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Gwalior: बेटे का अंतिम संस्कार कर गम में डूबा था परिवार, अगले ही दिन वह एक दुकान के बाहर बैठा दिखा!

ग्वालियर के इंदरगंज इलाके में रोहित कुशवाहा रहता है. वह पैरालिसिस का शिकार है. कुछ दिन पहले वह अचानक घर से लापता हो गया था. उसके लापता होने की शिकायत परिवार ने थाने में की थी. उसकी खूब खोजबीन हुई लेकिन उसका कोई पता नहीं चल सका था.

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अंतिम संस्कार के एक दिन बाद रोहित परिवार को जीवित मिला
अंतिम संस्कार के एक दिन बाद रोहित परिवार को जीवित मिला
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कुछ दिन पहले घर से लापता हो गया था बेटा
  • अज्ञात शव बेटे का समझकर कर दिया अंतिम संस्कार

कुछ दिन पहले जिसका अंतिम संस्कार किया गया हो अगर वह जीवित दिख जाए तो पैरों तले जमीन खिसकना लाजमी है. ऐसा ही कुछ मध्यप्रदेश के ग्वालियर में हुआ. यहां परिजनों ने अपने बेटे का अंतिम संस्कार किया था लेकिन बाद में पता चला कि वह तो जीवित है. बहरहाल परिवार तो इस खबर से बेहद खुश है लेकिन पुलिस परेशान हो गई है. अब पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि जिस शख्स का अंतिम संस्कार किया गया, आखिर वो कौन था. 

इसलिए परिजनों को शव पहचानने में हुआ धोखा

ग्वालियर के इंदरगंज थाना इलाके की नौ गजा रोड पर रोहित कुशवाहा रहता है. कुछ दिन पहले वह लापता हो गया था. परिवार ने इसकी सूचना पुलिस को दी थी. कुछ दिन बाद पता चला कि ग्वालियर के महाराज बाड़ा के पास छतरी पार्क में एक युवक का शव मिला है. रोहित पैरालिसिस का शिकार था और जिस युवक का शव परिजनों को दिखाया गया था, उसे भी पैरालिसिस था. इसी बात का धोखा खाकर परिजन उसे अपने बेटे का शव समझकर घर ले आए फिर उसका अंतिम संस्कार कर दिया.

एक दिन बाद दुकान के बाहर बैठा दिखा बेटा

अंतिम संस्कार के बाद अगले दिन जब रोहित के परिजन श्मशान घाट अन्य क्रिया कर्म के लिए जा रहे थे तभी उन्हें पता चला कि जिस व्यक्ति का उन्होंने अंतिम संस्कार किया है, वह उनका बेटा नहीं है. उनका बेटा गिरवाई इलाके में किसी दुकान पर बैठा हुआ है. परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी. इंदरगंज थाना पुलिस दुकान पर पहुंची और युवक से पूछताछ की गई तो वह रोहित कुशवाहा ही निकला. इसके बाद कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद रोहित को परिजन अपने साथ ले गए. 
 

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