पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के एक लॉ कॉलेज में 24 वर्षीय छात्रा के साथ हुए गैंगरेप मामले में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेताओं की विवादित बयानबाजी का दौर जारी है. टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी और विधायक मदन मित्रा के बाद अब ममता सरकार में सिंचाई एवं जलमार्ग मंत्री मानस रंजन भुनिया ने इस घटना पर विवादित टिप्पणी की है. उन्होंने मंगलवार को कोलकाता मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर्स डे पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए 'साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज' में हुए गैंगरेप को 'छोटी घटना' बताया.
मानस भुनिया ने कहा, 'पहलगाम में हमें मारने वाले आतंकवादी अभी तक नहीं पकड़े गए हैं और वे (बीजेपी) हमेशा बंगाल को ही निशाना बनाते हैं. कोई भी छोटी-मोटी घटना होती है और कुछ लोग ऐसे होते हैं जो रोने लगते हैं, जैसे कि प्रलय आ गया हो...मैं आप सभी से आग्रह करना चाहता हूं, अपने आप को कम मत आंकिए, आप सभी ममता बनर्जी के सिपाही हैं...हां घटनाएं होती हैं, यहां तक कि अपने ही परिवार में...पति ने पत्नी को मार दिया, पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर पति को चट्टान से धक्का दे दिया...ये समाज के संकट हैं. हमारी मुख्यमंत्री हर घटना को एक मां की तरह संभालती हैं. मैं अपने फेडरेशन के लड़कों और लड़कियों से अपील करता हूं कि वे उनके साथ खड़े रहें.'
ममता बनर्जी की चुप्पी से ऐसे नेताओं को मिल रही ताकत: बीजेपी
उनकी इस टिप्पणी की मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने तीखी आलोचना की है. भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने X पर एक पोस्ट में लिखा, 'जब पूरा देश 24 वर्षीय लॉ स्टूडेंट के साथ हुई अकल्पनीय क्रूरता से भयभीत है, टीएमसी नेता अपनी राजनीतिक बॉस ममता बनर्जी से प्रशंसा पाने के लिए बलात्कार को सामान्य बनाने में व्यस्त हैं. सबसे पहले, टीएमसी के मदन मित्रा ने पीड़िता के साथ हुई घटना के लिए उसके भाग्य को जिम्मेदार ठहराया. इसके बाद, मौजूदा सांसद कल्याण बनर्जी ने इस घटना को महत्वहीन बताते हुए बेतुकी टिप्पणी की और कहा कि अगर एक दोस्त अपने दोस्त के साथ बलात्कार करता है तो क्या किया जा सकता है?'
अमित मालवीय ने आगे लिखा, 'अब, इस भ्रष्ट शासन का एक और चेहरा, राज्य के सिंचाई मंत्री मानस भुनिया ने इस अत्याचार को एक छोटी घटना बताकर टाल दिया और पार्टी कार्यकर्ताओं से इसे नजरअंदाज करके आगे बढ़ने का आग्रह किया. इस जघन्य अपराध पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चुप्पी से इन नेताओं को ताकत मिल रही है. एक युवा लड़की को अपनी आकांक्षाओं की कीमत चुकानी पड़ रही है. टीएमसी की स्टूडेंट विंग के नेताओं ने उसके साथ क्रूरता की और उसका वीडियो भी बनाया. और अब ममता बनर्जी के कैबिनेट मंत्री इस तरह जवाब देते हैं? उपहास, बर्खास्तगी और पूरी क्रूरता के साथ?'
बीजेपी आईटी सेल हेड ने कहा, 'यह सिर्फ एक अपराध नहीं है. यह उस पार्टी का लक्षण है जिसने स्त्री-द्वेष को संस्थागत बना दिया है. यह ममता बनर्जी का बंगाल है- जहां एक महिला की गरिमा तब तक बर्बाद की जा सकती है, जब तक बलात्कारी सही राजनीतिक नारा लगाता रहे.' अपने बयान को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे मंत्री मानस रंजन भुनिया ने सफाई पेश की. उन्होंने कहा कि मैंने लॉ कॉलेज की घटना पर एक भी शब्द नहीं बोला. उन्होंने मीडिया कर्मियों से कहा, 'मैंने अपने संबोधन में कस्बा (लॉ कॉलेज इसी इलाके में स्थित है) का जिक्र कब किया?'
तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा मेरा बयान: मंत्री मानस भुनिया
मानस रंजन भुनिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा, 'मुझे इस बात पर गहरा सदमा लगा है कि एक घटना को मेरे नाम से तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है. मुझे कोई आपत्ति नहीं है. कुछ लोग कह सकते हैं कि यह लोकतांत्रिक अधिकार है, संवैधानिक अधिकार है. लेकिन संविधान ने मुझे अपने आत्मसम्मान की रक्षा करने का अधिकार भी दिया है. अगर जरूरत पड़ी तो मैं कानूनी कार्रवाई भी करूंगा. मैं जनता से हाथ जोड़कर माफी मांगूंगा. लेकिन मैं ऐसा नहीं करूंगा. मैं विरोध करने के लिए पैदा हुआ हूं. मैं सीपीएम के जुल्म के खिलाफ खड़े होने और लड़ने के लिए पैदा हुआ हूं. इसलिए मैं इस दौरान यह कल्पना भी नहीं कर सकता कि मेरे बारे में ये सारे विवाद पैदा किए गए हैं.'
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उन्होंने आगे कहा, 'लेकिन मैंने कस्बा की घटना का जिक्र कहां किया? क्या इसका कस्बा वाले मेरे बयान से कोई संबंध है? यह पूरी तरह से भ्रामक है, जानबूझकर अपमानित करने के लिए, बेइज्जती करने के लिए जोड़ा गया है. मैं मीडिया का सम्मान करता हूं. संविधान का चौथा स्तंभ मीडिया है. मेरा अधिकांश राजनीतिक जीवन विपक्षी पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में बीता है. मैं हमेशा मीडिया से जुड़ा रहा हूं और उनकी खबरें ली हैं, उन्हें खबरें दी हैं. अब इसमें बहुत इजाफा हुआ है. पहले इतना इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नहीं था.'
टीएमसी की छात्र इकाई का नेता है गैंगरेप का मुख्य आरोपी
बता दें कि कोलकाता के कस्बा इलाके में स्थित साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में 25 जून को संस्थान के पूर्व छात्र मोनोजीत मिश्रा द्वारा एक 24 वर्षीय छात्रा के साथ गार्ड रूम के अंदर गैंगरेप किया गया था. अपराध के वक्त मोनोजीत के साथ क्राइम सीन पर कॉलेज के दो और छात्र जैब अहमद और प्रतिम मुखोपाध्याय मौजूद थे, जबकि एक सिक्योरिटी गार्ड पिनाकी बनर्जी बाहर बैठा था. पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया है. मोनोजीत के साथ जैब और प्रतिम पर भी गैंगरेप की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है. सिक्योरिटी गार्ड को अपराध रोकने के लिए कुछ नहीं करने और ना ही इसकी सूचना कॉलेज प्रशासन और पुलिस को देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
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पुलिस को दी गई शिकायत में पीड़िता ने आरोप लगाया है कि उसने मोनोजीत के विवाह प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था, इसलिए उसने उसके साथ रेप किया और अपने मोबाइल फोन में वीडियो भी रिकॉर्ड किया, जिसका इस्तेमाल वह पीड़िता को ब्लैकमेल करने के लिए कर रहा था. आरजी कर रेप एंड मर्डर केस के बाद इस घटना ने पश्चिम बंगाल की टीएमसी सरकार को सवालों के घेरे में ला दिया है. विपक्षी दल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शासन के दौरान राज्य में कानून-व्यवस्था बर्बाद होने का आरोप लगा रहे हैं. बता दें कि पिछले साल 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक ट्रेनी महिला डॉक्टर की रेप के बाद हत्या कर दी गई थी.