अस्पतालों में अकसर देखा जाता है कि जिन मरीजों को अर्जेंट में खून चाहिए होता है, ब्लड बैंक उनसे ओवरचार्जिंग करते हैं, लेकिन अब इसको लेकर सरकार ने सख्त रुख अपनाया है. सरकार ने नेशनल ब्लड ट्रांसफ्यूशन काउंसिल (NBTC) द्वारा जारी गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं.
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने कहा है कि अस्पताल और ब्लड बैंक अब खून देने के बदले में केवल प्रोसेसिंग फीस ले सकते हैं. इसको लेकर DCGI ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ड्रग कंट्रोलर और सह-लाइसेंसिंग अधिकारियों को पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि ये फैसला इसलिए लिया गया कि खून बेचने के लिए नहीं है.
ब्लड बेचने के लिए नहीं है: DCGI
इस चिट्ठी में ड्रग एडवाइजरी कमेटी की 26 सितंबर को हुई 62वीं बैठक का जिक्र किया गया है. DCGI ने लिखा, "ब्लड के लिए अधिक शुल्क लेने के संबंध में एटीआर बिंदु तीन के एजेंडा संख्या 18 के संबंध में यह सिफारिश की गई, यह राय व्यक्त की गई कि ब्लड बिक्री के लिए नहीं है, यह केवल आपूर्ति के लिए है और ब्लड बैंक केवल प्रोसेसिंग फीस लगा सकते हैं."
DCGI ने लेटर में क्या कहा?
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ड्रग कंट्रोलर्स से कहा है कि वे अपने अधिकार क्षेत्र के तहत सभी ब्लड बैंकों को संशोधित दिशानिर्देशों का पालन करने का निर्देश दें. दरअसल सरकार को कई दिनों से ऐसी शिकायतें मिल रही थीं कि ब्लड बैंक ओवर चार्जिंग कर रहे हैं, इसी को देखते हुए ये फैसला लिया गया है.