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28 मौतें, गोलियों की दहशत, सैलानियों की टारगेट किलिंग... पहलगाम टेरर अटैक की पढ़ें एक-एक डिटेल

अनंतनाग दक्षिण कश्मीर में आता है और ये घटना अनंतनाग जिले के पहलगाम से 6 किमी दूर स्थित पर्यटन स्थल बैसरन घाटी में हुई है. मंगलवार दोपहर में पर्यटक यहां घूम रहे थे. इसी बीच, दोपहर 2.45 बजे करीब छह आतंकी पहुंचे और अलग-अलग जगहों पर अटैक कर दिया. आतंकियों ने वहां मौजूद 45 पर्यटकों के समूह पर गोलियां बरसाईं. इनमें 28 टूरिस्ट की मौत हो गई.

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पहलगाम में सेना सर्च ऑपरेशन चला रही है
पहलगाम में सेना सर्च ऑपरेशन चला रही है

कश्मीर की वादियां एक बार फिर दहशतगर्दों की गोलियों से थर्रा उठी हैं. आतंकियों ने अनंतनाग जिले के पहलगाम में खुलेआम नरसंहार किया है. जिन वादियों में देशभर से सैलानी घूमने पहुंचे थे, उसी वादी में दहशतगर्दों ने सैलानियों का पहले धर्म पूछा और फिर मौत के घाट उतार दिया. आतंकियों ने हैवानियत की सारी हदों को पार कर दिया. किसी पत्नी के आंखों के सामने आतंकियों ने पति को गोली मार दी, किसी की आंखों के सामने परिजन को मार दिया. दहशतगर्दों ने एक-दो नहीं, बल्कि 28 सैलानियों को चुन-चुन कर मारा. दहशतगर्दी का ऐसा खौफनाक खेल खेला गया कि सुनकर किसी की भी रूह कांप उठे. चश्मदीदों ने जो देखा और उन पर जो गुजरी... आतंकियों की गोली से जो बच गए, उनकी आपबीती कलेजा चीर देने वाली है. जानिए पूरे घटनाक्रम को...

अनंतनाग दक्षिण कश्मीर में आता है और ये घटना अनंतनाग जिले के पहलगाम से 6 किमी दूर स्थित पर्यटन स्थल बैसरन घाटी में हुई है. मंगलवार दोपहर में पर्यटक यहां घूम रहे थे. इसी बीच, दोपहर 2.45 बजे करीब छह आतंकी पहुंचे और अलग-अलग जगहों पर अटैक कर दिया. आतंकियों ने वहां मौजूद 45 पर्यटकों के समूह पर गोलियां बरसाईं. इनमें 28 टूरिस्ट की मौत हो गई, जबकि 17 से ज्यादा लोग घायल हैं. मरने वालों में दो स्थानीय नागरिक शामिल हैं. आतंकी हमले के बाद जम्मू कश्मीर से दिल्ली तक हाईअलर्ट है. 

घायलों का कैसे रेस्क्यू?

बेसरन में घास से घिरा बड़ा मैदान है. बैसरन तक सिर्फ पैदल या घोड़ों के जरिए ही पहुंचा जा सकता है. हमले के बाद सुरक्षाबल पहलगाम से बेसरन पहुंचे. घायलों को निकालने के लिए हेलिकॉप्टर लगाए गए. कुछ घायलों को पहले पहलगाम में प्राथमिक उपचार दिया गया. उसके बाद जीएमसी अस्पताल अनंतनाग और श्रीनगर एम्स ले जाया गया.

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Pahalgam attack

हमले के बाद कैसा था मंजर?

बैसरन में हमले की खबर मिलते ही पहलगाम की सड़कों पर सन्नाटा पसर गया. घास के मैदान में लोगों ने किसी तरह छिपकर जान बचाई. कुछ पर्यटकों के वीडियो सामने आए हैं, जो हमले के बारे में जानकारी दे रहे हैं और बचकर भागते देखे जा रहे हैं. बड़ी संख्या में पर्यटक होटल छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर चले गए. मारे गए और घायल लोगों के परिवारों को कड़ी सुरक्षा के बीच पहलगाम क्लब ले जाया गया.

पहलगाम हमला

बैसरन को क्यों बनाया टारगेट?

दरअसल, पहलगाम से बेसरन की दूरी 6 किमी है. पूरा इलाका पहाड़ों और घने जंगलों से घिरा है और काफी ऊंचाई पर स्थिति है. यहां तक वाहन भी नहीं पहुंच पाते हैं. यह पर्यटकों और ट्रैकर्स की पसंदीदा जगह है. इलाके में सुरक्षाबलों की तैनाती भी नहीं रहती है. पर्यटकों ने भी यही बताया कि जब आतंकियों ने हमला किया, तब वहां कोई फोर्स नहीं थी. चूंकि, घने जंगल के कारण भागना और छिपना आसान था, इसलिए नरसंहार के बाद आतंकी गायब हो गए. सूत्रों के मुताबिक इस एरिया में मोबाइल नेटवर्क और सुरक्षा बलों का बैकअप पहुंचने के समय को भी आतंकियों ने नोटिस किया था, उसके बाद हमले की प्लानिंग की गई होगी. 

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Pahalgam attack

किसने आतंकी हमला किया?

हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन टीआरएफ ने ली है. सूत्रों के मुताबिक TRF और लश्कर के ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) की भी मदद ली गई है. सुरक्षा एजेंसियां इस एंगल पर छानबीन कर रही हैं. TRF का हिट स्क्वाड फाल्कन स्क्वाड है जो कि 'हिट एंड रन' की तकनीक पर काम करता है. सूत्रों के मुताबिक पिछले कुछ दिनों में ओवर ग्राउंड वर्कर की मदद से इस घाटी की रेकी की होगी, जिसके आधार पर आतंकियों ने हमला किया है.

पहलगाम हमला

कितना बड़ा हमला?

पर्यटकों पर यह 25 साल का सबसे बड़ा आतंकी हमला है. इससे पहले 2000 में अमरनाथ बेस कैंप पर हमले में 30 से ज्यादा नागरिक मारे गए थे और 60 घायल हुए थे. 2019 में घाटी के पुलवामा में भी बड़ा घातक हमला हुआ था. पीडीपी सहित तमाम संगठनों विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है और बुधवार को जम्मू कश्मीर बंद का आह्वान किया है. खुफिया सूत्र बताते हैं कि दहशतगर्दों ने पर्यटन स्थलों और होटलों की रेकी की थी. 300 राउंड फायरिंग की. 

Pahalgam attack

आतंकियों ने किसे बनाया टारगेट?

चश्मदीद बताते हैं कि आतंकवादी आर्मी और पुलिस की वर्दी पहनकर आए थे और मास्क लगाए थे. ये सभी मिनी स्विटजरलैंड कहे जाने वाले घास के मैदान में घुसे और गोलीबारी की. आतंकियों ने धर्म पूछकर पुरुषों को ही निशाना बनाया. एक महिला पर्यटक का कहना था कि आतंकियों ने पहले मेरे पति का धर्म पूछा और फिर मार दिया. हमले में मारे गए कर्नाटक के मंजूनाथ की पत्नी ने बताया कि जब उन्होंने आतंकियों से कहा कि आपने मेरे पति को मार दिया. मुझे भी मार दो. आतंकी बोला कि तुम्हे नहीं मारेंगे, जाओ मोदी को बता दो. 

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टूरिस्ट ने क्या बताया?

एक अन्य टूरिस्ट ने बताया कि हम सभी घूम रहे थे. कुछ लोग वहां रेस्टोरेंट में खाना खा रहे थे. अचानक गोलियों की आवाज गूंजी और अफरा-तफरी मच गई. हमलावर आतंकी अलग-अलग ग्रुप में थे. इनकी संख्या करीब 4 से 6 हो सकती है. आतंकी पूरे मैदान में घूम-घूमकर करीब से गोलियां चला रहे थे. करीब 10 से 15 मिनट तक आतंकियों ने पूरे इलाके में खूनी खेल खेला. उसके बाद भाग निकले. मैदान में चारों तरफ खून से लथपथ लोग पड़े थे.  कोई कुर्सी पर पड़ा था, कोई जमीन पर गिरा मिला. 

Pahalgam attack

बचाने के लिए कोई नहीं था...

चश्मदीद भी बताते हैं कि मौके पर सुरक्षा बलों का नामों निशान नहीं था. दहशतगर्दों से बचाने के लिए कोई नहीं था. गोलियों से जख्मी लोग तड़पते रहे, जिंदगी बचाने की भीख मांगते रहे, लेकिन यहां खौफ के सिवाय कुछ नहीं था. दहशतगर्दों ने सैलानियों को चुना. गोली मारने से पहले सैलानियों का धर्म पूछा. फिर चुन-चुन कर सैलानियों को गोली मारी. आतंकियों का टारगेट पहले से तय था. हमले को रोकना तो छोड़िए, दहशतगर्द हमले को अंजाम देते हैं, सैलानियों को अपनी गोलियों का शिकार बनाते हैं और मौके से फरार हो जाते हैं. यानी सुरक्षा के तमाम दावे सिर्फ और सिर्फ खोखले साबित हुए. आतंक के चश्मदीद अभी तक सदमे से उभर नहीं पाए हैं.

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खुफिया एजेंसी को क्या आशंका?

बैसरन घाटी में जहां आतंकी हमला हुआ, उसके पास से एक संदिग्ध बाइक बरामद की गई है. काले रंग की इस बाइक पर कोई नंबर प्लेट नहीं है. खुफिया एजेंसियों के मुताबिक आतंकी हमले में एक से ज्यादा गाड़ियों का इस्तेमाल हुआ है. शक है कि टीआरएफ के ऑन ग्राउंड वर्कर की सकी मदद से आतंकियों के लिए वाहनों का इंतजाम किया गया. फिलहाल, इस संदिग्ध बाइक की जांच की जा रही है.

Pahalgam attack

सेना का क्या प्लान?

सेना ने आशंका जताई कि संभव है कि आतंकी जम्मू के किश्तवाड़ से दक्षिण कश्मीर पहुंचे और कोकरनाग के रास्ते बैसरन पहुंच हों. पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है. ड्रोन की मदद ली जा रही है. हेलिकॉप्टर से तलाश की जा रही है. चारों ओर घेराबंदी की गई है. आज से बड़ा साझा ऑपरेशन शुरू किया जाएगा और दहशतगर्दों का खात्मा किया जाएगा. मंगलवार से ही आर्मी, CRPF, SOG, जम्मू कश्मीर पुलिस ने पूरे इलाके को घेर रखा है. हेलिकॉप्टर और ड्रोन का इस्तेमाल कर आतंकियों की तलाश की जा रही है. बुधवार सुबह दिल्ली से NIA की टीम श्रीनगर पहुंच गई. एनआईए की एक अन्य टीम भी श्रीनगर पहुंचेगी.

क्या बदला लेगा भारत?

सवाल ये है कि क्या 2019 की तरह, 2025 में भारत बदलेगा लेगा. क्योंकि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में साल 2019 में सीआरपीएफ के काफिले पर जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार ने हमला किया था, जिसमें 40 जवान शहीद हुए थे. ये 1989 के बाद कश्मीर में सबसे घातक हमला था. भारत ने 26 फरवरी 2019 को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की, जिसमें 300 से अधिक आतंकियों के मारे जाने का दावा किया गया.

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अभी क्या स्थिति?

जम्मू-चंडीमढ़ (पुंछ) से हीरपुर (शोपियां) कश्मीर तक 35 किमी का रास्ता बंद किया गया है. संवेदनशील इलाका होने की वजह से किसी को आगे जाने की अनुमति नहीं है. जम्मू और कश्मीर के लोकल लोग अपने कामकाज या आवाजाही को लेकर पिछले 30 घंटों से 8 किमी लंबे जाम में फंसे हैं. वेस्ट बंगाल, महाराष्ट और ओडिशा से आए टूरिस्ट भी डरे और सहमे हुए हैं. किश्तवाड़ और चंडीमढ़ से जो रास्ता कश्मीर को जाता है, वहां पर ट्रैफिक रोका गया है. चंडीमढ़ में आम दिन में भी रात 10 बजे से सुबह 4 बजे तक रास्ता संवेदनशील इलाका होने की वजह से बंद किया जाता है लेकिन मंगलवार से आवाजाही को शाम 6 बजे से सुबह 9 बजे तक रोका गया है. लोगों की सुरक्षा को लेकर एहतियात बरता जा रहा है.

एक्शन में मोदी सरकार

कश्मीर में यह हमला तब हुआ, जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत के दौरे पर हैं. अमरनाथ यात्रा से पहले पर्यटकों ने घाटी को खून से लहूलुहान किया है. जैसे ही पहलगाम में आतंकी हमले की खबर आई तो मोदी सरकार एक्शन में आ गई. कश्मीर से लेकर दिल्ली तक हलचल मच गई. पीएम मोदी सऊदी अरब से सीधे गृहमंत्री अमित शाह को फोन किया. फिर दिल्ली में हाई लेवल की मीटिंग हुई और उसके बाद अमित शाह जम्मू-कश्मीर के लिए रवाना हो गए. पीएम मोदी ने गृह मंत्री को तत्काल कार्रवाई करने और घटनास्थल पर जाने के लिए कहा था. 

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गृह मंत्री शाह ने डाला डेरा

बुधवार सुबह पीएम मोदी सऊदी अरब के दौरे से लौट आए हैं. उन्होंने सुबह एयरपोर्ट पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मीटिंग की. NSA, विदेश सचिव और विदेश मंत्री से मुलाकात की. इससे पहले मंगलवार देर शाम श्रीनगर में गृह मंत्री शाह ने जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के साथ मंथन किया और सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए. गृह मंत्री आज पहलगाम जाएंगे.

दुनियाभर के देशों ने क्या कहा...

आतंकी हमले की अमेरिका, रूस, फ्रांस और इजरायल समेत दुनियाभर के तमाम देशों ने ना सिर्फ निंदा की, बल्कि हमले के जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की वकालत की. इन देशों ने भारत के साथ खड़े होने की बात कही है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, हमारा देश आतंकवाद के खिलाफ जंग में भारत के साथ खड़ा है. ट्रंप ने पीएम मोदी से फोन पर बात की और कहा- आतंक के खिलाफ साथ देंगे. सऊदी अरब ने भी मदद की पेशकश की. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में साथ होने की बात कही है.

Pahalgam attack

यूपी में भी अलर्ट

आतंकी हमले के बाद उत्तर प्रदेश में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है. हमले के बाद सभी जिलों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं. सभी कमिश्नरेट और जिलों को संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने को कहा गया है. साथ ही प्रमुख धार्मिक स्थलों, पर्यटन केंद्रों, रेलवे स्टेशन, बस अड्डों और हवाई अड्डों पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. देर शाम डीजीपी प्रशांत कुमार की अध्यक्षता में वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक हुई, जिसमें सुरक्षा को लेकर अहम दिशा-निर्देश दिए गए. नेपाल सीमा पर भी निगरानी और चौकसी बढ़ा दी गई है.

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