अहमदाबाद से लंदन जा रही एअर इंडिया की फ्लाइट 12 जून को क्रैश हुई थी, जिसमें 260 लोगों की मौत हुई थी. अब प्लेन क्रैश की जांच रिपोर्ट पर एअर इंडिया के सीईओ कैम्पबेल विल्सन ने पहली बार प्रतिक्रिया दी है.
एअर इंडिया सीईओ विल्सन ने कहा कि एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की ओर से जारी की गई शुरुआती जांच रिपोर्ट से पता चला है कि पिछले महीने हुए प्लेन हादसे में ना ही एयरक्राफ्ट में कोई मेंटेनेंस इश्यू था और ना ही इंजन में कोई खराबी थी.
विल्सन ने कहा कि विमान ने सभी अनिवार्य मेंटेनेंस टास्क पूरे किए थे. ईंधन की गुणवत्ता और टेकऑफ रॉल में कोई असामान्यता नहीं थी. पायलटों ने उड़ान से पहले सभी ब्रेथलाइजर टेस्ट पास किए थे. उनकी मेडिकल जांच के दौरान किसी भी तरह की चिंताजनक बात सामने नहीं आई थी.
जांच रिपोर्ट में क्या-क्या है?
एएआईबी की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि एअर इंडिया के पायलटों ने दोनों इंजनों को आखिरी समय तक स्टार्ट करने की कोशिश की थी. एक इंजन (इंजन-1) में रिकवरी शुरू भी हो गई थी. लेकिन इंजन 2 पूरी तरह फेल था.
एअर इंडिया विमान के दोनों इंजनों में फ्यूल की सप्लाई करने वाले स्विच उड़ान के तुरंत बाद बंद हो गए थे, जिससे इंजन ने काम करना बंद कर दिया. इसके तुरंत बाद कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में दोनों पायलट के बीच बातचीत रिकॉर्ड हुई है.
भारतीय समयानुसार दोपहर 1:38 बजे एअर इंडिया विमान ने उड़ान भरी और महज 26 सेकंड बाद 08:09:05 बजे पायलट ने 'MAYDAY... MAYDAY... MAYDAY...' का इमरजेंसी मैसेज दिया. इसके तुरंत बाद विमान एयरपोर्ट की सीमा से बाहर एक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकरा गया. विमान के इंजन N1 और N2 में गति धीरे-धीरे कम होती गई क्योंकि फ्यूल की सप्लाई अचानक बंद हो गई थी. हालांकि, फ्यूल टैंकों और बाउजर से लिए गए सैंपल जांच में संतोषजनक पाए गए.
बता दें कि विमान हादसे के दौरान प्लेन में कुल 242 व्यक्ति सवार थे, जिसमें 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर्स थे. इस हादसे में एक शख्स की जान बच पाई थी. प्लेन का मलबा एक हॉस्टल और आसपास की इमारतों पर गिरा था, जिसमें 19 लोगों की मौत हुई थी. इस हादसे में कुल 260 लोगों को जान गंवानी पड़ी थी.