बॉम्बे हाई कोर्ट
बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) भारत में महाराष्ट्र और गोवा राज्यों का उच्च न्यायालय है, दादर और नगर हवेली और दमन और दीव का केंद्र शासित प्रदेश भी इसके न्यायाधिकार में आते (Bombay High Court Jurisdiction). यह मुंबई में स्थित है (Bombay High Court Location), और भारत के सबसे पुराने उच्च न्यायालयों में से एक है. बॉम्बे हाई कोर्ट की महाराष्ट्र में नागपुर और औरंगाबाद और गोवा की राजधानी पणजी में शाखाएं हैं (Bombay High Court Benches).
न्यायमूर्ति एम. सी. छागला स्वतंत्रता के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट के पहले भारतीय स्थायी मुख्य न्यायाधीश थे (Bombay High Court First Indian Chief Justice Post Independence). स्वतंत्र भारत के प्रथम मुख्य न्यायाधीश, महान्यायवादी और सॉलिसिटर जनरल इसी न्यायालय से थे (First CJI, AG, SG from Bombay High Court). भारत की आजादी के बाद से, इस अदालत से 22 न्यायाधीशों को सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत किया गया है और 8 को भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में निर्वाचित किया गया है (Bombay High Court Judges Promoted to Supreme Court).
न्यायालय के पास अपीलीय के अलावा मूल क्षेत्राधिकार है. इस न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णयों की अपील केवल भारत के सर्वोच्च न्यायालय में की जा सकती है. बॉम्बे हाई कोर्ट में 94 न्यायाधीशों की क्षमता है, जिनमें से 71 स्थायी और 23 अतिरिक्त जज हो सकते हैं (Bombay High Court Sanctioned Strength).
बॉम्बे हाई कोर्ट भारत में तीन उच्च न्यायालयों में से एक था, जिसे प्रेसीडेंसी टाउन में क्वीन विक्टोरिया के पेटेंट के तहत 26 जून, 1862 को स्थापित दिया गया था. इसका उद्घाटन 14 अगस्त, 1862 को उच्च न्यायालय अधिनियम, 1861 के तहत किया गया था (Bombay High Court Inauguration Date). इस उच्च न्यायालय की मौजूदा इमारत पर काम अप्रैल 1871 में शुरू हुआ और नवंबर 1878 में पूरा हुआ था (Bombay High Court Building Completion Date). इसे ब्रिटिश इंजीनियर कर्नल जेम्स ए फुलर ने डिजाइन किया था (Bombay High Court Building Designer). बॉम्बे हाई कोर्ट की इमारत मुंबई के विक्टोरियन और आर्ट डेको एन्सेम्बल का हिस्सा है, जिसे 2018 में विश्व धरोहर स्थलों की सूची में जोड़ा गया था (Bombay High Court Building added to World Heritage Sites).
बॉम्बे हाईकोर्ट ने जनवरी 2025 में गैरकानूनी प्रवेश के आरोप में बांग्लादेशी महिला शबनम अंसारी को जमानत दे दी. महिला को डेढ़ साल के बच्चे के साथ गिरफ्तार किया गया था, लेकिन पुलिस ने उन्हें 24 घंटे में अदालत में पेश नहीं किया, जो कानून और संविधान के उल्लंघन के रूप में देखा गया.
महाराष्ट्र के ठाणे जिले के बदलापुर के एक स्कूल में सफाई कर्मचारी अक्षय शिंदे का 23 सितंबर, 2024 को तलोजा जेल से पुलिसकर्मियों द्वारा थाने ले जाते समय एनकाउंटर कर दिया गया था. पुलिस ने कहा था कि उत्तेजित शिंदे ने उनकी पिस्तौल छीन ली थी.
PNB को भी आरोपी बनाए जाने की मांग वाली याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा कि याचिका मुकदमे को एक अलग दिशा में ले जाने के उद्देश्य से दायर की गई है, जिसके माध्यम से वह और उसके मास्टरमाइंड फायदा हुआ है. इस तरह न्याय मिलने में परेशानी होगी. आरोपी की ओर से अदालत को उकसा कर उसे पीड़ित बनाने का प्रयास करना एक धोखा है.
महाराष्ट्र में बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई के कान्जुरमार्ग डंपिंग ग्राउंड की की 119.91 हेक्टेयर जमीन को 'संरक्षित जंगल' घोषित किया. कोर्ट ने बीएमसी को वन विभाग की अनुमति लेने के लिए तीन महीने का समय दिया है. जस्टिस कुलकर्णी और सुंदरसेन की बेंच ने सुनवाई की.
रतन टाटा की वसीयत में कई महत्वपूर्ण खुलासे हुए हैं। 2022 में उनकी वसीयत के तहत उन्होंने अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा परोपकार के लिए दान किया है, जबकि अपने परिवार और करीबी दोस्तों को भी बड़ी संपत्तियां दी हैं। जानिए किसे कितना और क्या मिला, और उनके द्वारा किए गए दान की पूरी डिटेल।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने 25 अप्रैल को स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा को गिरफ्तारी से राहत दी है, लेकिन महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को देशद्रोही कहने के मामले में दर्ज एफआईआर में जांच पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है.दरअसल, कामरा ने मुंबई के खार पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग करते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी.
बॉम्बे हाई कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि अगर कुणाल कामरा की याचिका लंबित रहने के दौरान पुलिस आरोपपत्र दाखिल करती है, तो ट्रायल कोर्ट कॉमेडियन के खिलाफ आगे नहीं बढ़ेगा. 16 अप्रैल को कोर्ट ने कामरा को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण दिया था. अब इसे स्थायी कर दिया गया है.
अभियोजन पक्ष ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी अपराध में समान रूप से शामिल थे और एक जघन्य कृत्य किया गया था, जिसकी वजह से 12 साल के लड़के मौत हो गई. इसलिए इस अपराध के लिए माफी नहीं दी जा सकती है.
कुणाल कामरा के वकील सीरवाई ने दलील दी कि शिकायतकर्ता का कहना है कि भाषण से दो राजनीतिक दलों के बीच दुश्मनी पैदा हो रही है. उन्होंने हमारी पार्टी और दूसरी पार्टियों के बीच भी नफरत की भावना पैदा की है. इसमें दुर्भावना है और इसलिए उनकी कानूनी शिकायत है. जब मैं इस मामले की दुर्भावना पर आता हूं, तो कहने के लिए बहुत कुछ है.
जस्टिस मिलिंद जाधव की बेंच 18 और 20 साल के युवकों द्वारा दायर जमानत याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिन्हें 7 मई, 2023 को डिंडोशी पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
मुंबई सेशन कोर्ट ने सबूतों के अभाव में राजन और दो अन्य को बरी कर दिया. जबकि दो शूटर मोहम्मद अली शेख और प्रणय राणे को दोषी करार दिया गया और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई. इसके बाद दोनों ने अपील दायर की और वे फिलहाल मुंबई सेंट्रल जेल में बंद हैं.
जस्टिस मिलिंद जाधव की बेंच एक ऐसे शख्स की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जो अगस्त 2020 में नवी मुंबई में उसके खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद तीन साल से ज्यादा वक्त से जेल में बंद था.
आरोपी के वकील अनिकेत निकम ने कहा कि यह घटना गलतफहमी का नतीजा थी. उन्होंने बताया कि मां ने बाद में लिखित बयान में कहा कि बच्ची ने चोट को खेलते समय गिरने और खुजली के कारण बताया था. मेडिको-लीगल रिपोर्ट में भी लालिमा दर्ज की गई, लेकिन अंतिम राय खाली थी.
अबू सलेम को 1993 मुंबई सीरियल बम धमाकों और बिल्डर प्रदीप जैन की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. हालांकि, सलेम ने अदालत में यह दलील दी कि जब उसे पुर्तगाल से भारत लाया गया (प्रत्यर्पण हुआ) था, तब भारत सरकार ने पुर्तगाल सरकार को यह आश्वासन दिया था कि उसे 25 साल से अधिक की सजा नहीं दी जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने भी इस आश्वासन को मान्यता दी और कहा कि सलेम को 25 साल बाद रिहा किया जाना चाहिए- यानी 2030 तक.
कुणाल कामरा ने पिछले दिनों एक वीडियो में कथित तौर पर बिना नाम लिए महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे को 'गद्दार' कहा था, इसके बाद कुणाल के खिलाफ मुंबई के खार पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया था.
पीड़ितों की ओर से अधिवक्ता शाहिद नदीम ने बॉम्बे हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, रजिस्ट्रार और विधि एवं न्याय विभाग के सचिव को पत्र लिखकर जज लाहोटी का कार्यकाल बढ़ाने की मांग की थी. पत्र में उल्लेख किया गया कि जज लाहोटी ने अगस्त 2022 से इस केस की सुनवाई संभाली है और वे हर पहलू से इस जटिल मुकदमे की बारीकियों से परिचित हैं.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा, 'अवैध निर्माण में शामिल सभी लोगों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और देश में कानून-व्यवस्था, कानूनी विकास को बनाए रखने के लिए सख्त प्रतिरोध लागू किया जाना चाहिए. सरकार को कानून बनाने पर विचार करना चाहिए.'
अबू सलेम वर्तमान में नासिक सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है, उसने फरवरी में बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया था. उसने जेल प्रशासन को यह निर्देश देने की मांग की थी कि उसकी पूरी जेल में बिताई गई अवधि-24 साल, 9 महीने और 16 दिन (31 दिसंबर 2024 तक) को ध्यान में रखते हुए उसे रिहाई की तारीख बताई जाए.
कुरैशी के वकील मिहिर देसाई और हसनैन काज़ी ने तर्क दिया कि कुरैशी को 22 सितंबर 2022 को गिरफ्तार किया गया था, जबकि PFI पर 27 सितंबर 2022 को प्रतिबंध लगाया गया. इसलिए, यह नहीं कहा जा सकता कि उन्होंने UAPA के तहत कोई अपराध किया था.
बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने एक महत्वपूर्ण फैसले पर कहा है कि आत्महत्या की धमकी देकर अपने पति और परिवार को जेल भेजने की धमकी देना 'क्रूरता' के समान है. पति ने दावा किया कि शादी के बाद पत्नी के माता-पिता अक्सर ससुराल आते थे और उनके वैवाहिक जीवन में हस्तक्षेप करते थे. दावा किया गया है कि 17 अक्टूबर 2010 को पत्नी बिना किसी जानकारी के ससुराल छोड़कर अपने माता-पिता के घर चली गई थी.
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और 'बिग बॉस 13' के कंटेस्टेंट विकास पाठक उर्फ हिंदुस्तानी भाऊ ने बॉलीवुड निर्देशक और कोरियोग्राफर फराह खान पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है. एफआईआर दर्ज करने की मांग करते हुए हिंदुस्तानी भाऊ ने बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.