Maharashtra Akola Tipu Sultan controversy: मुंबई के मलाड में एक मैदान का नाम 'टीपू सुल्तान' रखने को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने हैं. मुंबई में एक मैदान का नाम 'टीपू सुल्तान' रखने का विरोध करने वाली बीजेपी अकोला में इसी मुद्दे पर उलझ गई है. अकोला नगर निगम की सत्ता में भाजपा भी शामिल है. यहां नगर निगम के स्थायी समिति हॉल का नाम 'टीपू सुल्तान' रखा गया है. भाजपा के महानगर अध्यक्ष और पूर्व महापौर विजय अग्रवाल नौ साल पहले इस नाम को देने के फैसले के सूचक थे.
टीपू सुल्तान के नाम को लेकर इस समय महाराष्ट्र में सियासत गरमा रही है. इसका कारण मलाड में एक नगर पालिका मैदान का नाम 'टीपू सुल्तान' रखा जाना है. यहां टीपू सुल्तान के नाम पर एक खेल मैदान का नामकरण समारोह हाल ही में मुंबई के पालक मंत्री असलम शेख की पहल पर आयोजित किया गया था. बीजेपी ने इस नामकरण का कड़ा विरोध किया था. हालांकि मुंबई में टीपू सुल्तान नाम का विरोध करने वाली भाजपा अकोला में इसी मुद्दे पर खुद मुश्किल में है. इसी को लेकर कांग्रेस ने अकोला में बीजेपी को घेरना शुरू कर दिया है.
नगर निगम एक स्वर में पास किया था प्रस्ताव
अकोला नगर निगम के नेता विपक्ष कांग्रेस साजिद खान पठान ने कहा कि अकोला में नगर निगम स्थायी समिति हॉल को 'टीपू सुल्तान' नाम दिया गया है. नगर निगम ने एक स्वर से यह प्रस्ताव पारित किया था. उस समय नगर निगम में कांग्रेस और प्रकाश अंबेडकर की भारिप बहुजन पार्टी सत्ता में थी. भाजपा के मौजूदा अध्यक्ष और पूर्व महापौर विजय अग्रवाल इस प्रस्ताव के सूचक थे, तब विजय अग्रवाल कांग्रेस के साथ थे.
उन्होंने कहा कि हालांकि अब भाजपा महानगर अध्यक्ष विजय अग्रवाल ने इस मुद्दे से अपनी कन्नी काटते हुए कहा कि उस समय इस विषय को लेकर सूचक और अनुमोदक कोई भी हो सकते हैं, लेकिन इसका मेरा आज भी विरोध है और कल भी विरोध था. ऐसा बयान देकर वह इस मुद्दे से बचते नजर आ रहे हैं.
शिवसेना ने किया था नामकरण का विरोध
अब इस मुद्दे को लेकर अकोला की राजनीति में गरमी आ रही है. राज्य के महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना टीपू सुल्तान के मुद्दे पर बहस कर रहे हैं. इस मुद्दे पर कांग्रेस और एनसीपी 'टीपू सुल्तान' के मुद्दे पर एक तरफ हैं. अकोला में दस साल पहले इस नामकरण का विरोध करने वाली शिवसेना अब भी अपने रुख पर अड़ी है.
नगर शिवसेना समूह के नेता और महापौर अकोला राजेश मिश्रा ने कहा कि टीपू सुल्तान का मुद्दा अकोला में भाजपा के लिए विवाद का विषय हो सकता है. क्या महापालिका में विजय अग्रवाल की 'सूचक' की भूमिका अकोला में बदलती राजनीति का संकेत देती है?