महाराष्ट्र में सियासी उथल-पुथल जारी है. एक तरफ उद्धव और राज ठाकरे के बीच सुलह की चर्चा है तो दूसरी ओर शरद पवार और अजित पवार के भी साथ आने की अटकलें अब तेज हो गई हैं. पिछले तीन सप्ताह में चाचा-भतीजे तीन बार मंच साझा कर चुके हैं और सोमवार को पुणे के साखर संकुल में एक जनसभा के के बाद अजित पवार और शरद पवार के बीच प्राइवेट मीटिंग भी हुई है, जो करीब 20 मिनट तक चली.
इसके बाद अजित पवार से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम काम के सिलसिले में मिलते-जुलते रहते हैं. इसमे कोई राजनीतिक चाल नहीं है. अजित पवार ने ऐसा कहकर बात टालने की कोशिश की. लेकिन शरद पवार ने इस पूरे मामले पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. इन दोनों नेताओं के बीच लगातार हो रहीं मुलाकातें और बातचीत से इनके एक बार फिर साथ आने की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है.
कब-कब हुई मुलाकात
हाल के दिनों में शरद पवार और अजित पवार की पहली मुलाकात 4 अप्रैल को हुई. यह मुलाकात वसंतदादा शुगर इंस्टीट्यूट में हुई. इस कार्यक्रम में गन्ने के उत्पादन में एआई (Artificial intelligence) का किस तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है, इस पर एक प्रेजेंटेशन भी हुआ था. इसके बाद एआई और गन्ना प्रोडक्शन को लेकर एक मीटिंग और प्रेजेंटेशन आज भी होना था. इस पूरे कार्यक्रम की जिम्मेदारी शरद पवार के भाई प्रतापराव पवार पर दी गई थी.
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चाचा-भतीजे के बीच दूसरी मुलाकात 12 अप्रैल को हुई. यह मुलाकात सातारा में हुई, जहां पर रयत शिक्षण संस्था का वार्षिक सम्मेलन था. खास बात यह है कि 12 अप्रैल को अमित शाह भी पुणे में मौजूद थे. लेकिन अजित पवार उनका कार्यक्रम छोड़कर अपने चाचा शरद पवार के साथ रयत शिक्षण संस्था के वार्षिक सम्मेलन में शामिल हुए. इस मंच पर जब बैलेंसशीट पढ़ते वक्त गलती हुई तब अजित पवार की मदद के लिए शरद पवार सामने आए थे.
तीसरी मुलाकात आज साखर संकुल में हुई. इसके बाद अजित पवार और शरद पवार की एक कमरे में निजी मीटिंग भी हुई. इस दौरान सिर्फ चाचा-भतीजे की मौजदूगी थी. लेकिन इस बैठक में क्या बातचीत हुई, इसे लेकर अब तक कोई भी जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है.
सुप्रिया सुले ने क्या कहा?
चाचा-भतीजे की मुलाकात पर शरद पवार की बेटी और एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि जब पार्टी नहीं टूटी थी, तब भी मैं पार्टी में नीचे के पायदान पर ही थी. शरद पवार, प्रफुल्ल पटेल, अजित पवार, छगन भुजबल, जयंत पाटिल जैसे नेता मेरे सीनियर ही थे. इसलिए यह मेरी प्रॉब्लम नहीं है. दरअसल, सुप्रिया से पूछा गया था कि चाचा-भतीजे के बीच क्या उनकी वजह से बात नहीं बन पा रही है, क्योंकि अजित पवार के साथ होने से पार्टी में उनका कद छोटा हो सकता है. भविष्य में शरद पवार और अजित पवार के साथ होने को लेकर सुप्रिया सुले ने कहा कि दोनों लोग जो भी फैसला लेंगे, वह मंजूर होगा.
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महाराष्ट्र की सियासत में इन दिनों उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के 20 साल बाद फिर से एक होने की चर्चाओं ने जोर पकड़ रखा है. पहले राज ठाकरे ने अपने चचेरे भाई उद्धव को सुलह करने की पेशकश की थी, जिसके जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कुछ शर्तों के साथ भाई से हाथ मिलाने के संकेत दिए हैं. हालांकि इस बारे में अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है और शिवसेना (UBT) का कहना है कि दोनों के बीच एक भावनात्मक रिश्ता है, लेकिन अभी को राजनीतिक कदम नहीं उठाया गया है.