भारतीय सेना द्वारा हाल ही में शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में मुंबई की दो अलग-अलग जगहों से दो लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. यह ऑपरेशन 7 और 8 मई की रात पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी ठिकानों पर भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा किया गया था.
'सरकारें बिना सोचे फैसले लेती हैं, तो नुकसान मासूमों का होता है'
पहला मामला मलवणी इलाके की एक 40 वर्षीय ब्यूटीशियन का है, जिसने अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. पुलिस के अनुसार, महिला ने अपने स्टेटस में लिखा, 'जब सरकारें बिना सोचे फैसले लेती हैं, तो नुकसान मासूमों का होता है, सत्ता वालों का नहीं.' इस टिप्पणी के साथ उसने ऑपरेशन को लेकर अपमानजनक शब्द भी प्रयोग किया. इसके बाद पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की और उसे पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है.
इंस्टाग्राम पर आपत्तिजनक पोस्ट
दूसरा मामला मुंबई के कुर्ला इलाके का है, जहां 20 वर्षीय एक छात्र को उसके इंस्टाग्राम पोस्ट के लिए गिरफ्तार किया गया है. पुलिस का कहना है कि छात्र ने सेना के ऑपरेशन को लेकर भारत विरोधी टिप्पणी की थी, जिसे गंभीरता से लिया गया. जांच के बाद उसे हिरासत में ले लिया गया.
ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य उन आतंकी ठिकानों को नष्ट करना था, जहां से भारत में आतंकी गतिविधियों की योजना बनाई जा रही थी. सेना ने यह कार्रवाई पीओके और पाकिस्तान की सीमा में मौजूद आतंकी ढांचों को निशाना बनाकर की. सरकार ने इसे एक आवश्यक और सटीक जवाब करार दिया है.
पुलिस ने स्पष्ट किया कि देश की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर भड़काऊ या अपमानजनक टिप्पणी करना कानून के तहत अपराध है. सोशल मीडिया पर फैलने वाली हर सूचना की निगरानी की जा रही है और गलत सूचना या देश विरोधी पोस्ट पर तुरंत कार्रवाई की जा रही है.