इसकी उचित जांच और वोटर लिस्ट से सरोज का नाम हटाने की मांग की.

गुनिया की 2022 में मौत हो गई थी

ठीक ऐसा ही केस गुनिया का भी है. गुनिया की मार्च 2022 में मौत हो गई थी. गुनिया का परिवार असमंजस में है कि गुनिया की फोटो कैसे अभी भी वोटर लिस्ट में दर्ज है और उस पर गलत फोटो नजर आ रही है. परिवार ने कहा कि गुनिया ने अपनी मौत से पहले अपना वोट डाला था लेकिन उन्हें गलत फोटो का नहीं पता था. गुनिया की सास का कहना है कि हमें नहीं पता कि क्या हुआ.

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