बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को मुंबई पुलिस द्वारा माहिम मेले को दो दिन पहले बंद करने के आदेश को खारिज कर दिया. यह मेला हर साल उर्स के मौके पर आयोजित किया जाता है और इस साल यह 16 दिसंबर से 25 दिसंबर तक चलने वाला था.
मुंबई पुलिस ने सोमवार रात मेले के आयोजकों और वेंडर्स को नोटिस जारी कर कहा कि क्रिसमस के मौके पर सेंट माइकल चर्च में भीड़ बढ़ने और ट्रैफिक जाम की आशंका के कारण मेले की अनुमति रद्द की जा रही है. इस नोटिस के खिलाफ एक वेंडर जाहिद खमीसा ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
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खमीसा के वकील प्रसन्ना भांगले ने अदालत को बताया कि माहिम मेला 1901 से लगातार आयोजित हो रहा है. यह मेला दशकों से शांतिपूर्ण तरीके से चलता आ रहा है और इसे अचानक रोकने का कोई तर्कसंगत कारण नहीं है.
मुंबई पुलिस की ओर से माहिम पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक विनायक विनाल और सरकारी वकील प्राजक्ता शिंदे ने तर्क दिया कि मेला सड़क किनारे आयोजित होता है और इससे ट्रैफिक जाम होता है, जिससे स्थानीय लोग परेशान होते हैं.
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हालांकि, जस्टिस शिवकुमार डिजे और अद्वैत सेठना की खंडपीठ ने पाया कि मेले को पहले दी गई अनुमति में यह शर्त थी कि अगर जनता से कोई शिकायत आती है तो अनुमति रद्द की जा सकती है. लेकिन पुलिस द्वारा अचानक मेले को बंद करने के आदेश में ऐसी कोई शिकायत का जिक्र नहीं था.
कोर्ट ने कहा, 'ट्रैफिक जाम का अंदेशा मेले को बंद करने का कारण नहीं हो सकता. ट्रैफिक प्रबंधन पुलिस की जिम्मेदारी है, जिसे अतिरिक्त स्टाफ लगाकर हल किया जा सकता है.' कोर्ट के इस फैसले के बाद अब माहिम मेला अपने तय समय तक जारी रहेगा.