केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए 2014 में दर्ज बैंक फ्रॉड मामले में मुख्य आरोपी और रेड नोटिस की रडार पर रहे अंगद सिंह चंडोक को भारत डिपोर्ट कराने में अहम भूमिका निभाई है. अंगद सिंह चंडोक पर बैंक धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और जालसाजी के आरोप हैं.
यह मामला 24 जुलाई 2014 को दर्ज किया गया था, जिसमें अंगद सिंह के साथ उसके परिवार के सदस्य – पिता सुरेंद्र सिंह, मां हरलीन कौर, और भाई हर्षसाहिब सिंह – भी शामिल थे. आरोप है कि इन सभी ने मिलकर बैंक के चार अन्य साथियों और कुछ बैंक अधिकारियों के साथ साजिश रच यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को गंभीर वित्तीय नुकसान पहुंचाने में संलिप्त थे.
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इंटरपोल ने जारी किया था रेड नोटिस
2016 में सभी आरोपी देश छोड़कर भाग गए और अदालत ने इन्हें सार्वजनिक घोषित आरोपियों (प्रॉक्लेम्ड ऑफेंडर) घोषित कर दिया था और इनके खिलाफ गिरफ्तार वारंट जारी किए थे. CBI ने 22 मार्च 2017 को INTERPOL के माध्यम से अंगद सिंह चंडोक के लिए रेड नोटिस जारी कराया, जिसे वैश्विक स्तर पर सभी कानून प्रवर्तन एजेंसाओं को भेजा गया.
कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेजा
अंगद सिंह चंडोक की गिरफ्तारी की कोशिश लगातार जारी रही. इसी कोशिश के तहत उसे 23 मई को अमेरिका से दिल्ली डिपोर्ट करके लाया गया, और सीबीआई ने उसे आईजीआई एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी के बाद कानूनी प्रक्रिया पूरी कर उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
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अंगद सिंह चंडोक के साथ ही उसके परिवार के अन्य सदस्य, जो इस मामले के अन्य आरोपी हैं, की वापसी के लिए भी कोशशें जारी हैं. मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी से इस लंबित धोखाधड़ी मामले की जांच और मुकदमा शुरू करने में मदद मिलेगी.